ETV Bharat / state

देवघर में दिख रहीं विलुप्त हो चुकी पक्षियों की प्रजातियां, संरक्षण की मांग

लॉकडाउन के सकारात्मक परिणाम भी सामने आए हैं. इसके कारण पर्यावरण में आए परिवर्तन के बाद देवघर के अनेक भागों में विलुप्त हो चुकी पक्षियों की प्रजातियां दिख रही हैं. इससे पक्षी प्रेमियों में खुशी है.

देवघर में दिख रहीं विलुप्त हो चुकी पक्षियों की प्रजातियां
देवघर में दिख रहीं विलुप्त हो चुकी पक्षियों की प्रजातियां
author img

By

Published : Jun 5, 2020, 8:44 AM IST

Updated : Jun 6, 2020, 9:53 AM IST

देवघरः वैश्विक महामारी के दौरान देश में लॉकडाउन लगाया गया और इस महामारी के खौफ के माहौल में कुछ सकारात्मक साइड इफेक्ट भी दिख रहे हैं. खासकर पर्यावरण पर इसका खासा असर देखा जा रहा है. पर्यावरण स्वच्छ होने पर देवघर के आसपास के क्षेत्रों में कई विलुप्त दुर्लभ प्रजाति के पक्षी देखे जा रहे हैं, जिसे लोग एक अच्छा संकेत मान रहे है.

देवघर में दिख रहीं विलुप्त पक्षियों की प्रजातियां.

देवघर प्राकृतिक छटाओं से घिरा क्षेत्र है जो पहाड़ों और जंगलों से घिरा है. यहां कई वनस्पतियां पाई जाती हैं और देवघर की आबोहवा से सैकड़ों मील दूर से प्रवासी पक्षी देवघर पहुंचते हैं. वर्तमान में कोरोना बंदी के कारण पर्यावरण में आई स्वच्छता के कारण कई दुर्लभ और विलुप्त हो चुकीं पक्षी की प्रजातियां इन दिनों देखी जा रही हैं.

पक्षियों के जानकारों की मानें तो दुनिया में पक्षियों को 27 वर्गों में बांट दिया गया है, जिसमें 20 वर्गों के पक्षी भारत में पाए जाते हैं, लेकिन प्रदूषण और जलवायु में आये बदलाव के कारण इनमें से अधिकांश प्रजाति के पक्षी विलुप्त होने की कगार पर थे, लेकिन लॉकडाउन के दौरान पर्यावरण में हुए बदलाव के कारण इन्हें फिर से जीवित कर दिया है.

इस बदलते माहौल में देवघर के आसपास दिखाई दे रहे दुर्लभ प्रजाति के पक्षियों को पर्यावरणविद शुभ संकेत बताया है. देवघर के लिए अच्छी बात यह है. अन्य जगहों से माइग्रेट होकर पहुंच रहे रंग-बिरंगे अनोखे और दुर्लभ पक्षियों के संरक्षण के लिए जिला प्रशाशन भी दिलचस्पी दिखा रहा है.

यह भी पढ़ेंः तीसी की खेती से बदल सकती है झारखंड के किसानों की किस्मत, बिरसा कृषि विश्वविद्यालय कर रहा मदद

इसके लिए वन विभाग से समन्यवय स्थापित कर वन्य प्राणी संरक्षण और संवर्धन बनाये जाने की बात कह रही है. लॉकडाउन के कारण पर्यावरण, प्रदूषण और जलवायु में आए परिवर्तन से अगर बुरा प्रभाव पड़ा है तो वो है इन पक्षियों पर पड़ा है.

खासकर कई घरेलू पक्षियां इससे बुरी तरह प्रभावित हुई हैं. एक समय था जब सुबह-सुबह इन पक्षियों की चहचहाट से ही लोगों की नींद खुलती थी. अब उम्मीद की जा सकती है कि पर्यावरण में आये परिवर्तन से वो दिन भी अब दूर नहीं.

देवघरः वैश्विक महामारी के दौरान देश में लॉकडाउन लगाया गया और इस महामारी के खौफ के माहौल में कुछ सकारात्मक साइड इफेक्ट भी दिख रहे हैं. खासकर पर्यावरण पर इसका खासा असर देखा जा रहा है. पर्यावरण स्वच्छ होने पर देवघर के आसपास के क्षेत्रों में कई विलुप्त दुर्लभ प्रजाति के पक्षी देखे जा रहे हैं, जिसे लोग एक अच्छा संकेत मान रहे है.

देवघर में दिख रहीं विलुप्त पक्षियों की प्रजातियां.

देवघर प्राकृतिक छटाओं से घिरा क्षेत्र है जो पहाड़ों और जंगलों से घिरा है. यहां कई वनस्पतियां पाई जाती हैं और देवघर की आबोहवा से सैकड़ों मील दूर से प्रवासी पक्षी देवघर पहुंचते हैं. वर्तमान में कोरोना बंदी के कारण पर्यावरण में आई स्वच्छता के कारण कई दुर्लभ और विलुप्त हो चुकीं पक्षी की प्रजातियां इन दिनों देखी जा रही हैं.

पक्षियों के जानकारों की मानें तो दुनिया में पक्षियों को 27 वर्गों में बांट दिया गया है, जिसमें 20 वर्गों के पक्षी भारत में पाए जाते हैं, लेकिन प्रदूषण और जलवायु में आये बदलाव के कारण इनमें से अधिकांश प्रजाति के पक्षी विलुप्त होने की कगार पर थे, लेकिन लॉकडाउन के दौरान पर्यावरण में हुए बदलाव के कारण इन्हें फिर से जीवित कर दिया है.

इस बदलते माहौल में देवघर के आसपास दिखाई दे रहे दुर्लभ प्रजाति के पक्षियों को पर्यावरणविद शुभ संकेत बताया है. देवघर के लिए अच्छी बात यह है. अन्य जगहों से माइग्रेट होकर पहुंच रहे रंग-बिरंगे अनोखे और दुर्लभ पक्षियों के संरक्षण के लिए जिला प्रशाशन भी दिलचस्पी दिखा रहा है.

यह भी पढ़ेंः तीसी की खेती से बदल सकती है झारखंड के किसानों की किस्मत, बिरसा कृषि विश्वविद्यालय कर रहा मदद

इसके लिए वन विभाग से समन्यवय स्थापित कर वन्य प्राणी संरक्षण और संवर्धन बनाये जाने की बात कह रही है. लॉकडाउन के कारण पर्यावरण, प्रदूषण और जलवायु में आए परिवर्तन से अगर बुरा प्रभाव पड़ा है तो वो है इन पक्षियों पर पड़ा है.

खासकर कई घरेलू पक्षियां इससे बुरी तरह प्रभावित हुई हैं. एक समय था जब सुबह-सुबह इन पक्षियों की चहचहाट से ही लोगों की नींद खुलती थी. अब उम्मीद की जा सकती है कि पर्यावरण में आये परिवर्तन से वो दिन भी अब दूर नहीं.

Last Updated : Jun 6, 2020, 9:53 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.