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धनबाद में पोषण सखियों ने विधायक आवास का किया घेराव, मानदेय बढ़ाने के बदले कर दिया गया सेवा मुक्त

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Published : Mar 31, 2022, 5:13 PM IST

धनबाद में पोषण सखियों (Poshan Sakhi in Dhanbad) ने विधायक आवास का घेराव किया है. राज्य सरकार ने इन पोषण सखियों को चयन मुक्त कर दिया है, जिससे नाराज होकर इन्होंने चरणबद्ध आंदोलन शुरू की है.

MLA residence in Dhanbad
धनबाद में पोषण सखियों ने विधायक आवास का किया घेराव

धनबादः झारखंड के आंगनबाड़ी केंद्रों पर 10 हजार से अधिक पोषण सखियां कार्यरत हैं, जिन्हें तत्काल प्रभाव से चयन मुक्त कर दिया गया है. सरकार के इस फैसले से पोषण सखियों में काफी नाराजगी है. गुरुवार को धनबाद में कार्यरत पोषण सखियों ने झरिया विधायक पूर्णिमा नीरज सिंह के आवास का घेराव करने के साथ साथ विरोध प्रदर्शन भी किया.

यह भी पढ़ेंःझारखंड में पोषण सखियों का जारी रहेगा आंदोलन, शिक्षामंत्री पर लगाया बरगलाने का आरोप

प्रदर्शनकारी पोषण सखी अनिता देवी ने कहा कि पिछले एक साल से मानदेय नहीं दिया जा रहा है. मानदेय भुगतान करने और मानदेय बढ़ाने के साथ साथ स्थाई नियुक्ति की मांग को लेकर महीना दिन धरना-प्रदर्शन किया. शिक्षा मंत्री धरनास्थल पहुंचे और पोषण सखियों की मांग पूरा करने का आश्वासन दिया. इसके बाद धरना समाप्त कर घर लौट रहे थे, तभी राज्य सरकार ने अधिसूचना जारी कर एक झटके में सेवा मुक्त कर दिया.

देखें पूरी खबर

उन्होंने कहा कि साल 2016 से 2020 तक पोषण सखियों की बहाली की जा रही थी. एक साल से मानदेय नहीं दिया जा रहा था. उन्होंने कहा कि कोरोना काल में पोषण सखियों ने अपना घर परिवार छोड़ कर लोगों की सेवा की. सरकार के प्रत्येक दिशा-निर्देश का पालन किया. इसके बावजूद सेवा मुक्त कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि सरकार अपना फैसला वासप लें, अन्यथा उग्र आंदोलन करेंगे.

धनबादः झारखंड के आंगनबाड़ी केंद्रों पर 10 हजार से अधिक पोषण सखियां कार्यरत हैं, जिन्हें तत्काल प्रभाव से चयन मुक्त कर दिया गया है. सरकार के इस फैसले से पोषण सखियों में काफी नाराजगी है. गुरुवार को धनबाद में कार्यरत पोषण सखियों ने झरिया विधायक पूर्णिमा नीरज सिंह के आवास का घेराव करने के साथ साथ विरोध प्रदर्शन भी किया.

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प्रदर्शनकारी पोषण सखी अनिता देवी ने कहा कि पिछले एक साल से मानदेय नहीं दिया जा रहा है. मानदेय भुगतान करने और मानदेय बढ़ाने के साथ साथ स्थाई नियुक्ति की मांग को लेकर महीना दिन धरना-प्रदर्शन किया. शिक्षा मंत्री धरनास्थल पहुंचे और पोषण सखियों की मांग पूरा करने का आश्वासन दिया. इसके बाद धरना समाप्त कर घर लौट रहे थे, तभी राज्य सरकार ने अधिसूचना जारी कर एक झटके में सेवा मुक्त कर दिया.

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उन्होंने कहा कि साल 2016 से 2020 तक पोषण सखियों की बहाली की जा रही थी. एक साल से मानदेय नहीं दिया जा रहा था. उन्होंने कहा कि कोरोना काल में पोषण सखियों ने अपना घर परिवार छोड़ कर लोगों की सेवा की. सरकार के प्रत्येक दिशा-निर्देश का पालन किया. इसके बावजूद सेवा मुक्त कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि सरकार अपना फैसला वासप लें, अन्यथा उग्र आंदोलन करेंगे.

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