धनबादः झारखंड सरकार सरकारी विद्यालयों में गुणवत्ता पठन-पाठन के साथ हर बुनियादी सुविधा देने का दावा तो जरूर करती है. लेकिन दावे में कितना सच है यह आप खुद देखिये. स्कूल में पानी की ऐसी समस्या है कि खाने पीने के लिये पानी खरीदना पड़ रहा है. उसे स्टॉक कर रखना पड़ रहा है. स्कूल प्रबंधन और विद्यार्थियों की परेशानी यहीं नहीं खत्म होती, शौच के लिये स्कूल से बाहर जाना पड़ता है. नदी, तालाब के भरोसे रहना पड़ता है. ऐसे में अगर गहरे तालाब के समीप जाने वाले छात्र छात्राओं के साथ कोई बड़ा हादसा हो जाय तो जवाबदेही कौन लेगा स्कूल प्रबंधन या फिर शिक्षा विभाग.
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जिले के लोदना कोलियरी उच्च विद्यालय में पानी की व्यवस्था नहीं. विधालय को रंग रोगन कर सुंदर आर्कषक तो बना दिया गया है, लेकिन पानी की कमी से स्कूल के शिक्षक से लेकर विद्यार्थी परेशान हैं. सरकारी स्कूलों में स्वच्छता और पानी एक मुद्दा हुआ है. स्कूल आने वाले बच्चे खुले में शौच के लिए बाहर न जाय. इसके लिए स्कूल में शौचालय तो बना दिए गए, लेकिन पानी के नहीं होने से इसका इस्तेमाल नहीं हो पा रहा है. बच्चे आज भी खुले में शौच जा रहे हैं.
लोदना कोलियरी हाई स्कू में कुल 1051 बच्चे पढ़ते हैं. इनमें छात्र और छात्राओं की संख्या लगभग बराबर है. लोदना कोलियरी हाई स्कूल की हालत अच्छी नहीं है. यहां पेयजल की सुविधा अब तक नहीं मिली है. पानी नहीं होने की वजह से बच्चों को शौच के लिए जंगल में जाना पड़ता है.
छात्रों का कहना है कि विद्यालय पानी की कमी है. शौचालय तो है लेकिन पानी ही नहीं है. इसलिए बाहर आना पड़ता है. विद्यालय के प्रधानाध्यापक कमलेश कुमार पासवान ने कहा कि विद्यालय में पेयजल की सुविधा न होने के कारण छात्र-छात्राओं के साथ ही शिक्षक शिक्षिकाओं को भी दिक्कत होती है. बच्चों के लिए पानी पीने और खाना बनाने के लिए पानी खरीदना पड़ता है. अधिकारियों को कई बार लिखा गया है. लेकिन आज तक हुआ कुछ भी नहीं है.