धनबाद: जिले में गरीब तबके के लोगों को सस्ती दवाइयां मिल सके इसके लिए प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र की शुरुआत की गई थी, लेकिन यह योजना धनबाद में दम तोड़ती नजर आ रही है. 2016 में राज्य में इस योजना की शुरुआत हुई थी. सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर इसकी शुरुआत की जानी थी, लेकिन पिछले चार सालों में जिले के एक मात्र शहीद निर्मल महतो चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल (SNMMCH) को छोड़कर अन्य कहीं भी इस योजना की शुरूआत नहीं हुई.
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धनबाद के SNMMCH में भी इस योजना की शुरुआत जरूर हुई, लेकिन यहां भी योजनाएं ढाक के तीन पात साबित हुईं. पिछले 3 महीनों से यहां भी एक भी दवा उपलब्ध नहीं है. केंद्र पूरी तरह से खाली है. संचालक ने बताया कि कुल मिलाकर 250 तरह की दवाएं यहां मिलती हैं, लेकिन अभी फिलहाल नहीं है. केंद्र पर दवाइयां नहीं मिलने के कारण लोगों को महंगी दवाइयां खरीदनी पड़ रही है.
तीन महीने से जन औषधि केंद्र में नहीं हैं दवाइयां
एसएनएमएमसीएच अधीक्षक का कहना है कि 3 महीनों से जन औषधि केंद्र में दवाइयां नहीं हैं. इसके लिए विभाग को पत्र भी लिखा गया है. उम्मीद है कि दवाएं जल्द उपलब्ध हो जाएंगी. महंगी दवाओं के बारे में अधीक्षक का कहना है कि मरीजों को जरूरत के आधार पर डॉक्टर दवा लिखते हैं.
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जल्द खुलेगा जन औषधि केंद्र
पूरे जिले में सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर जन औषधि केंद्र खोला जाना था, लेकिन चार साल बीत गए और सिर्फ एसएनएमएमसीएच को छोड़कर अन्य कहीं भी जन औषधि केंद्र नहीं खोला गया. ड्रग इंस्पेक्टर रंजीत चौधरी का कहना है कि फार्मासिस्ट की कमी है, लेकिन प्रयास जारी है, जल्द ही जन औषधि केंद्र खोल दी जाएगी, जहां पर लोगों को सस्ती कीमतों में दवाइयां उपलब्ध कराई जाएगी.