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देवघर में विदेशी मेहमानों की अटखेलियां, अनुकूल वातावरण और मौजूद वनस्पति के लिए पहुंचते हैं साइबेरियन पक्षी

देवघर में इन दिनों प्रवासी पक्षियों का जमावाड़ा लगा हुआ है. मीलों दूर से उड़ कर साइबेरियन पक्षी यहां पहुंच रहे हैं. बड़ी बात यह है कि ये पक्षी 20 से ज्यादा प्रजाति के हैं. पर्यटन की दृष्टि से ये काफी महत्वपूर्ण है, बस जरूरत है इनके संरक्षण की, जिससे इन मेहमानों को किसी तरह की परेशानी न हो.

Siberian birds
झारखंड के मेहमान प्रवासी पक्षी
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Published : Jan 6, 2020, 3:27 PM IST

देवघरः जिले के पुनासी और आसपास के इलाकों में तकरीबन 10 हजार से ज्यादा प्रवासी पक्षी अपने झुंड के साथ आए हुए हैं. देवघर के कई इलाकों में आए साइबेरियन पक्षी को लेकर स्थानीय लोग काफी खुश होते है. लोग इनके संरक्षण के लिए जितना हो सके मदद कर रहे हैं. बताया जाता है कि अनुकूल वातावरण और यहां मौजूद वनस्पति की वजह से हर साल यहां प्रवासी पक्षियों का आना होता है. हालांकि इस दौरान इन पक्षियों के संरक्षण की आवश्यता होती है, जिससे पर्यटन को बढ़ावा मिल सके.

देखें स्पेशल रिपोर्ट

स्थानीय लोगों की माने तो ये पक्षी दाना-पानी और अनुकूल वातावरण ढूंढते-ढूंढते यहां आ जाते हैं. 20 से ज्यादा प्रजाति के पक्षी यहां पहुंचते हैं. ये पक्षी काफी खूबसूरत होते हैं, हालांकि ये काफी डरे सहमे रहते हैं. किसी भी इंसान को देखते ही ये उड़ जाते हैं. इसकी बड़ी वजह यह है कि इन्हें फायदे के लिए मारा जाने लगा है.

ये भी पढ़ें- पतरातू लेक रिसोर्ट से लेकर घाटी तक लगा भीषण जाम, सैलानियों की उमड़ी भीड़

वहीं, पक्षियों के संरक्षण को लेकर वन अधिकारी ने कहा कि राज्य सरकार की ओर से इनकी गणना के लिए कोई आदेश पारित नहीं हुआ है. हालांकि ये साइबेरियन पक्षी देवघर के कई क्षेत्रों में भारी संख्या में पहुंचते है, जिसके संरक्षण के लिए सभी इलाकों में गस्ती दल लगातार सक्रिय है. जिससे कोई इनका शिकार न कर पाए. इसके साथ ही गांव-गांव जाकर कार्यक्रम के जरिए लोगों को जागरूक भी किया जा रहा है. ये साइबेरियन मेहमान फरवरी-मार्च तक यहां प्रवास करते हैं.

देवघरः जिले के पुनासी और आसपास के इलाकों में तकरीबन 10 हजार से ज्यादा प्रवासी पक्षी अपने झुंड के साथ आए हुए हैं. देवघर के कई इलाकों में आए साइबेरियन पक्षी को लेकर स्थानीय लोग काफी खुश होते है. लोग इनके संरक्षण के लिए जितना हो सके मदद कर रहे हैं. बताया जाता है कि अनुकूल वातावरण और यहां मौजूद वनस्पति की वजह से हर साल यहां प्रवासी पक्षियों का आना होता है. हालांकि इस दौरान इन पक्षियों के संरक्षण की आवश्यता होती है, जिससे पर्यटन को बढ़ावा मिल सके.

देखें स्पेशल रिपोर्ट

स्थानीय लोगों की माने तो ये पक्षी दाना-पानी और अनुकूल वातावरण ढूंढते-ढूंढते यहां आ जाते हैं. 20 से ज्यादा प्रजाति के पक्षी यहां पहुंचते हैं. ये पक्षी काफी खूबसूरत होते हैं, हालांकि ये काफी डरे सहमे रहते हैं. किसी भी इंसान को देखते ही ये उड़ जाते हैं. इसकी बड़ी वजह यह है कि इन्हें फायदे के लिए मारा जाने लगा है.

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वहीं, पक्षियों के संरक्षण को लेकर वन अधिकारी ने कहा कि राज्य सरकार की ओर से इनकी गणना के लिए कोई आदेश पारित नहीं हुआ है. हालांकि ये साइबेरियन पक्षी देवघर के कई क्षेत्रों में भारी संख्या में पहुंचते है, जिसके संरक्षण के लिए सभी इलाकों में गस्ती दल लगातार सक्रिय है. जिससे कोई इनका शिकार न कर पाए. इसके साथ ही गांव-गांव जाकर कार्यक्रम के जरिए लोगों को जागरूक भी किया जा रहा है. ये साइबेरियन मेहमान फरवरी-मार्च तक यहां प्रवास करते हैं.

Intro:देवघर हजारों की संख्या में देवघर पहुँचते विदेशी मेहमान,अनुकूल वातावरण और मौजूद वनस्पति के लिए पहुचते है साइबेरियन पक्षी।

नोट वन अधिकारी की बाइट रिपोटर एप से गयी है।


Body:एंकर देवघर पंक्षी नदिया पवन के झोंके कोई सरहद ना इन्हें रोके। जी हाँ। यह गाना इन साइबेरियन पक्षियो के लिए फिट है। वही बात पंक्षियो की करें तो इंसान को एक जिंदगी का एक फ़लसफ़ा सीखा जाती है। इनके लिए सरहदें मायने नही रखती ये तो प्रेम देखते है। जहाँ प्रेम और शांति मिली वही की हो लिए। ऐसा ही है कुछ देवघर के पुनासी और आस पास के इलाकों में जहाँ तकरीबन दस हजार से भी ज्यादा प्रवासी पक्षी अपने झुंड के साथ आये हुए है। और दूर से ही पर्यटक इनको निहारते है और आसमान में तरह तरह की आकृति की दृश्य देखते है। हजार पंक्षियो का यह झुंड लोगो को सवाल पूछने पर मजबूर कर देते है। कि ये कोन है और कहा से आये है। तो आपको बता दे ये विदेशी मेहमान है। जो हमारे देश प्रवास के लिए आये है। अन्न और पानी की तलाश में यह प्रवशी पक्षी हजारो मिल दूर तय कर भारत पहुचते है। और इन दस हजार से ज्यादा पक्षी देवघर वाशियों को खूब राश आ रहा है। एक ही तालाब में दस हजार से ज्यादा प्रवशी पक्षी प्रवास कर रहे है। स्थानीय लोगो की माने तो ये अपनी दाना पानी और अनुकूल वातावरण ढूंढते ढूंढते यहाँ आ जाते है। इनकी माने तो 20 से ज्यादा प्रजाति के पक्षी यहाँ पहुचते है। ये पक्षी खूबसूरत तो होते ही है। लेकिन बेहद डरे सहमे रहते है। प्रवास के दौरान ये मनुष्यो को देखते ही उड़ जाते है। इसका कारण है कि इनको इंसान अपने फायदे के लिए मारने लगे है। यही वजह है कि पर्यटक इन्हें दूर से ही आसमान और तालाबो में विचरण करते देखते है। कुल मिलाकर प्रवशी पंक्षियो से देवघर गुलजार है। दूसरे लावजो में कहे तो इन पंक्षियो से हमे एक चीज तो सीखनी ही चाहिए कि इंसान इन पंक्षियो की तरह क्यों नही होते है। जो अपनी पंख फैलाये आसमान को छूने निकल जाए और इन्हें कोई सरहदे ना रोक पाए। न जाट न पात न कुछ और रोक पाए।


Conclusion:बहरहाल,देवघर के कई इलाकों में आये साइबेरियन पक्षी को लेकर स्थानीय लोग भी काफी खुश होते है और यथा संभव संरक्षण के लिए मदद करते है। और बताते है कि अनुकूल वातावरण और यहाँ मौजूद वनस्पति के कारण हर साल यहाँ प्रवासी पंक्षियो का आना होता है। और इसकी संरक्षण की आवश्यकता है ताकि पर्यटन के दृश्टिकोण से बढ़ावा मिल सके। वही इस बावत जब प्रवशी पंक्षियो की संरक्षण की बात वन अधिकारी से की गई तो इन्होंने कहा कि राज्य सरकार की और से गणना की आदेश पारित नही हुई है और यह साइबेरियन पक्षी देवघर इलाके के कई क्षेत्र में भारी संख्या में पहुचते है जिसकी संरक्षण को लेकर सभी इलाको में गस्ती दल लगातार जाती है ताकि किसी प्रकार से कोई शिकार ना हो पाए और गांव गांव में जाकर कार्यक्रम के माध्यम से लोगो को जागरूक भी किया जाता है। और यह साइबेरियन मेहमान फरवरी मार्च तक यहाँ प्रवास करते है।

बाइट प्रेमजीत आनंद,वन अधिकारी।
बाइट आलोक कुमार,स्थानीय।
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