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National Lok Adalat In Jharkhand: धनबाद में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन, 107 करोड़ 26 लाख से अधिक की रिकवरी, 67 हजार 110 विवादों का निपटारा

धनबाद कोर्ट में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया. जिसमें 67 हजार 110 मामलों का निष्पादन किया गया. इस दौरान 107 करोड़ 26 लाख 19 हजार 650 रुपए की राजस्व की प्राप्ति हुई. इस मौके पर मौजूद न्यायिक पदाधिकारियों ने लोक अदालत का महत्व बताते हुए लोगों से इसका लाभ लेने की अपील की.

National Lok Adalat in Dhanbad Court
धनबाद में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन
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Published : Feb 12, 2023, 7:15 AM IST

राम शर्मा, डिस्ट्रिक्ट जज

धनबाद: नालसा के निर्देश पर इस साल का पहला नेशनल लोक अदालत आयोजन 11 फरवरी किया गया. धनबाद के प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह डालसा के चेयरमैन राम शर्मा ने धनबाद कोर्ट में आयोजित लोक अदालत का विधिवत उद्घाटन किया. नेशनल लोक अदालत में 67 हजार 110 विवादों का निपटारा कर दिया गया है. कुल 107 करोड़ 26 लाख 19 हजार 650 रुपए की रिकवरी की गई है. सर्वाधिक रेलवे एक्ट के 52 हजार 755 मामले निपटाए गए हैं.

ये भी पढ़ें: गिरिडीह और खूंटी में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन, पक्षकारों की आपसी सहमति से कुल 70 हजार से अधिक मामले निष्पादित

क्या है नेशनल लोक अदालत: डिस्ट्रिक्ट जज राम शर्मा ने कहा कि हमारा संविधान हर लोगों को सामाजिक, आर्थिक एवं सस्ता सुलभ न्याय की गारंटी देता है. नेशनल लोक अदालत संविधान के परिकल्पना को पूरी करने की दिशा में एक कदम है. प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने कहा कि लोक अदालत में महीनों कोर्ट का चक्कर लगाने और पैसे की बर्बादी से बचा जा सकता है. इससे लोगों को मानसिक शांति भी मिलती है. इसके साथ ही प्रेम और सौहार्द आपस में फिर से बन जाता है. लोगों मे प्रेम, शांति, समृद्धि और समरसता बनी रहे, यही इस लोक अदालत का मुख्य उद्देश्य है. उन्होंने कहा कि 23 नवंबर 2013 से पूरे देश में नेशनल लोक अदालत का आयोजन हर तीन माह में किया जा रहा है.

समय की होती बचत: जिला एवं सत्र न्यायाधीश राजकुमार मिश्रा ने कहा कि राष्ट्रीय लोक अदालत आम आदमी के हित के लिये लगाये जाते हैं. बिना प्रशासनिक सहयोग के हम समाज तक न्याय नहीं पहुंचा सकते. उन्होंने कहा कि लोक अदालत के माध्यम से व्यापक पैमाने पर मुकदमों का निष्पादन किया जा रहा है. जिसमें समय की बचत के साथ-साथ वादकारियों को विभिन्न कानूनी पचड़ों से मुक्ति मिल रही है. पहली बार बिजली एक्ट के सर्वाधिक 466 मामले निस्तारित किए गए.

विवादों का तत्काल निपटारा: मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी संजय कुमार सिंह ने कहा कि लोक अदालत में विवादों का तत्काल निपटारा होता है. उन्होंने कहा कि लोक अदालत एक ऐसा मंच है, जहां तत्काल प्रभाव में मामला सेटेल हो जाता है और विवाद आगे नहीं बढ़ पाता.

कौन-कौन से मामलों का निपटारा: मुकदमों के निपटारे के लिए प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश के आदेश पर 17 बेंच का गठन किया गया था, जिनके द्वारा विभिन्न तरह के सुलहनीय विवादों का निपटारा किया गया. अवर न्यायाधीश सह सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकार निताशा बारला ने बताया कि नेशनल लोक अदालत में 67 हजार 110 विवादों का निपटारा किया गया है, जिसमें सर्वाधिक रेलवे एक्ट के 52 हजार 755 मामले निपटाए गए. उन्होंने बताया कि नेशनल लोक अदालत में बैंक लोन रिकवरी के 155, अपराधिक मामले 483, बिजली विभाग के 466 लेबर एक्ट के 5, रेलवे एक्ट के 52 हजार 755 , दांपत्य जीवन से संबंधित 111, एन आई एक्ट के 335, मोटरयान दुर्घटना के 24 और अन्य विभिन्न तरह के 60 हजार 425 विवादों का निपटारा किया गया. उन्होंने सभी वादकारी, न्यायिक पदाधिकारियों, विभाग के अधिकारियों और अधिवक्ताओं का सहयोग के लिए आभार प्रकट किया.

इनका रहा सहयोग: न्यायिक पदाधिकारियों में प्रधान न्यायाधीश कुटुंब न्यायालय तौफीकुल हसन, अपर प्रधान न्यायाधीश फैमिली कोर्ट प्रेमलता त्रिपाठी, जिला एवं सत्र न्यायाधीश रमेश कुमार श्रीवास्तव, राजकुमार मिश्रा, लेबर जज नीरज कुमार श्रीवास्तव, मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी संजय कुमार सिंह, अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी कुलदीप मान, अवर न्यायाधीश, राजीव त्रिपाठी, प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी पूनम कुमारी, प्रज्ञेश निगम, स्थाई लोक अदालत के चेयरमैन पीयूष कुमार, शिवम चौरसिया, राकेश रोशन, अंकित कुमार सिंह न्यायिक दंडाधिकारी रेलवे, मनोज कुमार इंदवार न्यायिक दंडाधिकारी जेजेबी, पंचम कुमार सिन्हा, अमर प्रसाद नीलाम पत्र पदाधिकारी, शिप्रा डालसा के पैनल अधिवक्ता, तारक नाथ चौबे, रंजन सिन्हा, संतोष कुमार गुप्ता, हरि विश्वकर्मा, अभिजीत कुमार साधू, नीरज कुमार सिन्हा, चिरंजीत प्रमाणिक, करुणा सिन्हा, सोनिया कुमारी, सुभाष चंद्रा, पंचानन सिंह, एके सिंह, डालसा सहायक, सौरव सरकार, अरुण कुमार, संजय सिन्हा, हेमराज चौहान, राजेश कुमार सिंह, डीपेंटी गुप्ता, गीता कुमारी, समेत अन्य लोग उपस्थित थे.

राम शर्मा, डिस्ट्रिक्ट जज

धनबाद: नालसा के निर्देश पर इस साल का पहला नेशनल लोक अदालत आयोजन 11 फरवरी किया गया. धनबाद के प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह डालसा के चेयरमैन राम शर्मा ने धनबाद कोर्ट में आयोजित लोक अदालत का विधिवत उद्घाटन किया. नेशनल लोक अदालत में 67 हजार 110 विवादों का निपटारा कर दिया गया है. कुल 107 करोड़ 26 लाख 19 हजार 650 रुपए की रिकवरी की गई है. सर्वाधिक रेलवे एक्ट के 52 हजार 755 मामले निपटाए गए हैं.

ये भी पढ़ें: गिरिडीह और खूंटी में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन, पक्षकारों की आपसी सहमति से कुल 70 हजार से अधिक मामले निष्पादित

क्या है नेशनल लोक अदालत: डिस्ट्रिक्ट जज राम शर्मा ने कहा कि हमारा संविधान हर लोगों को सामाजिक, आर्थिक एवं सस्ता सुलभ न्याय की गारंटी देता है. नेशनल लोक अदालत संविधान के परिकल्पना को पूरी करने की दिशा में एक कदम है. प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने कहा कि लोक अदालत में महीनों कोर्ट का चक्कर लगाने और पैसे की बर्बादी से बचा जा सकता है. इससे लोगों को मानसिक शांति भी मिलती है. इसके साथ ही प्रेम और सौहार्द आपस में फिर से बन जाता है. लोगों मे प्रेम, शांति, समृद्धि और समरसता बनी रहे, यही इस लोक अदालत का मुख्य उद्देश्य है. उन्होंने कहा कि 23 नवंबर 2013 से पूरे देश में नेशनल लोक अदालत का आयोजन हर तीन माह में किया जा रहा है.

समय की होती बचत: जिला एवं सत्र न्यायाधीश राजकुमार मिश्रा ने कहा कि राष्ट्रीय लोक अदालत आम आदमी के हित के लिये लगाये जाते हैं. बिना प्रशासनिक सहयोग के हम समाज तक न्याय नहीं पहुंचा सकते. उन्होंने कहा कि लोक अदालत के माध्यम से व्यापक पैमाने पर मुकदमों का निष्पादन किया जा रहा है. जिसमें समय की बचत के साथ-साथ वादकारियों को विभिन्न कानूनी पचड़ों से मुक्ति मिल रही है. पहली बार बिजली एक्ट के सर्वाधिक 466 मामले निस्तारित किए गए.

विवादों का तत्काल निपटारा: मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी संजय कुमार सिंह ने कहा कि लोक अदालत में विवादों का तत्काल निपटारा होता है. उन्होंने कहा कि लोक अदालत एक ऐसा मंच है, जहां तत्काल प्रभाव में मामला सेटेल हो जाता है और विवाद आगे नहीं बढ़ पाता.

कौन-कौन से मामलों का निपटारा: मुकदमों के निपटारे के लिए प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश के आदेश पर 17 बेंच का गठन किया गया था, जिनके द्वारा विभिन्न तरह के सुलहनीय विवादों का निपटारा किया गया. अवर न्यायाधीश सह सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकार निताशा बारला ने बताया कि नेशनल लोक अदालत में 67 हजार 110 विवादों का निपटारा किया गया है, जिसमें सर्वाधिक रेलवे एक्ट के 52 हजार 755 मामले निपटाए गए. उन्होंने बताया कि नेशनल लोक अदालत में बैंक लोन रिकवरी के 155, अपराधिक मामले 483, बिजली विभाग के 466 लेबर एक्ट के 5, रेलवे एक्ट के 52 हजार 755 , दांपत्य जीवन से संबंधित 111, एन आई एक्ट के 335, मोटरयान दुर्घटना के 24 और अन्य विभिन्न तरह के 60 हजार 425 विवादों का निपटारा किया गया. उन्होंने सभी वादकारी, न्यायिक पदाधिकारियों, विभाग के अधिकारियों और अधिवक्ताओं का सहयोग के लिए आभार प्रकट किया.

इनका रहा सहयोग: न्यायिक पदाधिकारियों में प्रधान न्यायाधीश कुटुंब न्यायालय तौफीकुल हसन, अपर प्रधान न्यायाधीश फैमिली कोर्ट प्रेमलता त्रिपाठी, जिला एवं सत्र न्यायाधीश रमेश कुमार श्रीवास्तव, राजकुमार मिश्रा, लेबर जज नीरज कुमार श्रीवास्तव, मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी संजय कुमार सिंह, अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी कुलदीप मान, अवर न्यायाधीश, राजीव त्रिपाठी, प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी पूनम कुमारी, प्रज्ञेश निगम, स्थाई लोक अदालत के चेयरमैन पीयूष कुमार, शिवम चौरसिया, राकेश रोशन, अंकित कुमार सिंह न्यायिक दंडाधिकारी रेलवे, मनोज कुमार इंदवार न्यायिक दंडाधिकारी जेजेबी, पंचम कुमार सिन्हा, अमर प्रसाद नीलाम पत्र पदाधिकारी, शिप्रा डालसा के पैनल अधिवक्ता, तारक नाथ चौबे, रंजन सिन्हा, संतोष कुमार गुप्ता, हरि विश्वकर्मा, अभिजीत कुमार साधू, नीरज कुमार सिन्हा, चिरंजीत प्रमाणिक, करुणा सिन्हा, सोनिया कुमारी, सुभाष चंद्रा, पंचानन सिंह, एके सिंह, डालसा सहायक, सौरव सरकार, अरुण कुमार, संजय सिन्हा, हेमराज चौहान, राजेश कुमार सिंह, डीपेंटी गुप्ता, गीता कुमारी, समेत अन्य लोग उपस्थित थे.

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