धनबादः दुमका के रहने वाले 55 वर्षीय आंनद महतो को सांस लेने में तकलीफ थी. इससे परिजनों ने सरायढेला स्थित निजी अस्पताल में भर्ती कराया. मरीज के परिजनों का आरोप है कि मरीज को वेंटिलेटर पर नहीं रखा गया जिसकी वजह से उसकी मौत हो गई. मरीज की मौत के बाद परिजनों ने जमकर हंगामा किया है. हंगामा को देखते हुए अस्पताल के डॉक्टर और स्टाफ भाग गए. वहीं, हंगामे की सूचना पर सरायढेला थाने की पुलिस निजी अस्पताल पहुंची और मामला शांत कराया.
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मोटी रकम लेने के बाद भी नहीं दिया सुविधा
परिजनों का कहना है कि मरीज को सांस लेने में तकलीफ थी. अस्पताल प्रबंधक ने कोरोना इजाल की सुविधा देने का आश्वासन दिया था. इसके साथ ही वेंटिलेटर भी उपलब्ध कराने की बात कही थी. इसको लेकर अस्पताल प्रबंधन ने मोटी रकम भी जमा करवाई थी, लेकिन डॉक्टरों की ओर से वेंटिलेटर की सुविधा नहीं दी गई. अचानक मरीज को ले जाने की बात डॉक्टर कहने लगें, लेकिन मरीज की पहले ही मौत हो चुकी थी.