धनबाद: तमिलनाडु के सीएमसी वेल्लोर में इलाज कराने गए 25 वर्षीय अजय रजक के साथ उसके दो भाई विजय और पांडव रजक भी लॉकडाउन के दौरान फंस गए. इलाज में सारे पैसे खर्च हो जाने के कारण खाने के लिए भी इनके पास पैसे नहीं बचे. जिसके बाद परिजन ने स्थानीय जेएमएम नेता चंडी चरण देव की मदद से ट्विटर के माध्यम से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को मामले की जानकारी देते हुए गुहार लगाई. वहीं, मुख्यमंत्री की पहल के बाद इन युवकों को अब किसी तरह की कठिनाइयों का सामना नहीं करना पड़ रहा है.
बता दें कि बलियापुर प्रखंड के सुरूंगा के रहने वाले अजय रजक अपने भाई विजय और पांडव रजक के साथ किडनी स्टोन का इलाज कराने के लिए 12 मार्च को तमिलनाडु के सीएमसी वेल्लोर पहुंचे. यहां 24 मार्च को अजय रजक का किडनी स्टोन का ऑपरेशन किया गया. 26 मार्च को अस्पताल से उसे डिस्चार्ज कर दिया गया. लेकिन इससे पहले ही 23 मार्च को पूरे देश में लॉकडाउन की घोषणा कर दी गई. घोषणा के बाद तीनों वेल्लोर में ही फंस कर रह गए. इलाज के दौरान तीनों के पास जो पैसे थे वह समाप्त हो गए, अब इनके पास खाने को भी पैसे नहीं बचे थे.
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वहीं, विजय रजक ने परिजनों को अपनी परेशानी बताई. जिसके बाद परिजनों ने स्थानीय जेएमएम नेता चंडी चरण देव की मदद से सूबे के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को ट्विटर पर ट्वीट करते हुए मामले की जानकारी दी. जानकारी मिलने के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पहल करते हुए तमिलनाडु सरकार से बातकर हर संभव मदद पहुंचाया. वहीं, मुख्यमंत्री की इस पहल के बाद पिता लोबिन चंद्र रजक सहित घर के अन्य लोग मुख्यमंत्री के इस कार्य की सराहना करते हुए धन्यवाद दे रहे हैं. साथ ही पिता ने मुख्यमंत्री से बेटे के वापसी की गुहार लगाई है. पिता का कहना है कि अजय का किडनी स्टोन का ऑपरेशन हुआ है.यदि मुख्यमंत्री इनकी वापसी के लिए पहल कर दें, तो यह उनका परिवार के ऊपर एक बहुत बड़ा उपकार होगा.