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धनबाद में रेलवे कर्मचारियों ने किया प्रदर्शन, कहा- नहीं होने देंगे निजीकरण

धनबाद में रेल कर्मचारियों ने ईसीआरकेयू के बैनर तले स्टेशन परिसर में रेल बचाओ देश बचाओ कार्यक्रम के तहत प्रदर्शन किया. इस दौरान उन्होंने केंद्र में भाजपा सरकार पर लोकतांत्रिक मूल्यों का हनन करने का आरोप भी लगाया है.

protest in dhanbad
धनबाद में प्रदर्शन
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Published : Aug 9, 2020, 3:03 PM IST

धनबाद: ऑल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन के तत्वाधान और ईस्ट सेंट्रल रेलवे कर्मचारी यूनियन के आह्वान पर आज धनबाद के रेल कर्मचारियों ने ईसीआरकेयू के बैनर तले स्टेशन परिसर में रेल बचाओ देश बचाओ कार्यक्रम के तहत प्रदर्शन किया. इसके तहत बंद डिपो में घूम घूम कर रेल कर्मचारियों के साथ गेट मीटिंग कर कर्मचारियों को जागरूक किया गया. इसके बाद धनबाद रेलवे स्टेशन के सामने एकजुट होकर प्रदर्शन किया.

ये भी पढ़ें: देवघरः सेप्टिक टैंक की सफाई के दौरान दर्दनाक हादसा, दम घुटने से 6 लोगों की मौत

इस दौरान उन्होंने कहा कि केंद्र में भाजपा सरकार लोकतांत्रिक मूल्यों का हनन कर रही है. ऐसे में भारत सरकार की रेल नीति का पूरी तरह से हम विरोध करते हैं और जरूरत पड़ने पर आंदोलन को उग्र करने के लिए यूनियन बाध्य होगी. इस दौरान एके दा, एनके खवास, टी के साहू, एसके प्रसाद, एनजी सुभाष जेके साहू, प्रशांत बनर्जी, बीके सिंह, विश्वजीत मुखर्जी,अरुण कुमार दास, सुबोध कुमार सिंह, राजू चौबे, आरके प्रसाद, आरके सिंह,सोमेन दत्ता, कुशवाह, एस एन पासवान, रीतलाल, रंजीत, आरके मंडल, कौशल शंभू,संदीप खमरु, ए पुराण आदि उपस्थित थे.

सरकार ने 109 जोड़ी ट्रेन चलाने के लिए मांगा था प्रपोजल

बता दें कि केंद्र सरकार ने रेलवे में निजीकरण की तरफ पहला बड़ा कदम उठा लिया है. रेल मंत्रालय ने 109 रुट्स पर यात्री ट्रेनें चलाने के लिए प्राइवेट पार्टीज को इनविटेशन दिया है. इसके लिए प्राइवेट पार्टीज को 30 हजार करोड़ का निवेश करना होगा. पहली बार रेलवे में यात्री ट्रेन चलाने के लिए प्राइवेट पार्टी को आमंत्रित किया गया है. रेलवे के मुताबिक इसका मकसद भारतीय रेल में नई तकनीक का विकास करना है ताकि मेंटेनेंस कॉस्ट को कम किया जा सके. इसके अलावा रेलवे का दावा है कि इससे नई नौकरियों के अवसर भी पैदा होंगे.

धनबाद: ऑल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन के तत्वाधान और ईस्ट सेंट्रल रेलवे कर्मचारी यूनियन के आह्वान पर आज धनबाद के रेल कर्मचारियों ने ईसीआरकेयू के बैनर तले स्टेशन परिसर में रेल बचाओ देश बचाओ कार्यक्रम के तहत प्रदर्शन किया. इसके तहत बंद डिपो में घूम घूम कर रेल कर्मचारियों के साथ गेट मीटिंग कर कर्मचारियों को जागरूक किया गया. इसके बाद धनबाद रेलवे स्टेशन के सामने एकजुट होकर प्रदर्शन किया.

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इस दौरान उन्होंने कहा कि केंद्र में भाजपा सरकार लोकतांत्रिक मूल्यों का हनन कर रही है. ऐसे में भारत सरकार की रेल नीति का पूरी तरह से हम विरोध करते हैं और जरूरत पड़ने पर आंदोलन को उग्र करने के लिए यूनियन बाध्य होगी. इस दौरान एके दा, एनके खवास, टी के साहू, एसके प्रसाद, एनजी सुभाष जेके साहू, प्रशांत बनर्जी, बीके सिंह, विश्वजीत मुखर्जी,अरुण कुमार दास, सुबोध कुमार सिंह, राजू चौबे, आरके प्रसाद, आरके सिंह,सोमेन दत्ता, कुशवाह, एस एन पासवान, रीतलाल, रंजीत, आरके मंडल, कौशल शंभू,संदीप खमरु, ए पुराण आदि उपस्थित थे.

सरकार ने 109 जोड़ी ट्रेन चलाने के लिए मांगा था प्रपोजल

बता दें कि केंद्र सरकार ने रेलवे में निजीकरण की तरफ पहला बड़ा कदम उठा लिया है. रेल मंत्रालय ने 109 रुट्स पर यात्री ट्रेनें चलाने के लिए प्राइवेट पार्टीज को इनविटेशन दिया है. इसके लिए प्राइवेट पार्टीज को 30 हजार करोड़ का निवेश करना होगा. पहली बार रेलवे में यात्री ट्रेन चलाने के लिए प्राइवेट पार्टी को आमंत्रित किया गया है. रेलवे के मुताबिक इसका मकसद भारतीय रेल में नई तकनीक का विकास करना है ताकि मेंटेनेंस कॉस्ट को कम किया जा सके. इसके अलावा रेलवे का दावा है कि इससे नई नौकरियों के अवसर भी पैदा होंगे.

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