धनबाद: लोकसभा सीट के लिए निर्दलीय प्रत्याशी सिद्धार्थ गौतम सहित 20 प्रत्याशी मैदान में अपनी किस्मत आजमाएंगे. बता दें कि 16 अप्रैल से धनबाद में नामांकन शुरू हुई थी जो प्रक्रिया शुक्रवार को नाम वापसी के साथ खत्म हो गई. कुल 29 लोगों ने फॉर्म खरीदा था. जबकि, 28 प्रत्याशियों ने नामांकन दाखिल किया था. स्क्रुटनी के दौरान 8 प्रत्याशी का नामांकन रद्द हो गया. अब 20 प्रत्याशी मैदान में रह गए हैं.
धनबाद सीट में अब त्रिकोणीय संघर्ष देखने को मिलेगा. भाजपा प्रत्याशी पशुपतिनाथ सिंह, कांग्रेस प्रत्याशी और प्रसिद्ध क्रिकेटर कीर्ति झा आजाद और निर्दलीय प्रत्याशी झरिया विधायक संजीव सिंह के भाई सिद्धार्थ गौतम के बीच मुकाबला होने के आसार हैं.
बीजेपी के लिए सिद्धार्थ गौतम हैं चुनौती
सिद्धार्थ गौतम के मैदान में डटे रहने से बीजेपी के लिए एक चुनौती जरूर खड़ी हो गई है क्योंकि दोनों एक ही वर्ग से आते हैं, जिसके कारण बीजेपी का वोट कटना लगभग तय माना जा रहा है. आज नाम वापसी की तिथि तक बीजेपी के लोग यह प्रयास में थे कि किसी भी तरह सिद्धार्थ गौतम अपना नाम वापस ले ले. लेकिन ऐसा नहीं हो पाया. वे अपने स्टैंड पर कायम रहते हुए मैदान में डटे रह गए हैं.
मेरा पूरा परिवार भाजपा के साथ: संजीव सिंह
वहीं, धनबाद जेल में बंद संजीव सिंह आज पेशी के दौरान जब कोर्ट पहुंचे तो उन्होंने मीडिया से बात करते हुए बताया कि मैं और मेरा पूरा परिवार भाजपा के साथ खड़े है और भाजपा के साथ खड़ा रहूंगा. सिद्धार्थ गौतम की भी अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षा है जिस कारण वह चुनाव लड़ रहे हैं.
उन्हें भी अपने राजनीतिक जमीन तलाशने का हक है. उन्होंने कहा कि पिछले दिनों हमारी पत्नी रागिनी सिंह भाजपा में आ गई हैं. भाजपा प्रत्याशी और हमारे जितने भी समर्थक हैं, सभी भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में प्रचार करेंगे.भाजपा के लिए कड़ी चुनौती
कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि धनबाद में अब राजनीति का रोमांच देखने को मिलेगा तो यह गलत नहीं होगी. बीते सोमवार को ही मुख्यमंत्री के समक्ष भाजपा प्रत्याशी के नामांकन के दौरान रागिनी सिंह ने भाजपा का दामन थामा है. वह भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में प्रचार करेंगे.