देवघरः साल के पहले पर्व मकर संक्रांति मनाने को लेकर असमंजस की स्थिति पैदा हो गयी है. वैसे तो आमतौर पर मकर संक्रांति का पर्व 14 जनवरी को मनाया जाता है, लेकिन इस बार तारीख में कुछ बदलाव है.
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बता दे जिस दिन सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता है उस दिन मकर संक्रांति का पर्व मनाया जाता है. इस बार सूर्य शनिवार 14 जनवरी की रात में मकर राशि में प्रवेश कर रहा है. क्योंकि उदयमान सूर्य से दिन की शुरुआत मानते हैं तो इसी वजह से इस वर्ष मकर संक्रांति का पर्व 15 जनवरी को मनाया जाएगा(Makar Sankranti will be celebrated on 15 January ).
इस बारे में ज्यादा जानकारी देते हुए देवघर के पुरोहित ने बताया कि कई बार मलमास पड़ जाता है. जिसके कारण तिथि में बदलाव हो जाता है और यह हर 3 साल के बाद होता है. इस साल मलमास पड़ रहा है. जिसके चलते मकर संक्रांति की तिथि में भी बदलाव आया है.
मकर संक्रांति का पर्व इस बार 15 जनवरी को मनाया जाएगा. इस दिन लोग नदी में स्नान कर सूर्य की आराधना करते है. इस दिन सुबह 6 बजे से लेकर शाम के 5:36 मिनट तक शुभ मुहूर्त माना गया है. इस साल मकर संक्रांति रविवार के दिन पड़ रही है. रविवार को सूर्य देव की उपासना की जाती है और मकर संक्रांति के दिन भी सूर्य की पूजा करते हैं. ऐसे में इस बार सूर्य पूजा के लिए मकर संक्रांति का दिन और भी अत्यधिक शुभ है. इस दिन सूर्य देव की पूजा करने से उसका अधिक फल प्राप्त होगा. मकर संक्रांति के दिन सूर्य देव दक्षिणायन से उत्तरायण होते हैं.
पूरे पौष महीना खरमास रहता है और 14 तारीख को खरमास खत्म हो रहा है. इसके बाद से पूरे 1 महीने तक कई मांगलिक कार्य करते हैं. जैसे शादी, मुंडन, गृह प्रवेश, पूजा पाठ आदि. खड़मास खत्म होने के बाद माघ महीने की शुरुआत हो रही है. इस महीने को पुरषोत्तम मास भी बोला जाता है यानी उत्तम मास माना जाता है. कुल मिलाकर इस साल पड़ने वाली मकर संक्रांति लोगों के लिए बेहद खास है और लोगों को इस दिन अवश्य ही नदी या तालाब मैं स्नान कर सूर्य की आराधना करनी चाहिए.