देवघर: जिले में लगातार प्रवासी मजदूरों के आने का सिलसिला जारी है. मजदूरों को स्थानीय स्तर पर रोजगार उपलब्ध कराने के लिए ग्रामीण विकास विभाग और रेलवे ने संयुक्त रूप से योजना बनाई है. इन योजनाओं के तहत रेलवे की खाली पड़ी जमीन पर मनरेगा के माध्यम से तालाब खुदाई का काम शुरू किया गया है, जिसमें सिंचाई और मत्स्य पालन किया जाएगा. तालाब खुदाई में कई मजदूरों को रोजगार मिल गया है, जिससे मजदूरों की थम सी गई जिंदगी पटरी पर दिखाई देने लगी है.
लॉकडाउन के दौरान भारी संख्या में घर वापसी कर चुके श्रमिकों और कामगारों को स्थानीय स्तर पर रोजगार उपलब्ध कराना सरकार की प्राथमिकता है. इसी उद्देश्य से देवघर में ग्रामीण विकास विभाग को रेलवे ने अपनी जमीन पर कार्य करने के लिए एनओसी दिया है, जिसके तहत रेलवे की खाली पड़ी जमीन पर अब मनरेगा के माध्यम से तालाब खुदाई का काम शुरू किया गया है. देवघर जिले के चार प्रखंड, देवघर, मोहनपुर, मधुपुर और देवीपुर में इसकी शुरुआत की गई है. भूगर्भीय जलस्तर बढ़ाने के अलावा सिंचाई के साथ मत्स्य पालन के लिए भी इनका उपयोग करने की योजना है. इससे स्थानीय लोगों को लाभ तो होगा ही साथ ही रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे.
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लॉकडाउन के दौरान मजदूर दो महीने से घरों में बेरोजगार बैठे हैं, जिसके कारण उसके रोजी रोटी पर ग्रहण लग गया है. हालांकि देवघर में घर वापसी किए मजदूरों को अब रोजगार मिलने लगा है, सरकार के इस निर्णय के बाद स्थानीय श्रमिकों में काफी उत्साह है. लॉकडाउन के बाद घर वापसी कर चुके श्रमिकों और कामगारों को अब दोबारा रोजगार की तलाश में अन्य राज्यों और शहरों का रुख नहीं करना पड़े इसके लिए झारखंड सरकार ने रोजगार सृजन की तीन बड़ी योजना शुरू की है और अब इसमें रेलवे की सहयोग ने सरकार का काम आसान कर दिया है.