धनबादः आपकी योजना, आपकी सरकार, आपके द्वार कार्यक्रम धनबाद (Apaki Yojana Apaki Sarkar Apake Dwar Karyakram) में बच्चों के लिए मुसीबत बन गया है. स्कूल में ही शिविर लगाए जाने से बच्चों की पढ़ाई में दिक्कत हो रही है. भीतर क्लास रूम में पढ़ाई होती रहती है और बाहर लोगों का शोर होता रहता है. यह शोर क्लास रूम में बच्चों को पढ़ने में दिक्कत कर रही है. इससे बच्चों को सिलेबस पूरा करने में दिक्कत हो रही है. अब बच्चे कह रहे कानफाड़ू आवाज के बीच हम कैसे पढ़ें सीएम साहब.
बता दें कि प्रशासन ने तोपचांची प्रखंड के खेसमी मध्य विद्यालय (Khesmi Middle School Topchanchi Block Dhanbad) में आपकी योजना आपकी सरकार आपके द्वार कार्यक्रम का शिविर लगाया हुआ है. लोग अपनी समस्याओं के निराकरण के लिए पहुंच रहे हैं. इस शिविर में विभिन्न विभागों के कुल 16 काउंटर यहां लगे हैं. लोगों की यहां भीड़ रहती है और लाउडस्पीकर से अनाउंसमेंट किया जाता है. बाहर भीड़ और शोरगुल उस पर भी लाउडस्पीकर से अनाउंसमेंट की कानफाड़ू आवाज बच्चों को पढ़ने नहीं दे रही है.
टीचर भी ले रहे शिविर का आनंदः लाउडस्पीकर की तेज आवाज के कारण टीचर जो भी पाठ पढ़ा रहे होते हैं बच्चों को सुनाई ही नहीं देता. इससे टीचर भी बाहर चले जाते हैं. वो अधिकारियों और जन प्रतिनिधियों के साथ पीआर में जुटे होते हैं. उनका कहना है कि उन्हें भी मैनेज करना पड़ता है. पूछने पर बच्चे बताते हैं कि बाहर मीटिंग चल रही है. इसलिए मास्टर साहब अभी बाहर हैं. एक बच्चे ने पूछने पर कहा कि इतनी तेज आवाज में पढ़ाई नहीं कर सकेंगे.
इस संबंध में स्कूल के प्रभारी प्रधानाचार्य द्वारिका प्रसाद मामले को लेकर पूछे जाने पर सफाई देते नजर आए. उन्होंने कहा कि कार्यक्रम के दौरान बच्चों की पढ़ाई का हमने भरपूर ख्याल रखा है. सरकार की यह भी एक महत्वकांक्षी योजना है. हमें भी जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों को मैनेज करना पड़ता है. प्रधानाचार्य द्वारिका प्रसाद कहते हैं कि सरकार आपके द्वार कार्यक्रम के माध्यम से दूर दराज के लोगों की समस्याओं का निराकरण जरूरी है.
अफसरों की लापरवाहीः बता दें कि शिविर के लिए स्थान चयन में अफसरों की लापरवाही सामने आ रही है. लोगों की समस्याओं का निराकरण जरूरी है, लेकिन नौनिहाल की पढ़ाई को भी ध्यान में रखना चाहिए था. यह अफसरों की प्राथमिकता में गरीब जनता के बच्चों की पढ़ाई के स्थान की ओर इशारा करता है. यह बड़ा सवाल जनता के सामने है कि आला अधिकारियों के सामने प्रदर्शन के चक्कर में अफसर पढ़ाई जैसी महत्वपूर्ण बात की अनदेखी कर रहे हैं.