धनबादः रातों-रात लखपति और करोड़पति बनने का सपना देख रहे लोग अपनी गाढ़ी कमाई लॉटरी में गंवा रहे हैं. झारखंड में नागालैंड, सिक्किम और पश्चिम बंगाल की लॉटरी पूरी तरह से अवैध है. लेकिन धनबाद में यह धंधा चरम पर है, यही नहीं इन कंपनियों की 'D' टिकट यानी नकली टिकट की लॉटरी छपवाकर लोगों को चूना लगाकर खुद हर दिन लाखों कमा रहे हैं.
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ठगी का शिकार हुई महिला
बरमसिया की रहने वाली संगीता इस गिरोह का शिकार हो चुकी है. संगीता ने धनसार पुल के पास की एक दुकान से 12 फरवरी को 9 बजकर 55 मिनट पर 200 रुपए में एक लॉटरी खरीदी थी. दोपहर 11 बजकर 55 मिनट में लॉटरी का ड्रा होना था, लॉटरी ड्रॉ हुई, ऑनलाइन ड्रॉ में संगीता को साढ़े तीन लाख की लॉटरी लगी. लॉटरी का पैसे लेने के लिए संगीता ने काफी कोशिश की. लेकिन लॉटरी बेचने वाला शख्स टालमटोल करने लगा. संगीता ने पुलिस में भी शिकायत की, पर उसको अब तक लॉटरी में निकला पैसा नहीं मिला है.
वहीं जिला के एसएसपी असीम विक्रांत ने इस पूरे मामले पर कहा कि इस तरह कोई भी धंधा चलने नहीं दिया जाएगा, ऐसे धंधेबाजों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
नकली टिकट से धंधा
सिक्किम, नागालैंड और पश्चिम बंगाल की लॉटरी की टिकटों की बिक्री झारखंड में पूरी तरह प्रतिबंधित है. दिन में तीन बार लॉटरी की ड्रा की जाती है. इस प्रतिबंधित लॉटरी का फायदा कोयलांचल में शातिर उठा रहे हैं. इन शातिरों का कोयलांचल में पूरा एक गिरोह काम कर रहा है. प्रतिबंधित लॉटरी की खुद ही डूप्लीकेट टिकट छपवाकर एजेंटों के माध्यम से गल्ली-मोहल्ले में बेची जा रही है. इसके लिए कोई एक इलाका नहीं है, हर इलाके में इस लॉटरी की धड़ल्ले से बिक्री की जा रही है.
जानकर बताते हैं कि झरिया में नकली लॉटरी की छपाई की जाती है, उसके बाद जिलाभर में इसकी सप्लाई होती है. गली-मोहल्ले में लॉटरी की बिक्री करने वाले को 5 से 8 फीसदी का कमीशन दिया जाता है. लॉटरी बेचने के वाले की एक दिन में लाखों रुपए की आमदनी होती है, एक दिन की होलसेलर की आमदनी 20 से 25 लाख रुपए बताई जाती है.