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पेट्रोल पंप व्यवसायी ने खुद को गोली मारकर की खुदकुशी, 7 करोड़ रुपए का था कर्ज - बिरसा सर्विस स्टेशन पेट्रोल पंप के मालिक ने की आत्महत्या

धनबाद में बिरसा सर्विस स्टेशन पेट्रोल पंप के मालिक ने आत्महत्या कर ली. राकेश ग्रोवर ने एनबीसीसी में भवन निर्माण का कार्य करवाया था, जिसके लिए उन्होंने 7 करोड़ रुपये लोगों से कर्ज लिए थे. कंपनी से पैसे नहीं मिलने के कारण वो लोगों का कर्ज नहीं चुका पा रहे थे, जिसे लिकर वो डिप्रेशन में थे.

पेट्रोल पंप व्यवसायी ने खुद को मारी गोली
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Published : Nov 20, 2019, 11:47 AM IST

धनबाद: बलियापुर के बिरसा सर्विस स्टेशन पेट्रोल पंप के मालिक राकेश ग्रोवर ने मंगलवार को खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली. उन्होंने अपने ही पेट्रोल पंप के ऑफिस में इस घटना को अंजाम दिया. मामले की जानकारी मिलने के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर मामले की जांच में जुट गई है.

देखें पूरी खबर

बताया जा रहा है कि राकेश ग्रोवर के उपर 7 करोड़ से अधिक की राशि का कर्ज हो चुका था, जिसके कारण वे पिछले कई दिनों से डिप्रेशन में चल रहे थे. इस बात का जिक्र उन्होंने अपने साथियों से भी कई बार किया था.

इसे भी पढ़ें:- धनबादः पेड़ से लटका मिला युवक का शव, परिजनों ने घरेलू विवाद की बताई वजह

घटना के बारे में पेट्रोल पंप के नाइट गार्ड कलाम की माने तो पेट्रोल पंप में बने ऑफिस का दरवाजा काफी देर से बंद था. शाम होने के बाद उनके पार्टनर आलोक अग्रवाल पेट्रोल पंप पहुंचे और वह राकेश ग्रोवर के बारे में पूछने लगे. इतने में स्टाफ ने कहा कि शायद वे अपने ऑफिस में हो सकते हैं. आलोक जब उनके ऑफिस के नजदीक पहुंचे तो ऑफिस का दरवाजा अंदर से बंद था. खिड़की से झांकने पर राकेश ग्रोवर का पैर टेबल पर और शरीर नीचे गिरा हुआ दिखा, जिसके बाद दरवाजे को तोड़ा गया और उनके परिजनों को घटना की जानकारी दी गई. आनन-फानन में राकेश ग्रोवर को सबसे पहले जालान अस्पताल ले जाया गया, जहां से डॉक्टरों ने पीएमसीएच रेफर कर दिया. पीएमसीएच के डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.

डिप्रेशन में आकर की आत्महत्या
राकेश ग्रोवर के साथी शमीम अहमद ने बताया कि वह पिछले कई दिनों से डिप्रेशन में चल रहे थे. केंद्र सरकार के अधीन चलने वाली संस्था एनबीसीसी में राकेश ग्रोवर ने भवन निर्माण का कार्य करवाया था. राकेश ने बरही में कई तरह के भवनों का निर्माण एनबीसीसी कंपनी के लिए किया, जिसमें उन्होंने कई लोगों से लगभग 7 करोड़ का कर्ज लिया था. भवन निर्माण में खर्च किए गए राशि का भुगतान एनबीसीसी ने नहीं किया था. इसके लिए उन्होंने कई बार दिल्ली का भी चक्कर लगाया था. राकेश ने धनबाद जिला और सत्र न्यायाधीश में कंपनी से राशि भुगतान के लिए केस भी किया था, लेकिन निचली अदालत में यह मामला खारिज हो चुका था. मामला खारिज होने के बाद उन्होंने हाईकोर्ट में भी अपील की थी.

अहमद ने बताया कि जिन लोगों से उन्होंने बरही में कार्य कराने के लिए रुपए लिए थे, वे अपने रुपए की मांग कर रहे थे, जिसके कारण उनकी परेशानी बढ़ गई थी. पिछले 7 दिनों से उनका पेट्रोल पंप भी बंद पड़ा था. फिलहाल पुलिस मामले की तहकीकात कर रही है.

धनबाद: बलियापुर के बिरसा सर्विस स्टेशन पेट्रोल पंप के मालिक राकेश ग्रोवर ने मंगलवार को खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली. उन्होंने अपने ही पेट्रोल पंप के ऑफिस में इस घटना को अंजाम दिया. मामले की जानकारी मिलने के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर मामले की जांच में जुट गई है.

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बताया जा रहा है कि राकेश ग्रोवर के उपर 7 करोड़ से अधिक की राशि का कर्ज हो चुका था, जिसके कारण वे पिछले कई दिनों से डिप्रेशन में चल रहे थे. इस बात का जिक्र उन्होंने अपने साथियों से भी कई बार किया था.

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घटना के बारे में पेट्रोल पंप के नाइट गार्ड कलाम की माने तो पेट्रोल पंप में बने ऑफिस का दरवाजा काफी देर से बंद था. शाम होने के बाद उनके पार्टनर आलोक अग्रवाल पेट्रोल पंप पहुंचे और वह राकेश ग्रोवर के बारे में पूछने लगे. इतने में स्टाफ ने कहा कि शायद वे अपने ऑफिस में हो सकते हैं. आलोक जब उनके ऑफिस के नजदीक पहुंचे तो ऑफिस का दरवाजा अंदर से बंद था. खिड़की से झांकने पर राकेश ग्रोवर का पैर टेबल पर और शरीर नीचे गिरा हुआ दिखा, जिसके बाद दरवाजे को तोड़ा गया और उनके परिजनों को घटना की जानकारी दी गई. आनन-फानन में राकेश ग्रोवर को सबसे पहले जालान अस्पताल ले जाया गया, जहां से डॉक्टरों ने पीएमसीएच रेफर कर दिया. पीएमसीएच के डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.

डिप्रेशन में आकर की आत्महत्या
राकेश ग्रोवर के साथी शमीम अहमद ने बताया कि वह पिछले कई दिनों से डिप्रेशन में चल रहे थे. केंद्र सरकार के अधीन चलने वाली संस्था एनबीसीसी में राकेश ग्रोवर ने भवन निर्माण का कार्य करवाया था. राकेश ने बरही में कई तरह के भवनों का निर्माण एनबीसीसी कंपनी के लिए किया, जिसमें उन्होंने कई लोगों से लगभग 7 करोड़ का कर्ज लिया था. भवन निर्माण में खर्च किए गए राशि का भुगतान एनबीसीसी ने नहीं किया था. इसके लिए उन्होंने कई बार दिल्ली का भी चक्कर लगाया था. राकेश ने धनबाद जिला और सत्र न्यायाधीश में कंपनी से राशि भुगतान के लिए केस भी किया था, लेकिन निचली अदालत में यह मामला खारिज हो चुका था. मामला खारिज होने के बाद उन्होंने हाईकोर्ट में भी अपील की थी.

अहमद ने बताया कि जिन लोगों से उन्होंने बरही में कार्य कराने के लिए रुपए लिए थे, वे अपने रुपए की मांग कर रहे थे, जिसके कारण उनकी परेशानी बढ़ गई थी. पिछले 7 दिनों से उनका पेट्रोल पंप भी बंद पड़ा था. फिलहाल पुलिस मामले की तहकीकात कर रही है.

Intro:धनबाद।बलियापुर के बिरसा सर्विस स्टेशन पेट्रोल पंप के मालिक राकेश ग्रोवर ने अपने ही पेट्रोल पंप के ऑफिस में खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली।बताया जा रहा है कि 7 करोड़ से अधिक की राशि का उन पर कर्ज हो चुका था।जिसके कारण वे पिछले कई दिनों से डिप्रेशन में चल रहे थे।अपने साथियों से वह इस बात का जिक्र किया करते थे।


Body:बलियापुर के बिरसा सर्विस स्टेशन पेट्रोल पंप के मालिक ने अपनी पिस्टल से खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली।पेट्रोल पंप के नाइट गार्ड कलाम की माने तो पेट्रोल पंप में बने ऑफिस का दरवाजा काफी देर से बंद था।शाम होने के बाद उनके पार्टनर आलोक अग्रवाल पेट्रोल पंप पहुंचे और वह राकेश ग्रोवर के बारे में पूछने लगे।इतने में स्टाफ ने कहा कि शायद वे अपने ऑफिस में हो सकते हैं। आलोक जब उनके ऑफिस के समीप पहुंचे तो ऑफिस का दरवाजा अंदर से बंद पाया।ऑफिस की खिड़की से झांकने पर राकेश ग्रोवर के पैर टेबल पर पड़े थे और उसका शरीर नीचे गिरा हुआ था।शोरगुल होने के बाद अन्य स्टाफ एवं परिजन मौके पर पहुंचे और दरवाजे को तोड़ा। आनन-फानन में उन्हें सबसे पहले जलान अस्पताल ले जाया गया। जहां से डॉक्टरों ने पीएमसीएच रेफर कर दिया।पीएमसीएच के डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

उनके साथी शमीम अहमद ने बताया कि राकेश ग्रोवर पिछले कई दिनों से डिप्रेशन में चल रहे थे।केंद्र सरकार के अधीन चलने वाली संस्था एनबीसीसी में राकेश ग्रोवर के द्वारा भवन निर्माण का कार्य किया गया था। राकेश के द्वारा बरही में कई तरह के भवनों का निर्माण एनबीसीसी कंपनी के लिए किया गया था।अहमद ने बताया कि इस कार्य के लिए उन्होंने कई लोगों से कर्ज ले रखा था।7 करोड़ से अधिक की राशि राकेश के द्वारा बरही में भवनों के निर्माण में खर्च किया गया था।यह राशि कंपनी की ओर से भुगतान नहीं की गई थी। राशि के भुगतान के लिए राकेश ग्रोवर कई बार दिल्ली का चक्कर लगा चुके थे।लेकिन उन्हें राशि भुगतान में सफलता हाथ नहीं लगी।राकेश के द्वारा धनबाद जिला एवं सत्र न्यायाधीश में कंपनी से राशि भुगतान के लिए केस भी किया गया था। लेकिन निचली अदालत में यह मामला खारिज हो चुका था। मामला खारिज होने के बाद उनके द्वारा हाईकोर्ट में अपील की गई थी। अहमद ने बताया कि जिन लोगों से उन्होंने बरही में कार्य कराने के लिए रुपए लिए थे वे अपने रुपए की मांग कर रहे थे।जिसके कारण उनकी परेशानी बढ़ गई थी।बताया जा रहा है कि पिछले 7 दिनों से बलियापुर स्थित उनका बिरसा सर्विस स्टेशन पैट्रोल पंप बंद पड़ा था।
वहीं इस पूरे मामले पर सिंदरी एसडीपीओ अजीत कुमार सिन्हा ने बताया कि प्रथम दृष्टया यह सुसाइड का मामला लगता है।एसडीपीओ ने कहा कि परिजनों का ने बताया है कि जिस पिस्टल से गोली लगी है वह उनका निजी पिस्टल है।फिलहाल पुलिस पूरे मामले की जांच पड़ताल में जुटी है।


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