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धनबाद: सुरूंगा मुखिया से दुर्व्यवहार मामले में कार्रवाई तेज, झालसा न्यायाधीश ने जांच शुरू की - झालसा न्यायाधीश संतोष आनंद कुमार सुरूंगा पंचायत पहुंचे

धनबाद के रूंगा पंचायत की मुखिया ललिता देवी से दुर्व्यवहार मामले में झालसा न्यायाधीश संतोष आनंद कुमार ने गांव पहुंचकर जांच शुरू की. 2016 में लोदना क्षेत्र के बीसीसीएल साउथ तीसरे वर्कशॉप में पानी आपूर्ति की मांग के दौरान उनके साथ अभद्र व्यवहार किया गया था.

मुखिया से दुर्व्यवहार
मुखिया से दुर्व्यवहार
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Published : Oct 9, 2020, 9:47 PM IST

धनबाद: सुरूंगा पंचायत की मुखिया ललिता देवी से बीसीसीएल अधिकारी एमके राय और एके सिंह द्वारा दुर्व्यवहार मामले में झारखंड स्टेट लीगल सर्विस ऑथिरिटी(झालसा) के न्यायाधीश संतोष आनंद कुमार धनबाद के सुरूंगा पंचायत पहुंचे.

उनके द्वारा पंचायत का निरीक्षण किया गया एवं लोगों से मिलकर मामले की जानकारी ली. मुखिया ललिता देवी ने दुर्व्यवहार मामले में हाईकोर्ट में यह आरोप लगाया था कि बीसीसीएल की क्षेत्र में चल रही परियोजना द्वारा पूरे इलाके को तहस नहस किया जा रहा है.

यहां बसे लोगों को कोई भी सुविधा बीसीसीएल द्वारा नहीं दी जाती है. सुविधा की मांग करने पर बीसीसीएल के अधिकारी गाली गलौज व अभद्र व्यवहार करते हैं. न्यायाधीश ने पूरे मामले की रिपोर्ट हाई कोर्ट में सौपने की बात कही है.

क्या है मामला

बलियापुर प्रखंड के सुरूंगा पंचायत की मुखिया ललिता देवी साल 2016 में लोदना क्षेत्र के बीसीसीएल साउथ तीसरा वर्कशॉप में पानी आपूर्ति की मांग के लिए गईं थीं, लेकिन तत्कालीन एजेंट एमके राय व इंजीनियर एके सिंह ने मुखिया से गाली गलौज करते हुए अभद्र व्यवहार के साथ भगा दिया था.

इस मामले में स्थानीय थाना में बीसीसीएल प्रबंधन और मुखिया ललिता देवी द्वारा काउंटर केस किया गया था. इसके बाद मुखिया ललिता देवी ने मामले को लेकर धनबाद कोर्ट में सीपी केस किया था.

इसके बाद धनबाद कोर्ट द्वारा इस मामले को हाई कोर्ट रेफर कर दिया गया था. इस मामले में बीसीसीएल के एजेंट एमके राय और इंजीनियर एके सिंह ने हाई कोर्ट में जमानत की याचिका दायर की थी.

मुखिया ललिता देवी ने हाई कोर्ट को बताया था कि बीसीसीएल के ओपन कास्ट माइंस के कारण आम जनजीवन काफी प्रभावित हो रहा है. इस क्षेत्र में बीसीसीएल के द्वारा कोई भी सुविधा उपलब्ध नहीं कराई जा रही है. सुविधा की मांग करने पर बीसीसीएल के अधिकारी गाली गलौज व अभद्र व्यवहार करते हैं.

हाई कोर्ट ने मुखिया ललिता देवी की बातों पर संज्ञान लेते हुए मामले के जांच का आदेश दिए थे. इस जांच के आदेश के बाद ही हाई कोर्ट ने बीसीसीएल के दोनों आरोपी अधिकारियों को जमानत दे दी थी.

न्यायाधीश संतोष आनंद के सुरूंगा पंचायत पहुंचने के बाद मुखिया ललिता देवी उनके पति सनातन रविदास व कांग्रेस नेता भूतनाथ देव समेत अन्य लोगों ने बीसीसीएल की कारगुजारियों से उन्हें अवगत कराया.

यह भी पढ़ेंः रांचीः स्टेन स्वामी की गिरफ्तारी का विरोध, मानव श्रृंखला बनाकर जताया आक्रोश

भूतनाथ देव ने बताया कि साल 1944 में झरिया राजा अर्जुन लाल द्वारा अंडरग्राउंड माइनिंग के लिए करीब 100 एकड़ जमीन लीज पर दी गई थी.

उसी लीज पर बीसीसीएल ओपन कास्ट माइनिंग कर रही है.ओपन कास्ट माइनिंग कर बीसीसीएल जमीन को तहस नहस कर रही है. अंडरग्राउंड माइनिंग के समय जमीन पर लोग खेतीबारी करते थे, लेकिन ओपन कास्ट होने के बाद तमाम खेत तहस नहस हो चुके है.

भूतनाथ देव ने जमीन के दस्तावेज भी उपलब्ध कराएं हैं. वहीं झालसा न्यायाधीश ने संतोष आंनद ने कहा कि हाई कोर्ट के आदेश पर जांच पड़ताल की गई है. मामले की रिपोर्ट हाई कोर्ट को सौंप दी जाएगी.

धनबाद: सुरूंगा पंचायत की मुखिया ललिता देवी से बीसीसीएल अधिकारी एमके राय और एके सिंह द्वारा दुर्व्यवहार मामले में झारखंड स्टेट लीगल सर्विस ऑथिरिटी(झालसा) के न्यायाधीश संतोष आनंद कुमार धनबाद के सुरूंगा पंचायत पहुंचे.

उनके द्वारा पंचायत का निरीक्षण किया गया एवं लोगों से मिलकर मामले की जानकारी ली. मुखिया ललिता देवी ने दुर्व्यवहार मामले में हाईकोर्ट में यह आरोप लगाया था कि बीसीसीएल की क्षेत्र में चल रही परियोजना द्वारा पूरे इलाके को तहस नहस किया जा रहा है.

यहां बसे लोगों को कोई भी सुविधा बीसीसीएल द्वारा नहीं दी जाती है. सुविधा की मांग करने पर बीसीसीएल के अधिकारी गाली गलौज व अभद्र व्यवहार करते हैं. न्यायाधीश ने पूरे मामले की रिपोर्ट हाई कोर्ट में सौपने की बात कही है.

क्या है मामला

बलियापुर प्रखंड के सुरूंगा पंचायत की मुखिया ललिता देवी साल 2016 में लोदना क्षेत्र के बीसीसीएल साउथ तीसरा वर्कशॉप में पानी आपूर्ति की मांग के लिए गईं थीं, लेकिन तत्कालीन एजेंट एमके राय व इंजीनियर एके सिंह ने मुखिया से गाली गलौज करते हुए अभद्र व्यवहार के साथ भगा दिया था.

इस मामले में स्थानीय थाना में बीसीसीएल प्रबंधन और मुखिया ललिता देवी द्वारा काउंटर केस किया गया था. इसके बाद मुखिया ललिता देवी ने मामले को लेकर धनबाद कोर्ट में सीपी केस किया था.

इसके बाद धनबाद कोर्ट द्वारा इस मामले को हाई कोर्ट रेफर कर दिया गया था. इस मामले में बीसीसीएल के एजेंट एमके राय और इंजीनियर एके सिंह ने हाई कोर्ट में जमानत की याचिका दायर की थी.

मुखिया ललिता देवी ने हाई कोर्ट को बताया था कि बीसीसीएल के ओपन कास्ट माइंस के कारण आम जनजीवन काफी प्रभावित हो रहा है. इस क्षेत्र में बीसीसीएल के द्वारा कोई भी सुविधा उपलब्ध नहीं कराई जा रही है. सुविधा की मांग करने पर बीसीसीएल के अधिकारी गाली गलौज व अभद्र व्यवहार करते हैं.

हाई कोर्ट ने मुखिया ललिता देवी की बातों पर संज्ञान लेते हुए मामले के जांच का आदेश दिए थे. इस जांच के आदेश के बाद ही हाई कोर्ट ने बीसीसीएल के दोनों आरोपी अधिकारियों को जमानत दे दी थी.

न्यायाधीश संतोष आनंद के सुरूंगा पंचायत पहुंचने के बाद मुखिया ललिता देवी उनके पति सनातन रविदास व कांग्रेस नेता भूतनाथ देव समेत अन्य लोगों ने बीसीसीएल की कारगुजारियों से उन्हें अवगत कराया.

यह भी पढ़ेंः रांचीः स्टेन स्वामी की गिरफ्तारी का विरोध, मानव श्रृंखला बनाकर जताया आक्रोश

भूतनाथ देव ने बताया कि साल 1944 में झरिया राजा अर्जुन लाल द्वारा अंडरग्राउंड माइनिंग के लिए करीब 100 एकड़ जमीन लीज पर दी गई थी.

उसी लीज पर बीसीसीएल ओपन कास्ट माइनिंग कर रही है.ओपन कास्ट माइनिंग कर बीसीसीएल जमीन को तहस नहस कर रही है. अंडरग्राउंड माइनिंग के समय जमीन पर लोग खेतीबारी करते थे, लेकिन ओपन कास्ट होने के बाद तमाम खेत तहस नहस हो चुके है.

भूतनाथ देव ने जमीन के दस्तावेज भी उपलब्ध कराएं हैं. वहीं झालसा न्यायाधीश ने संतोष आंनद ने कहा कि हाई कोर्ट के आदेश पर जांच पड़ताल की गई है. मामले की रिपोर्ट हाई कोर्ट को सौंप दी जाएगी.

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