दुमका: जिले के शिकारीपाड़ा थाना क्षेत्र में तीन दिन पहले झारखंड बंद के दौरान सड़क जाम करने वालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराया गया है. 04 जुलाई को ओलचिकी हूल के द्वारा बुलाए गए झारखंड बंद के दौरान दुमका-रामपुरहाट मुख्य मार्ग एनएच 114 को बंद समर्थकों ने घंटों जाम रखा था. साथ ही वे काफी देर तक रेल पटरी पर भी बैठ गए थे. इसी मामले में शिकारीपाड़ा के सीओ राजू कमल ने एफआईआर दर्ज कराया है.
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क्या है सीओ के एफआईआर में: अपने आवेदन में सीओ राजू कमल ने लिखा है कि बीते 04 जुलाई को झारखंड प्रदेश ओलचिकी हूल बैसी संगठन के सचिव नेलसन सोरेन के नेतृत्व में 200-250 की संख्या में समर्थकों ने दुमका-रामपुरहाट मार्ग को घंटों जाम रखा था. सभी परंपरागत हथियार लाठी, तलवार, कटारी, तीर-धनुष से लैस थे. इस बंद की वजह से सड़क पर वाहनों की लंबी कतार लग गई. काफी संख्या में लोग जाम में फंस गए. इससे उन्हें काफी परेशानी का सामना करना पड़ा. कई वाहनों को तो रूट डायवर्ट कर उसके गंतव्य तक भेजा गया. जब प्रशासनिक और पुलिस के अधिकारियों द्वारा उन्हें समझाया गया तो वे हथियार लेकर उन्हें डराने का प्रयास करने लगे. जिससे अधिकारियों को पीछे हटना पड़ा. उनका यह सब कृत्य गैरकानूनी है. इसी मामले में सुसंगत धाराओं में मामला दर्ज कराया गया है. जिसके बाद कार्रवाई भी शुरू कर दी गई है.
बंद समर्थकों की ये थी मांग: बता दें कि 04 जुलाई को ओलचिकी हूल बैसी ने अपनी कई मांगों को लेकर झारखंड बंद का आह्वान किया था. जिसमें दुमका के शिकारीपाड़ा थाना क्षेत्र के कालीपाथर और कजलादाहा के पास दुमका-रामपुरहाट मार्ग NH 114 A को घंटों जाम रखा गया था. बंद समर्थकों का कहना था कि झारखंड सरकार से हमारी मांग है कि संताली भाषा को प्रथम राजभाषा का दर्जा दिया जाए. संताली शिक्षकों की जल्द बहाली हो. केजी से लेकर पीजी तक ओलचिकी भाषा में पढ़ाई हो. संताली अकादमी का गठन किया जाए.