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बेकार को बनाया साकार, आप भी कहेंगे भाई वाह खूब

कोयलांचल के संजय मरांडी पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक मिसाल पेश कर रहे हैं. प्रदूषण के रोकथाम के लिए उन्होंने जुगाड़ तकनीक का इस्तेमाल कर बेकार सामानों से बागवानी की है. अपने मकान में और छत पर छोटे से जगह में की गई यह बागवानी खूबसूरत और मनमोहक है.

gardening by using waste materials
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Published : Jun 5, 2023, 5:01 PM IST

Updated : Jun 5, 2023, 7:25 PM IST

देखें पूरी खबर

धनबाद: कोयलांचल को देश की कोयला राजधानी कहा जाता है. यहां सबसे ज्यादा कोयला का उत्खनन होता है. इसके कारण देश के प्रदूषित शहरों में धनबाद का नाम सबसे ऊपर है. बेतहाशा कोयला उत्खनन के कारण यह समस्या खड़ी हुई है. कई सालों से लोग इसका दंश झेल रहे हैं. लेकिन बावजूद इसके बहुत कम ही लोग ऐसे हैं, जिसे पर्यावरण की फिक्र है और वह इसके लिए कुछ कर रहे हैं. मगर कुछ लोग हैं, जिन्हें इसकी फिक्र है और उनसे जितना बन सकता है, वह उतना करने की कोशिश कर रहे हैं. ऐसे ही एक शख्स हैं संजय कुमार मरांडी.

यह भी पढ़ें: World Environment Day 2023: बंजर जमीन पर बंपर पैदावार, असुर जनजाति परिवारों में नाशपाती घोल रहा मिठास, पढ़िए ग्राउंड रिपोर्ट

प्रदूषण की समस्या से छुटकारा पाने के लिए धनबाद के नूतनडीह के रहनेवाले संजय मरांडी ने जुगाड़ तकनीक के जरिए इसे कंट्रोल करने की भरपूर कोशिश की है. उनकी यह कोशिश सफल भी हुई. आज उनकी छत पूरी तरह से हरी भरी है. संजय कुमार मरांडी ने अपने घर और पूरे छत पर ही बेकार पड़े सामानों का इस्तेमाल कर बेहतरीन बागवानी की है. संजय कुमार मरांडी ने प्लास्टिक के डब्बे, बेकार टायर, खाली बोतल, पाइप जैसे अनेकों प्रकार के बेकार पड़े सामानों का उपयोग कर बागवानी में लगायी है.

हर तरफ हरियाली ही हरियाली: पिछले 15 वर्षों से संजय ने अपने घर में हरियाली बनाकर रखी है. करीब 2000 स्क्वॉयर फीट में संजय का मकान है. जहां हर तरफ हरियाली ही हरियाली नजर आती है. सैकड़ों प्रकार के पेड़ पौधे और अनेकों प्रकार के फूलों से पूरा मकान सजा हुआ है. उन्होंने इस छोटी सी जगह में ही हरी सब्जी भी लगाकर रखी है, जिसका इस्तेमाल वह अपनी भोजन में करते हैं. पेड़ पौधे के लिए ऑर्गेनिक खाद भी वह खुद से तैयार करते हैं, जिसका इस्तेमाल पेड़ पौधों को हरा भरा रखने के लिए वे करते हैं.

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धनबाद: कोयलांचल को देश की कोयला राजधानी कहा जाता है. यहां सबसे ज्यादा कोयला का उत्खनन होता है. इसके कारण देश के प्रदूषित शहरों में धनबाद का नाम सबसे ऊपर है. बेतहाशा कोयला उत्खनन के कारण यह समस्या खड़ी हुई है. कई सालों से लोग इसका दंश झेल रहे हैं. लेकिन बावजूद इसके बहुत कम ही लोग ऐसे हैं, जिसे पर्यावरण की फिक्र है और वह इसके लिए कुछ कर रहे हैं. मगर कुछ लोग हैं, जिन्हें इसकी फिक्र है और उनसे जितना बन सकता है, वह उतना करने की कोशिश कर रहे हैं. ऐसे ही एक शख्स हैं संजय कुमार मरांडी.

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प्रदूषण की समस्या से छुटकारा पाने के लिए धनबाद के नूतनडीह के रहनेवाले संजय मरांडी ने जुगाड़ तकनीक के जरिए इसे कंट्रोल करने की भरपूर कोशिश की है. उनकी यह कोशिश सफल भी हुई. आज उनकी छत पूरी तरह से हरी भरी है. संजय कुमार मरांडी ने अपने घर और पूरे छत पर ही बेकार पड़े सामानों का इस्तेमाल कर बेहतरीन बागवानी की है. संजय कुमार मरांडी ने प्लास्टिक के डब्बे, बेकार टायर, खाली बोतल, पाइप जैसे अनेकों प्रकार के बेकार पड़े सामानों का उपयोग कर बागवानी में लगायी है.

हर तरफ हरियाली ही हरियाली: पिछले 15 वर्षों से संजय ने अपने घर में हरियाली बनाकर रखी है. करीब 2000 स्क्वॉयर फीट में संजय का मकान है. जहां हर तरफ हरियाली ही हरियाली नजर आती है. सैकड़ों प्रकार के पेड़ पौधे और अनेकों प्रकार के फूलों से पूरा मकान सजा हुआ है. उन्होंने इस छोटी सी जगह में ही हरी सब्जी भी लगाकर रखी है, जिसका इस्तेमाल वह अपनी भोजन में करते हैं. पेड़ पौधे के लिए ऑर्गेनिक खाद भी वह खुद से तैयार करते हैं, जिसका इस्तेमाल पेड़ पौधों को हरा भरा रखने के लिए वे करते हैं.

Last Updated : Jun 5, 2023, 7:25 PM IST
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