धनबादः गिरिडीह राज धनवार के कृष्णा यादव और उसके परिवार पर लॉकडाउन कहर बनकर टूटा है. मुंबई में चाय बेचकर अपना और परिवार का पेट पालने वाला कृष्णा धनबाद में लुबी सर्कुलर रोड के रैन बसेरा में अपने परिवार के साथ रहने को मजबूर है.
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लॉकडाउन की वजह से वापस मुंबई जाने में असमर्थ है. काम की तलाश में धनबाद तो आ गया, पर उन्हें कोई काम नहीं मिला. परिवार समेत लुबी सर्कुलर रोड स्थित रैन बसेरा में रहकर लोगों की रहम पर गुजर बसर कर रहा है. समाजसेवी सम्राट चौधरी और लुबी सर्कुलर रोड के दुकानदार रोजाना कुछ ना कुछ खाद्य सामग्री उन्हें मुहैया कराते आ रहे हैं.
कृष्णा यादव ने बताया कि लोगों की मदद से आखिर कब तक परिवार का गुजारा चलेगा, सरकार से मदद मिलनी चाहिए. उन्होंने कहा कि उन्हें मिलने वाला पेंशन भी पिछले डेढ़ साल से बंद है. पिछले साल देशभर में लॉकडाउन लगने के बाद वो वापस अपने घर गिरिडीह राज धनवार आ गए. सालभर किसी तरह मेहनत मजदूरी करके परिवार चलाया. रोजी-रोटी के जुगाड़ में वापस मुंबई जाने की सोची, फिर से लॉकडाउन लग गया, जिससे मुंबई जाना मुश्किल हो रहा है. अब काम की तलाश में परिवार समेत धनबाद आ पहुंचे हैं.
पिछले एक महीने से धनबाद में दर-दर भटक रहे हैं, कहीं कोई काम नहीं मिल रहा. सिर पर छत नही थी तो किसी तरह रैन बसेरा को ही अपना डेरा बना लिया है. खाने के लाले हैं, आसपास के लोगों की मदद से किसी तरह गुजर हो रहा है पर यह नाकाफी है. परिवार की अच्छी परवरिश के लिए रोजगार जरूरी है. उन्होंने शासन-प्रशासन से मांग है कि सरकारी लाभ मिले या फिर ऐसी व्यवस्था हो जिससे कि वापस मुंबई जाकर अपने पुराने व्यवसाय में लौट सके.