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टेंडर की प्रक्रिया पर संवेदकों ने उठाए सवाल, बीजेपी विधायक ने कहा- सरकार का निर्णय गलत

झारखंड सरकार ने विभिन्न विभागों में टेंडर के माध्यम से किए जाने वाले कार्यों पर 10 फीसदी से अधिक का छूट दिया है, जिसका संवेदक संघ ने विरोध किया है. इस मामले को लेकर संघ के सदस्यों ने विधायक राज सिन्हा को मांग पत्र सौंपा है, जिसमें टेंडर के पुराने प्रावधान को फिर से लागू करने की मांग की है.

contractors opposed tender process in dhanbad
विधायक को मांग पत्र
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Published : Jan 11, 2021, 5:29 PM IST

धनबाद: विभिन्न विभागों में टेंडर के माध्यम से किए जाने वाले कार्यों पर 10 फीसदी से अधिक का छूट दिया गया है. जिला संवेदक संघ ने सरकार के इस प्रावधान पर सवाल खड़ा किया है. संघ के सदस्यों ने इसे लेकर विधायक राज सिन्हा को मांग पत्र सौंपा है, जिसमें संघ ने टेंडर के पुराने प्रावधान को फिर से लागू करने की मांग की है. विधायक ने भी सरकार के इस कदम को अव्यवहारिक बताया है, साथ ही विधानसभा में इस मामले को उठाने की बात कही है.

देखें पूरी खबर
संवेदकों का कहना है कि पूर्व में प्राक्कलन राशि की दस फीसदी कम में टेंडर डालने का प्रावधान था, लेकिन सरकार के ओर से इस प्रावधान को खत्म कर नया प्रावधान लागू किया गया है, इसके तहत कोई भी संवेदक प्राक्कलन राशि की दस फीसदी से भी नीचे जाकर कार्य ले सकता है, अर्थात प्राक्कलन राशि का 20, 30 या 50 फीसदी नीचे जाकर भी टेंडर ले सकता है. संवेदकों का कहना है कि नए प्रावधान से विकास कार्यों की गुणवत्ता पर असर पड़ेगा.इसे भी पढे़ं: ढुल्लू समर्थकों को बॉडीगार्ड मिलने पर कांग्रेस की आपत्ति, विधायक के लिए ये वसूलते हैं रंगदारी

विधानसभा में उठेगा मामला

वहीं संवेदकों के इस मांग को विधायक राज सिन्हा ने जायज ठहराया है. उन्होंने कहा कि जो विकास के कार्य हो रहें हैं, उन कार्यों की गुणवत्ता इस प्रकिया पर निर्भर करती है. उन्होंने सरकार के इस निर्णय को अव्यवहारिक बताया है, साथ ही उन्होंने कहा मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को इस मामले पर पुनः विचार करने की जरूरत है. उन्होंने मुख्यमंत्री से पुराने प्रावधान को फिर से लागू करने की मांग की है, साथ ही उन्होंने कहा कि इस मामले को वह विधानसभा में भी उठाएंगे.

धनबाद: विभिन्न विभागों में टेंडर के माध्यम से किए जाने वाले कार्यों पर 10 फीसदी से अधिक का छूट दिया गया है. जिला संवेदक संघ ने सरकार के इस प्रावधान पर सवाल खड़ा किया है. संघ के सदस्यों ने इसे लेकर विधायक राज सिन्हा को मांग पत्र सौंपा है, जिसमें संघ ने टेंडर के पुराने प्रावधान को फिर से लागू करने की मांग की है. विधायक ने भी सरकार के इस कदम को अव्यवहारिक बताया है, साथ ही विधानसभा में इस मामले को उठाने की बात कही है.

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संवेदकों का कहना है कि पूर्व में प्राक्कलन राशि की दस फीसदी कम में टेंडर डालने का प्रावधान था, लेकिन सरकार के ओर से इस प्रावधान को खत्म कर नया प्रावधान लागू किया गया है, इसके तहत कोई भी संवेदक प्राक्कलन राशि की दस फीसदी से भी नीचे जाकर कार्य ले सकता है, अर्थात प्राक्कलन राशि का 20, 30 या 50 फीसदी नीचे जाकर भी टेंडर ले सकता है. संवेदकों का कहना है कि नए प्रावधान से विकास कार्यों की गुणवत्ता पर असर पड़ेगा.इसे भी पढे़ं: ढुल्लू समर्थकों को बॉडीगार्ड मिलने पर कांग्रेस की आपत्ति, विधायक के लिए ये वसूलते हैं रंगदारी

विधानसभा में उठेगा मामला

वहीं संवेदकों के इस मांग को विधायक राज सिन्हा ने जायज ठहराया है. उन्होंने कहा कि जो विकास के कार्य हो रहें हैं, उन कार्यों की गुणवत्ता इस प्रकिया पर निर्भर करती है. उन्होंने सरकार के इस निर्णय को अव्यवहारिक बताया है, साथ ही उन्होंने कहा मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को इस मामले पर पुनः विचार करने की जरूरत है. उन्होंने मुख्यमंत्री से पुराने प्रावधान को फिर से लागू करने की मांग की है, साथ ही उन्होंने कहा कि इस मामले को वह विधानसभा में भी उठाएंगे.

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