धनबाद: जिले के 6 विधानसभा सीटों में से झरिया सीट बेहद खास मानी जाती है. सिंह मेंशन और रघुकुल एक बार फिर से झरिया के मैदान में आमने-सामने होंगे. इस सीट पर शुरू से ही लगभग एक ही परिवार का कब्जा बराबर रहा है. पिछले चुनाव में दो चचेरे भाइयों के बीच जंग हुई थी, इस बार एक ही परिवार की जेठानी और देवरानी आमने-सामने होंगी. बीजेपी के टिकट पर जेल में बंद संजीव सिंह की पत्नी रागिनी सिंह और स्वर्गीय नीरज सिंह की पत्नी पूर्णिमा सिंह कांग्रेस के टिकट पर झरिया से चुनाव लड़ेगी.
वर्तमान विधायक संजीव सिंह जेल में बंद
गौरतलब है कि 2014 के विधानसभा चुनाव में संजीव सिंह और नीरज सिंह दो चचेरे भाई आपस में झरिया सीट से चुनाव मैदान में थे, लेकिन इस चुनाव में नीरज सिंह की हत्या हो जाने के बाद उनकी पत्नी पूर्णिमा नीरज सिंह कांग्रेस से झरिया के मैदान में उतर रही हैं. वहीं, दूसरी तरफ नीरज सिंह की हत्या के मामले में वर्तमान विधायक संजीव सिंह जेल में बंद हैं, जिसके कारण उनकी पत्नी रागिनी सिंह को बीजेपी ने टिकट दिया है. हालांकि संजीव सिंह ने भी कोर्ट में आवेदन देकर चुनाव लड़ने की इच्छा जताई थी. जिस पर कोर्ट से हरी झंडी मिल गई है. अब देखने वाली बात यह होगी कि रागिनी सिंह और संजीव सिंह दोनों में से कौन झरिया के मैदान में आते हैं.
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पूर्णिमा सिंह ने लगाया विकास नहीं होने का आरोप
पूर्णिमा नीरज सिंह ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में कहा कि झरिया का पिछले 15 सालों में जो विकास होना चाहिए था, वह नहीं हो पाया है. उन्होंने कहा कि वह विकास के मुद्दे को लेकर झरिया के जनता के बीच जा रही हैं. विस्थापन, शिक्षा, स्वास्थ्य, पानी जैसे कई मूलभूत सुविधाओं से आज तक झरिया की जनता महरूम है. इस बार झरिया की जनता के पास अच्छा मौका है कि वह अपने बुद्धि विवेक का परिचय देकर सही प्रत्याशी को चुने.
जनता चुने अच्छे प्रत्याशी को
पूर्णिमा नीरज सिंह ने कहा कि पढ़े-लिखे और शिक्षित प्रत्याशी को जनता चुनती है. इन सब चीजों से लोगों को बचना चाहिए और अच्छे प्रत्याशी को देखकर ही प्रत्याशी का चुनाव किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि झरिया की जनता इस बार जरूर अच्छे प्रत्याशी को चुनने का काम करेगी. पूर्णिमा नीरज सिंह ने कहा कि आरोप-प्रत्यारोप लगाना ठीक नहीं लेकिन जनता के पास जब मौका हो तो जनता को सही प्रत्याशी का चुनाव करना चाहिए.
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ईटीवी भारत से खास बातचीत में पूर्णिमा नीरज सिंह ने कहा कि झरिया की जनता का पूरा समर्थन मिल रहा है. स्वर्गीय नीरज सिंह के किए गए कार्यों की बदौलत झरिया की जनता इस बार आशीर्वाद देकर विधानसभा भेजने की काम झरिया की जनता करेगी. फिलहाल झरिया से रहे पूर्व मंत्री आबो देवी ने राष्ट्रीय जनता दल को छोड़कर आजसू में शामिल हो गई हैं. आजसू कोटे से झरिया से उम्मीदवार हो सकती है ऐसे में देवरानी और जेठानी के बीच आबो देवी भी चुनाव मैदान में रहेंगी जिससे मामला त्रिकोणीय हो सकता है.
कुल मिलाकर अगर यह देखा जाए तो चुनाव के समय में नेताओं का एक दल से दूसरे दल में आना जाना लगा रहता है. हर हाल में प्रत्याशी चुनाव जीतने की जुगाड़ में लगे रहते हैं. ऐसे में झरिया विधानसभा की सीट पर भी इस बार काफी दिलचस्प मुकाबला देखने को मिलेगा.