धनबाद: देश के औद्योगिक विकास में जीटी रोड की मायने अहम है. जीटी रोड के रास्ते ही ज्यादातर व्यवसाय होते हैं. जिस कारण जीटी रोड को 2 लेन से फोरलेन और अब फोर लेन से सिक्स लेन करने की तैयारी चल रही है. इसके लिए जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू है, लेकिन जमीन अधिग्रहण होने के बावजूद भी जिले के लोगों को मुआवजा नहीं मिल पाया है.
मुआवजा के लिए काट रहे कार्यालय का चक्कर
धनबादवासियों को जिला भू-अर्जन पदाधिकारी के मार्फत एक नोटिस मिला है, जिसमें साफ तौर पर लिखा गया है कि अगर 12 जून के बाद लोग जमीन को खाली नहीं करते हैं, तो जिला प्रशासन बलपूर्वक जमीन को खाली करवाएगा. ऐसे में लोगों की चिंताएं बढ़ गई है. लोगों का कहना है कि प्लॉट नंबर गलत रिकॉर्ड में आने के वजह से उनका मुआवजा रूक गया है. सालों से भू-अर्जन कार्यालय का चक्कर काट रहे हैं, लेकिन आवेदन देने के बाद भी अभी तक सुधार नहीं हुआ है. अब ऐसे में नोटिस थमा दी गई है, जिससे लोगों की चिंता बढ़ गई है.
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कैमरे के सामने कुछ नहीं बोलते अधिकारी
ईटीवी भारत के माध्यम से लोगों ने मदद की गुहार लगाई है. पीड़ित लोगों ने कहा कि अगर बगैर मुआवजा दिए जिला प्रशासन बलपूर्वक उन्हें उनके घर और जमीन से हटाती है तो वो लोग अपनी जान देने पर विवश होंगे. उनका कहना है कि लगभग 12-15 सालों से अपने जगह पर रहकर व्यवसाय कर रहे हैं. ऐसे में अगर मुआवजा भी नहीं दिया जाता है तो उनके पास भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो जाएगी. पीड़ित बताते हैं कि वे ऑफिस का चक्कर काटते-काटते थक चुके हैं. इधर, लॉकडाउन के कारण ऑफिस और कार्यालय का चक्कर लगाना भी मुश्किल हो गया है. इस बाबत जब धनबाद के भू-अर्जन पदाधिकारी सतीश चंद्रा से बात की गई तो उन्होंने कैमरे के सामने कुछ भी कहने से मना कर दिया और मामले को देखने की बात कही. हालांकि, लोगों के आपत्ति के बाद मामला कोर्ट में चल रहा है और मुआवजा राशि भी कोर्ट के माध्यम से ही मिलेगी.