धनबादः कहते हैं एक आइडिया जो आपकी जिंदगी बदल दे, कुछ कर गुरजरे की चाहत दिल में भर दे. कुछ ऐसा ही करके दिखाया है 9वीं कक्षा के छात्रों ने. इन छात्रों का आइडिया ड्रोन की शक्ल में सबके सामने है, उन्होंने इसे फायर फाइटिंग ड्रोन नाम दिया है. उनका ये आविष्कार लोक कल्याण और सेना के काफी काम आ सकता है.
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धनबाद आईआईटी आईएसएम में चल रहे झारखंड स्कूल इनोवेशन चैलेंज 2023 के तहत कई स्कूलों के छात्र यहां शामिल हुए. इनमें से मधुपुर जिले के महेंद्रमुनी सरस्वती शिशु विद्या मंदिर से क्लास 9 तीन छात्र भी शामिल हुए. इन छात्रों के द्वारा एक फायर फाइटिंग ड्रोन बनाया गया है. इन्होंने एक ऐसे आइडिया को विकसित किया है, जिससे ना सिर्फ संकीर्ण गलियों में स्थित घरों में लगी आग पर काबू पाया जा सकता है. बल्कि सेना के जवानों को मदद पहुंचाने में भी ये ड्रोन काफी कारगर साबित होगा.
क्या है इस ड्रोन की खासियतः ये ड्रोन तंग गलियों में आग को बुझाने में मददगार साबित होगा. क्योंकि अक्सर संकरी गलियों तक दमकल की गाड़ियां नहीं पहुंच पाती और पानी का पाइप भी वहां तक नहीं जा पाता, जिससे आग पर काबू पाना नामुमकिन सा हो जाता है. ऐसे में इस ड्रोन की मदद से ऐसी तंग गलियों में आसानी से आग पर काबू पाया जा सकता है. इसके अलावा सेना के लिए भी ये ड्रोन काफी काम आ सकेगा. क्योंकि सीमावर्ती इलाकों में निगरानी रखने के लिए जंगल, चट्टानी, घाटी और गुफाओं में ये ड्रोन आसानी से जा सकता है. जिस कारण वहां होने वाली गतिविधि पर सेना की नजर हमेशा रहेगी.
मधुपुर जिले के महेंद्रमुनी सरस्वती शिशु विद्या मंदिर 9वीं कक्षा के तीन छात्रों ने मिलकर फायर फाइटिंग ड्रोन का आइडिया विकसित किया है. उनके साथ टीचर नंद देव प्रसाद यादव भी इसमें काफी सहयोग कर रहे हैं. शिक्षक नंद देव प्रसाद के यादव में डायरेक्शन में छात्रों ने फायर फाइटिंग ड्रोन का आइडिया विकसित किया है. 9वीं कक्षा के छात्र अमन, अंशु और रोशन ने इस ड्रोन को बनाने में सफलता हासिल की है. इस ड्रोन में काफी मैकेनिज्म मौजूद है जो इसके काम करने की क्षमता बढ़ाता और ये काफी एडवांस भी है.
अमन ने बताया कि देश में अगलगी की घटनाएं होती हैं. जहां दूर दराज या सुदूरवर्ती इलाकों में आग बुझाने में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है. वैसे इलाकों में फायर फाइटिंग ड्रोन आग पर काबू पाने में काफी मददगार साबित होगा. इसके साथ ही उन्हें सेना के लिए भी कुछ करने की तमन्ना थी तो ये ड्रोन बॉर्डर पर तैनात हमारे जवानों को भी काफी हद तक मदद पहुंचा सकेगा. बॉर्डर पर होने वाली घुसपैठ को रोकने में यह ड्रोन काफी मददगार साबित होगा. क्योंकि ये ड्रोन पहाड़ी और जंगल के दुर्गम इलाकों जाकर निगरानी करने में सक्षम है.
छात्रों को प्रोत्साहित करने वाले टीचर नंदू प्रसाद यादव ने बताया कि उनका आइडिया कई मायनों में महत्वपूर्ण है. किसी क्षेत्र में आग लगने के बाद काफी हद तक आग पर काबू पाने का काम ड्रोन कर सकेगा. इसके साथ ही सेना की मदद भी कर सकेगा. वहीं आईएसएम के इनोवेशन सेंटर के इंचार्ज ने बताया कि दूर दराज के झारखंड के छात्रों का जुटान यहां हुआ है, उनके द्वारा बेहतर आइडिया प्रस्तुत किया जा रहा है. मधुपुर के छात्रों ने जो आईडिया प्रस्तुत किया है, जो काफी सराहनीय है.