धनबाद: कोयला तस्करी की जांच करने आई पश्चिम बंगाल पुलिस के साथ झारखंड में मारपीट का मामला सामने आया है. आरोप है कि पुलिस टीम को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा गया और वाहन को भी नुकसान पहुंचाने की कोशिश की गई. टीम में शामिल एएसआई और पुलिस जवानों ने किसी तरह भागकर जान बचाई. बाद में वहां पहुंची गल्फरबाड़ी पुलिस ने टीम को पश्चिम बंगाल बॉर्डर तक छोड़ा. इधर इस मामले में स्थानीय पुलिस पश्चिम बंगाल पुलिस पर ही सवाल उठा रही है.
यह है पूरा मामलाः पिछले दिनों आसनसोल दुर्गापुर पुलिस कमिश्नरेट के कुल्टी थाना चौरंगी फाड़ी की ओर से तस्करी कर अवैध रूप से लाए जा रहे लाए जा रहे 32 ट्रक कोयले को जब्त किया गया था. इन ट्रकों के चालक पुलिस को कागजात नहीं दिखा पाए थे, जिसके बाद ड्राइवर व खलासी समेत ट्रकों में सवार लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था. सभी ट्रक धनबाद से अवैध कोयला लोड कर पश्चिम बंगाल लाए गए थे. आरोपियों ने बताया था कि वे यह कोयला मुगमा के प्रभात स्टेडियम के समीप एनएच टू के किनारे बंद पड़े क्रेशर में चल रहे अवैध डिपो से ट्रक लोड किया गया था. उन्होंने डिपो संचालक का नाम अमन बताया था. इसलिए इसकी जांच के लिए कुल्टी थाने की पुलिस गल्फरबाड़ी ओपी मुगमा के प्रभात स्टेडियम के समीप एनएच टू के किनारे बंद क्रशर पहुंची थी. पश्चिम बंगाल पुलिस को यहां अवैध कोयला डिपो की जांच करना था.
आरोप है कि यहां कुल्टी थाना के एएसआई प्रीतम पाल के नेतृत्व में सादे लिबास में पश्चिम बंगाल पुलिस की टीम यहां पहुंची. सभी लोग अमन के अवैध डिपो में घुसकर छानबीन कर ही रहे थे कि इसकी जानकारी कोयला चोरों को लग गई. इसके बाद आरोपियों ने पश्चिम बंगाल पुलिस को घेर लिया. पहले तू-तू, मैं-मैं हुई बाद में मामला हाथापाई तक पहुंच गया. इसके बाद अमन और उसके लोगों ने हमला कर दिया. आरोपियों ने कुल्टी थाने की पुलिस टीम को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा. पुलिस वाहन को भी नुकसान पहुंचाने की कोशिश की गई. पुलिसकर्मियों के कपड़े तक फाड़ दिए. हमले में एएसआई प्रीतम पाल व अन्य चार जवानों ने किसी तरह भागकर अपनी जान बचाई.
पश्चिम बंगाल पुलिस पर उठाए सवालः बाद में किसी तरह पश्चिम बंगाल पुलिस की टीम भागकर गल्फरबाड़ी ओपी पहुंची और घटना की जानकारी दी. इसके बाद गल्फरबाड़ी पुलिस अमन के अवैध कोयला डिपो पहुंची और जांच कराई. जांच के बाद गल्फरबाड़ी पुलिस ने पश्चिम बंगाल पुलिस टीम को बॉर्डर तक छोड़ा. गल्फरबाड़ी पुलिस ने विवाद के लिए पश्चिम बंगाल पुलिस पर सवाल भी उठाए हैं. इधर गल्फरबाड़ी ओपी के प्रभारी संजय उरांव का कहना है कि पश्चिम बंगाल की कुल्टी पुलिस के साथ मारपीट की कोई घटना नहीं हुई है. उरांव ने कहा कि पश्चिम बंगाल पुलिस को जांच करने के पहले मामले की सूचना हमें देनी चाहिए थी. पहले सूचना मिलने पर पश्चिम बंगाल पुलिस का सहयोग किया जाता. लेकिन उनके द्वारा ऐसा नहीं किया गया.