देवघर: जिले की तीन छात्राएं इन दिनों काफी चर्चा में हैं. तीनों बेटियां स्लम इलाके में रहने वाले बच्चों में शिक्षा का अलख जगा रही हैं, जो बच्चे कभी कूड़ा कचरा उठाते थे वो बच्चे आज तीनों सहेलियों की पहल से किताब और कॉपी लेकर पढ़ाई कर रहे हैं.
देवघर शहर के बीचोंबीच बसे हरदला कुंड के पास झुग्गियों में रहने वाले 35 बच्चों को तालाब के किनारे एक पेड़ के नीचे तीनों बेटियां मुफ्त में शिक्षा दे रहीं हैं. ये सभी बच्चे भी मन लगाकर पढ़ाई कर रहे हैं. बच्चे तीनों सहेलियों से हमेशा पूछते हैं कि क्या हमें मुफ्त शिक्षा मिलते रहेगी? अपने बच्चों को मुफ्त शिक्षा मिलते देख उनके माता-पिता को भी सुकून मिल रहा है.
झुग्गियों में रहने वाले बच्चों में शिक्षा की अलख जगाने वाली तीनों बेटियां खुद भी पढ़ाई करती हैं और अपनी मंजिल तक पहुंचने के लिए पूरी मेहनत कर रही हैं. तीनों शहर के अलग-अलग इलाके में रहती हैं और सत्संग कॉलेज में पढ़ाई करती हैं. इन तीनों छात्राओं को अब इन बच्चों के बीच वक्त बिताना भी काफी अच्छा लगता है. उनकी मेहनत और लगन के कारण कभी ककहरा तक नहीं बोल पाने वाले स्लम एरिया के बच्चे आज फर्राटेदार अंग्रेजी के शब्दों को दोहराते नजर आ रहे हैं.
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तीनों सहेलियों की हो रही तारीफ
देवघर की इन तीनों छात्राओं के इस पहल की चारों तरफ चर्चा हो रही है. ये तीनों सरकार और समाज के ठेकेदारों के लिए एक नजीर भी है. तीनों सहेलियां हर दिन अपनी पढ़ाई के साथ-साथ गरीब बच्चों को मुप्त में शिक्षा दे रही हैं, जिससे बच्चों की जिंदगी भी संवर सके.