धनबाद: बलियापुर के बिरसा सर्विस स्टेशन पेट्रोल पंप के मालिक राकेश ग्रोवर ने मंगलवार को खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली. उन्होंने अपने ही पेट्रोल पंप के ऑफिस में इस घटना को अंजाम दिया. मामले की जानकारी मिलने के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर मामले की जांच में जुट गई है.
बताया जा रहा है कि राकेश ग्रोवर के उपर 7 करोड़ से अधिक की राशि का कर्ज हो चुका था, जिसके कारण वे पिछले कई दिनों से डिप्रेशन में चल रहे थे. इस बात का जिक्र उन्होंने अपने साथियों से भी कई बार किया था.
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घटना के बारे में पेट्रोल पंप के नाइट गार्ड कलाम की माने तो पेट्रोल पंप में बने ऑफिस का दरवाजा काफी देर से बंद था. शाम होने के बाद उनके पार्टनर आलोक अग्रवाल पेट्रोल पंप पहुंचे और वह राकेश ग्रोवर के बारे में पूछने लगे. इतने में स्टाफ ने कहा कि शायद वे अपने ऑफिस में हो सकते हैं. आलोक जब उनके ऑफिस के नजदीक पहुंचे तो ऑफिस का दरवाजा अंदर से बंद था. खिड़की से झांकने पर राकेश ग्रोवर का पैर टेबल पर और शरीर नीचे गिरा हुआ दिखा, जिसके बाद दरवाजे को तोड़ा गया और उनके परिजनों को घटना की जानकारी दी गई. आनन-फानन में राकेश ग्रोवर को सबसे पहले जालान अस्पताल ले जाया गया, जहां से डॉक्टरों ने पीएमसीएच रेफर कर दिया. पीएमसीएच के डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.
डिप्रेशन में आकर की आत्महत्या
राकेश ग्रोवर के साथी शमीम अहमद ने बताया कि वह पिछले कई दिनों से डिप्रेशन में चल रहे थे. केंद्र सरकार के अधीन चलने वाली संस्था एनबीसीसी में राकेश ग्रोवर ने भवन निर्माण का कार्य करवाया था. राकेश ने बरही में कई तरह के भवनों का निर्माण एनबीसीसी कंपनी के लिए किया, जिसमें उन्होंने कई लोगों से लगभग 7 करोड़ का कर्ज लिया था. भवन निर्माण में खर्च किए गए राशि का भुगतान एनबीसीसी ने नहीं किया था. इसके लिए उन्होंने कई बार दिल्ली का भी चक्कर लगाया था. राकेश ने धनबाद जिला और सत्र न्यायाधीश में कंपनी से राशि भुगतान के लिए केस भी किया था, लेकिन निचली अदालत में यह मामला खारिज हो चुका था. मामला खारिज होने के बाद उन्होंने हाईकोर्ट में भी अपील की थी.
अहमद ने बताया कि जिन लोगों से उन्होंने बरही में कार्य कराने के लिए रुपए लिए थे, वे अपने रुपए की मांग कर रहे थे, जिसके कारण उनकी परेशानी बढ़ गई थी. पिछले 7 दिनों से उनका पेट्रोल पंप भी बंद पड़ा था. फिलहाल पुलिस मामले की तहकीकात कर रही है.