धनबादः शहर में पब्लिक ट्रांसपोर्टेशन (Public Transportation) की बेहतर सुविधा हो इसको लेकर धनबाद नगर निगम (Dhanbad Municipal Corporation) ने वर्ष 2011 में करोड़ों रुपये की लागत से 70 बसों की खरीदारी की. जो साल-दो साल सड़कों पर दौड़ी और लोगों को यातायात का बेहतर सुविधा भी मिली. लेकिन, निगम प्रशासन की अनदेखी से बसें खराब हो गई हैं और अब कबाड़ी में बिकने लायक हो गई हैं.
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समय पर नहीं हुआ मेंटेनेंस
निगम प्रशासन ने सिटी बस सर्विस योजना के तहत 70 बसों की खरीदारी की थी. लेकिन, मेंटेनेंस की योजना नहीं बनाई गई. स्थिति यह रही कि दो साल के भीतर जैसे-जैसे चक्का, ब्रेक-शू, बैट्री खराब होने लगे, वैसे-वैसे स्टैंड में बसें खड़ी होने लगी. अब बस स्टैंड में खड़ी-खड़ी बसें जमीन में धंस रही हैं. लेकिन, इन बसों के संचालन पर ना जनप्रतिनिधि ने ध्यान दिया और ना ही निगम प्रशासन.
फिर बस संचालन की बनाई जा रही योजना
करोड़ों रुपये की लागत से खरीदे गए बस खराब हो गए, तो फिर निगम प्रशासन नई बस खरीदने की योजना बना रही है. नई बस सर्विस को लेकर डीपीआर बनाया जा रहा है, ताकि लोगों को बेहतर पब्लिक ट्रांसपोर्टेशन की सुविधा मिले. इसके साथ ही नियमित रूप से बसों की मेंटेनेंस की भी व्यवस्था हो सके.
बसों का रूट किया जा रहा चिन्हित
नगर आयुक्त सत्येंद्र कुमार ने बताया कि बसों के परिचालन के लिए रूट चिन्हित किया जा रहा है. इसको लेकर डीपीआर तैयार किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि प्रत्येक दस मिनट पर चिन्हित रूट पर लोगों को बस की सुविधा मिलेगी. इन बसों का मेंटेनेंस और संचालन पीपीपी मोड पर किया जाएगा, ताकि बसों का रखरखाव नियमित रूप से हो सके. नगर आयुक्त ने बताया कि कुछ पुरानी बसों को चलाया जा रहा है.
होनी चाहिए मशीन खरीद की ऑडिट
बीजेपी विधायक राज सिन्हा ने कहा कि नगर निगम भ्रष्टाचार का अखाड़ा बना हुआ है. उन्होंने कहा कि करोड़ों रुपये की लागत से बसें खरीदी गई. इसके साथ ही स्वीपिंग मशीन, बॉव-कट आदि मशीनें खरीदी गईं. यह सब कबाड़ा हो गया है. उन्होंने कहा कि इन बस और मशीन खरीद की ऑडिट होनी चाहिए.