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धनबाद में रामनवमी पर सांप्रदायिक सौहार्द्र का नजारा, मुसलमानों ने सजाई ध्वजा और बांस की दुकान

रामनवमी को लेकर हर ओर उत्साह है. धनबाद में रामनवमी की खुमारी में हर कोई डूबा है. भले ही यह पर्व हिंदू समुदाय का है. लेकिन मुस्लिम वर्ग की भी इसमें खूब भागीदारी रहती है.

धनबाद में रामनवमी
धनबाद में रामनवमी
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Published : Apr 10, 2022, 7:19 AM IST

Updated : Apr 10, 2022, 7:32 AM IST

धनबादः रामनवमी पर्व को हिंदू समुदाय काफी धूमधाम से मनाते हैं. वहीं मुस्लिम वर्ग का भी इसमें बराबर का योगदान रहता है. कोयलांचल में यह नजारा शहर की सड़कों पर देखने को मिल रहा है. जहां मुस्लिम समुदाय के लोग सड़क किनारे महावीरी पताका बेचते हुए देखे जा सकते हैं.
ये भी पढ़ेंः रामनवमी विशेष: जानिए लोग क्यों घर पर लगाते हैं महावीरी पताका


इस संबंध में कुछ मुस्लिम युवकों से बात करने पर उन्होंने बताया कि वह लोग लगभग एक माह पहले से ही महावीरी पताका के निर्माण कार्य में जुट जाते हैं. इस काम में उनके परिवार के सभी लोग सहयोग करते हैं. उनका मानना है कि भले ही यह किसी दूसरे समुदाय का पर्व है, लेकिन उनके लिए भी यह आस्था का प्रतीक है. क्योंकि इनके सहयोग से वह बाजार में दुकान लगाते हैं और उसी कमाई से अपना और परिवार का जीवन यापन करते हैं. मुस्लिम समुदाय के लोग इसे अपनी रोजी-रोटी और परिवार की समृद्धि से जोड़कर देखते हैं.


वहीं महावीरी पताका बेच रहे कुछ युवकों ने बताया कि चंद लोगों की वजह से भारत जैसे विशाल देश में वैमनस्य की भावना उत्पन्न हो जाती है, परंतु वे इससे परे हैं. उनका मानना है कि हिंदू और मुस्लिम भारत में एक दूसरे के बिना अधूरे हैं. क्योंकि कई पर्व-त्योहार और सामाजिक रोजमर्रा की जिंदगी में उन दोनों का एक दूसरे के बगैर गुजारा होना काफी मुश्किल है. कोयलांचल में रामनवमी त्योहार को लेकर लोगों का उत्साह चरम पर है. जिले के प्रमुख बाजार और मुख्य मार्ग रामनवमी पताका और हरे बांस से भरे पड़े हैं. धनबाद के हीरापुर हटिया, रणधीर वर्मा चौक, हटिया मोड़, सरायढेला, पुलिस लाइन जैसे कई इलाके में सड़कों पर हरे बांस के ढेर और लहराती हुई महावीरी पताका पर्व की भव्यता और महत्व को दर्शाने के लिए काफी है.

देखें पूरी खबर

धनबादः रामनवमी पर्व को हिंदू समुदाय काफी धूमधाम से मनाते हैं. वहीं मुस्लिम वर्ग का भी इसमें बराबर का योगदान रहता है. कोयलांचल में यह नजारा शहर की सड़कों पर देखने को मिल रहा है. जहां मुस्लिम समुदाय के लोग सड़क किनारे महावीरी पताका बेचते हुए देखे जा सकते हैं.
ये भी पढ़ेंः रामनवमी विशेष: जानिए लोग क्यों घर पर लगाते हैं महावीरी पताका


इस संबंध में कुछ मुस्लिम युवकों से बात करने पर उन्होंने बताया कि वह लोग लगभग एक माह पहले से ही महावीरी पताका के निर्माण कार्य में जुट जाते हैं. इस काम में उनके परिवार के सभी लोग सहयोग करते हैं. उनका मानना है कि भले ही यह किसी दूसरे समुदाय का पर्व है, लेकिन उनके लिए भी यह आस्था का प्रतीक है. क्योंकि इनके सहयोग से वह बाजार में दुकान लगाते हैं और उसी कमाई से अपना और परिवार का जीवन यापन करते हैं. मुस्लिम समुदाय के लोग इसे अपनी रोजी-रोटी और परिवार की समृद्धि से जोड़कर देखते हैं.


वहीं महावीरी पताका बेच रहे कुछ युवकों ने बताया कि चंद लोगों की वजह से भारत जैसे विशाल देश में वैमनस्य की भावना उत्पन्न हो जाती है, परंतु वे इससे परे हैं. उनका मानना है कि हिंदू और मुस्लिम भारत में एक दूसरे के बिना अधूरे हैं. क्योंकि कई पर्व-त्योहार और सामाजिक रोजमर्रा की जिंदगी में उन दोनों का एक दूसरे के बगैर गुजारा होना काफी मुश्किल है. कोयलांचल में रामनवमी त्योहार को लेकर लोगों का उत्साह चरम पर है. जिले के प्रमुख बाजार और मुख्य मार्ग रामनवमी पताका और हरे बांस से भरे पड़े हैं. धनबाद के हीरापुर हटिया, रणधीर वर्मा चौक, हटिया मोड़, सरायढेला, पुलिस लाइन जैसे कई इलाके में सड़कों पर हरे बांस के ढेर और लहराती हुई महावीरी पताका पर्व की भव्यता और महत्व को दर्शाने के लिए काफी है.

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Last Updated : Apr 10, 2022, 7:32 AM IST
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