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नहाए खाए के साथ महापर्व छठ की हुई शुरुआत, व्रतियों ने किया कद्दू भात का सेवन

झारखंड में नहाय-खाय के साथ महापर्व चैती छठ की शुरुआत हो गई है. सुबह से ही छठ व्रतियों में उत्साह देखा जा रहा है. चैत्र मास का पावन महीना चल रहा है. इसी महीने में शारदीय नवरात्र की भी पूजा की जाती है और महापर्व छठ भी किया जाता है.

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Published : Apr 5, 2022, 3:01 PM IST

Updated : Apr 5, 2022, 3:12 PM IST

धनबाद: लोक आस्था का महापर्व चैती छठ (Chaiti Chhath) मंगलवार को नहाए खाए के साथ शुरु हुआ. शारदीय नवरात्र पूजा का आज चौथा दिन है. वहीं चतुर्थी से ही महापर्व छठ की शुरुआत हो जाती है. आज के दिन व्रती कद्दू भात का सेवन (Devotees Ate Pumpkin Rice) करती हैं. इससे पहले छठ व्रतियों ने घाट और जलाशयों में स्नान के पश्चात पूजा-पाठ करके कद्दू की सब्जी, चने की दाल और अरवा चावल से बने भोजन को ग्रहण किया. वहीं एक दूसरे को सिंदूर दान भी किया.

इसे भी पढ़ें: नहाय खाय के साथ आज से चार दिवसीय चैती छठ की शुरुआत, श्रद्धालुओं में दिखा उत्साह

बुधवार (5 अप्रैल) को व्रतियां खरना करेंगी. गुरुवार (6 अप्रैल) को अस्ताचलगामी भगवान भास्कर को अर्घ्य दिया जाएगा. शुक्रवार (7 अप्रैल) को उदयीमान भगवान भास्कर को अर्घ्य देने के साथ ही 36 घंटे तक चलने वाले निर्जला छठ महापर्व का समापन हो जाएगा. व्रतियों ने बताया कि चैती छठ काफी संयमित और विधि विधान से किया जाने वाला व्रत है, क्योंकि चैत अप्रैल महीना में संपन्न होने के कारण व्रतियों को बहुत अधिक प्यास लगती है. बावजूद वह निर्जला रहकर इस कठिन व्रत को सफलता पूर्वक वर्षों से करती आ रही हैं.

देखें पूरी खबर

धनबाद: लोक आस्था का महापर्व चैती छठ (Chaiti Chhath) मंगलवार को नहाए खाए के साथ शुरु हुआ. शारदीय नवरात्र पूजा का आज चौथा दिन है. वहीं चतुर्थी से ही महापर्व छठ की शुरुआत हो जाती है. आज के दिन व्रती कद्दू भात का सेवन (Devotees Ate Pumpkin Rice) करती हैं. इससे पहले छठ व्रतियों ने घाट और जलाशयों में स्नान के पश्चात पूजा-पाठ करके कद्दू की सब्जी, चने की दाल और अरवा चावल से बने भोजन को ग्रहण किया. वहीं एक दूसरे को सिंदूर दान भी किया.

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बुधवार (5 अप्रैल) को व्रतियां खरना करेंगी. गुरुवार (6 अप्रैल) को अस्ताचलगामी भगवान भास्कर को अर्घ्य दिया जाएगा. शुक्रवार (7 अप्रैल) को उदयीमान भगवान भास्कर को अर्घ्य देने के साथ ही 36 घंटे तक चलने वाले निर्जला छठ महापर्व का समापन हो जाएगा. व्रतियों ने बताया कि चैती छठ काफी संयमित और विधि विधान से किया जाने वाला व्रत है, क्योंकि चैत अप्रैल महीना में संपन्न होने के कारण व्रतियों को बहुत अधिक प्यास लगती है. बावजूद वह निर्जला रहकर इस कठिन व्रत को सफलता पूर्वक वर्षों से करती आ रही हैं.

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Last Updated : Apr 5, 2022, 3:12 PM IST
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