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खतरे के निशान के करीब मैथन और पंचेत डैम का जलस्तर, पानी छोड़े जाने के बाद पश्चिम बंगाल के इलाके में बाढ़ का खतरा

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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Oct 2, 2023, 9:07 PM IST

धनबाद के मैथन और पंचेत डैम का जलस्तर खतरे के निशान के करीब पहुंच गया है. जिसे देखते हुए डैम के कई दरवाजे खोल दिए गए हैं. इससे जिले के निचले इलाके और पश्चिम बंगाल के कई इलाकों पर बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है. लोगों के लिए प्रशासन ने अलर्ट जारी किया है. Gates of Maithon and Panchet Dam of Dhanbad opened.

Gates of Maithon and Panchet Dam of Dhanbad opened
मैथन और पंचेत डैम के खोले गए गेट
धनबाद में मैथन और पंचेत डैम के खोले गए गेट

धनबाद: लगातार हो रही बारिश के कारण मैथन और पंचेत डैम के जलस्तर में बढ़ोतरी हो रही है. जिसे लेकर डैम प्रशासन ने भी अलर्ट जारी कर दिया है. मैथन डैम का जलस्तर बढ़ने के कारण डैम के पांच गेट खोल दिये गये हैं. मैथन डैम का इनफ्लो 45 हजार क्यूसेक था, जो बढ़कर 90 हजार क्यूसेक एकड़ फीट हो गया है. प्रवाह बढ़ने से मैथन डैम का जलस्तर 480 फीट से बढ़कर 510 फीट हो गया. वहीं पंचेत डैम का भी जलस्तर बढ़ रहा है.

यह भी पढ़ें: लगातार बारिश से रजरप्पा में भैरवी नदी उफान पर, मां छिन्नमस्तिके मंदिर क्षेत्र में अलर्ट जारी

रिजर्वायर ऑपरेशन प्रबंधक के अनुसार मैथन में लगातार इनफ्लो बढ़ने से आउटफ्लो बढ़ रहा है. इस साल हम बेहद सतर्क हैं. बांध में पानी की इनफ्लो बढ़ने के अनुसार ही आउटफ्लो बढ़ता है. पहले प्रबंधन मानसून की शुरुआत में ही पानी छोड़ देता था. मानसून के अंत में जल का भंडारण किया जाता था. लेकिन इस साल गर्मी में पानी की कमी के कारण डैम में पानी की मात्रा काफी कम हो गयी थी. बांध से पानी छोड़े जाने से कोलियरी और निचले इलाकों में रहने वाले लोग खतरे में हैं. इतना ही नहीं झारखंड से सटे पश्चिम बंगाल के निचले इलाकों पर भी बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है.

तेनुघाट डैम से भी छोड़ा गया पानी: बता दें कि मैथन डैम बराकर नदी पर स्थित है. लगातार बारिश के कारण बराकर नदी पर स्थित तेनुघाट डैम का जलस्तर भी बढ़ रहा है. जलस्तर बढ़ने के कारण तेनुघाट से भी पानी छोड़ा गया है, जिससे मैथन डैम का जलस्तर बढ़ गया है. डैम में पानी खतरे के निशान से महज 6 फीट ही बची है. जिसके कारण मैथन डैम के पांच गेट खोल दिये गये हैं. जबकि दामोदर नदी पर बने पंचेत डैम का जलस्तर खतरे के निशान से 9 फीट नीचे है. मैथन डैम का डेंजर लेबल 495 फीट है.

निचले इलाके के लोग खतरे में: केंद्रीय जल आयोग और डीवीसी एमआरओ विभाग के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, मैथन डैम का जलस्तर 489.30 फीट है जबकि पंचेत डैम का जलस्तर 416.04 फीट है. मैथन डैम से 55000 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है. जबकि पंचेत डैम से 75000 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है. दोनों बांधों से पानी छोड़े जाने के बाद झारखंड से सटे पश्चिम बंगाल के निचले इलाकों में खतरा बना हुआ है. इसके लिए अलर्ट भी जारी किया गया है.

धनबाद में मैथन और पंचेत डैम के खोले गए गेट

धनबाद: लगातार हो रही बारिश के कारण मैथन और पंचेत डैम के जलस्तर में बढ़ोतरी हो रही है. जिसे लेकर डैम प्रशासन ने भी अलर्ट जारी कर दिया है. मैथन डैम का जलस्तर बढ़ने के कारण डैम के पांच गेट खोल दिये गये हैं. मैथन डैम का इनफ्लो 45 हजार क्यूसेक था, जो बढ़कर 90 हजार क्यूसेक एकड़ फीट हो गया है. प्रवाह बढ़ने से मैथन डैम का जलस्तर 480 फीट से बढ़कर 510 फीट हो गया. वहीं पंचेत डैम का भी जलस्तर बढ़ रहा है.

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रिजर्वायर ऑपरेशन प्रबंधक के अनुसार मैथन में लगातार इनफ्लो बढ़ने से आउटफ्लो बढ़ रहा है. इस साल हम बेहद सतर्क हैं. बांध में पानी की इनफ्लो बढ़ने के अनुसार ही आउटफ्लो बढ़ता है. पहले प्रबंधन मानसून की शुरुआत में ही पानी छोड़ देता था. मानसून के अंत में जल का भंडारण किया जाता था. लेकिन इस साल गर्मी में पानी की कमी के कारण डैम में पानी की मात्रा काफी कम हो गयी थी. बांध से पानी छोड़े जाने से कोलियरी और निचले इलाकों में रहने वाले लोग खतरे में हैं. इतना ही नहीं झारखंड से सटे पश्चिम बंगाल के निचले इलाकों पर भी बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है.

तेनुघाट डैम से भी छोड़ा गया पानी: बता दें कि मैथन डैम बराकर नदी पर स्थित है. लगातार बारिश के कारण बराकर नदी पर स्थित तेनुघाट डैम का जलस्तर भी बढ़ रहा है. जलस्तर बढ़ने के कारण तेनुघाट से भी पानी छोड़ा गया है, जिससे मैथन डैम का जलस्तर बढ़ गया है. डैम में पानी खतरे के निशान से महज 6 फीट ही बची है. जिसके कारण मैथन डैम के पांच गेट खोल दिये गये हैं. जबकि दामोदर नदी पर बने पंचेत डैम का जलस्तर खतरे के निशान से 9 फीट नीचे है. मैथन डैम का डेंजर लेबल 495 फीट है.

निचले इलाके के लोग खतरे में: केंद्रीय जल आयोग और डीवीसी एमआरओ विभाग के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, मैथन डैम का जलस्तर 489.30 फीट है जबकि पंचेत डैम का जलस्तर 416.04 फीट है. मैथन डैम से 55000 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है. जबकि पंचेत डैम से 75000 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है. दोनों बांधों से पानी छोड़े जाने के बाद झारखंड से सटे पश्चिम बंगाल के निचले इलाकों में खतरा बना हुआ है. इसके लिए अलर्ट भी जारी किया गया है.

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