धनबाद: साल 2017 में झारखंड के 12 जिलों में करीब 2500 सहायक पुलिसकर्मियों को अस्थाई रूप में 2 साल के लिए बहाल किया गया था. बाद में और एक साल के लिए कार्य अवधि का विस्तार किया गया. अब इसी साल 20 अगस्त को इनकी सेवा समाप्त हो रही है. ऐसे में इन सहायक पुलिसकर्मियों को अपने भविष्य की चिंता सताने लगी. जिसके कारण इन पुलिसकर्मियों ने सरकार से स्थायीकरण की मांग की है.
कोरोना काल में दे रहे हैं योगदान
पुलिस कर्मियों का कहना है कि गृह जिला में ड्यूटी लगाने पर सहमति बनी थी. इसके बावजूद ये पुलिसकर्मी अन्य जिलों में भी वो योगदान दे रहे हैं. वैश्विक महामारी कोरोना काल में भी वो विभिन्न संक्रमित इलाके में ड्यूटी पर तैनात हैं. इसके अलावा अन्य ट्रैफिक समेत इलाकों में भी सेवा दे रहे हैं.
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नहीं उठाए गए ठोस कदम
पुलिसकर्मियों का कहना है कि तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास ने बहाली के समय कहा था कि दो साल बाद उन्हें स्थायी कर दिया जाएगा, लेकिन इसको लेकर किसी भी तरीके का ठोस कदम नहीं उठाया गया है. जिसकी वजह से पुलिसकर्मियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. इस मामले को लेकर स्थानीय विधायक और वरीय पुलिस अधिकारियों से पत्राचार किया गया है. जिनके माध्यम से स्थायीकरण करने की मांग की गयी है. इसको लेकर सभी 2500 सहायक पुलिसकर्मियों ने सरकार से मदद की गुहार लगाई है ताकि आने वाले समय में वो तन-मन-धन से अपनी सेवा देते रहें.