देवघर: झारखंड भीषण बिजली संकट का सामना कर रहा है. गांव से शहर तक घंटों कटौती हो रही है, अस्पताल भी इससे अछूते नहीं है. देवघर सदर अस्पताल का भी यही हाल है. यहां रोजाना पांच से छह घंटे की कटौती हो रही है. जनरेटर की भी व्यवस्था नहीं है. नतीजतन भीषण गर्मी में इस बीच पंखे खामोश रहते हैं और मरीज बिलबिलाते रहते हैं. कुछ वार्ड में पर्याप्त पंखे भी नहीं लगे, इससे गर्मी से बेहाल कुछ मरीज हाथ पंखे के भरोसे किसी तरह समय काट रहे हैं.
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घर से पंखा ला रहे मरीजः मरीजों का कहना है कि देवघर सदर अस्पताल के कई वार्ड में पर्याप्त पंखे नहीं लगे हैं. बड़े से रूम में दूर-दूर एक दो पंखे लगे हैं, लेकिन उनसे हवा नहीं लगती. इससे यहां भर्ती मरीज के लिए घरवाले घर से पंखा लाकर लगाते हैं ताकि उनके मरीज को लाभ हो और गर्मी से हालात न बिगड़ें. लेकिन बिजली कटने पर वो भी लाचार हो जाते हैं और हाथ पंखे के सहारे मरीज को राहत देने की कोशिश करते हैं.
दरअसल सदर अस्पताल के 15 से 16 बेड वाले एक वार्ड में मुश्किल से एक दो सीलिंग फैन की व्यवस्था है. गर्मी और पंखे की संख्या कम होने से मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पर रहा है. इससे मरीजों के लिए तीमारदार खुद ही पंखे की व्यवस्था कर रहे हैं.वहीं बिजली कटौती होने पर जनरेटर बंद रहते हैं. फिर मरीज के परिजन हाथ वाले पंखे के सहारे किसी तरह मरीज के लिए हवा करते हैं. देवघर सदर अस्पताल की कुव्यवस्था पर सिविल सर्जन डॉ. सीके शाही का कहना है कि वार्डों मे पंखे और बिजली की व्यवस्था की जरूरत है. उसे ठीक कराने का प्रयास किया जा रहा है.