धनबाद: एमपीएल में कार्यरत इलेक्ट्रीशियन विजय किस्कू की मौत के बाद उनके परिजन धरना पर बैठे हैं. पीड़ित परिवार से मिलने मंत्री चंपई सोरेन धनबाद पहुंचे. धरना के चौथे दिन मंत्री ने आंदोलन कर रहे मृतक के परिजन एवं ग्रामीणों से मिलकर उन्हें सांत्वना दी. इस दौरान मंत्री ने टाटा पावर के एमडी से मोबाइल पर बात की और आश्रितों को जल्द से जल्द नियुक्ति देने की मांग की.
आश्रित को प्लांट में सीधी नियुक्ति नहीं दिए जाने को लेकर चंपई सोरेन ने कंपनी के प्रति रोष प्रकट किया. कहा कि जबतक आश्रितों को नियुक्ति पत्र नहीं मिल जाता तब तक आंदोलन जारी रहेगा. मंत्री सोरेन ने यह भी कहा कि अगर 24 घंटे के भीतर एमपीएल इस विषय पर कोई निर्णायक फैसला नहीं लेता है तो उग्र आंदोलन होगा. चंपई सोरेन मृतक के आश्रितों को प्लांट में सीधी नियुक्ति के सवाल पर कोई समझौता के मूड में नहीं दिखे.
बताते चलें कि एमपीएल पावर लिमिटेड जिस स्थान पर बना हुआ हैं, ज्यादातर आदिवासी की जमीन अधिग्रहण की गई है. जिसमें ज्यादा आदिवासी ही विस्थापित हुऐ हैं. विजय किस्कू विस्थापित के साथ-साथ एमपीएल में एलक्ट्रीशियन के पद पर कार्यरत थे. दुर्भाग्यपूर्ण बात यह है कि उनकी मौत के बाद एमपीएल में मुख्य द्वार पर उनका शव पिछले चार दिनों से पड़ा हुआ है. मगर एमपीएल द्वारा इलेक्ट्रिक शव मशीन में बिजली नहीं दी गई. शव से दुर्गंध आना शुरू हो गया है. लोगों को कहना है कि इससे बड़ी बात क्या हो सकती हैं जिस राज्य का मुखिया आदिवासी है. देश का राष्ट्रपति आदिवासी है. ऐसी स्थिति में आदिवासी को अपने हक और अधिकार से वंचित रखा जा रहा है.