देवघर: चिकित्सक हमारे समाज में सबसे सम्मानित व्यक्ति होते हैं. इन्हे भगवान के बाद दूसरा दर्जा मिला है. हमारे देश के चिकित्सक जहां भी जाते हैं, वहां ख्याति प्राप्त करते हैं. चिकित्सकों से मेरा विनम्र आग्रह है कि वे इमरजेंसी के वक्त किसी भी तरह की औपचारिकता ना निभाएं कि उनकी ड्यूटी का समय हो गया है, या मेरी छुट्टी है. ये बातें शुक्रवार को झारखंड के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने देवघर एम्स में आयोजित वार्षिक कार्यक्रम के दौरान अपने संबोधन में कही. वे मुख्य अतिथि के रूप में देवघर एम्स के चौथे वार्षिक कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे थे.
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उन्होंने कहा कि देवीपुर में एम्स देवघर या फिर राजधानी रांची में स्थित नहीं है, बल्कि एम्स राज्य के सबसे पिछड़े इलाके संथाल परगना में स्थित है. जहां आदिवासी समुदाय को एक बेहतर इलाज अब तक नहीं मिल पाई है. उन्होंने संथाल परगना जैसे पिछड़े इलाके में देवघर एम्स स्थापित करने के लिये पीएम मोदी को श्रेय दिया. उन्होंने कहा कि बाकी प्रधानमंत्री और वर्तमान प्रधानमंत्री में यही अंतर है.
उन्होंने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि देवघर एम्स के छात्र आपको भी देवघर एम्स को ऐसा बनाना है कि एक दिन प्रधानमंत्री कहें कि वह दिल्ली नहीं बल्कि देवघर एम्स में जाकर अपना इलाज कराना चाहते हैं. आज समय बदल गया है. पूरी दुनिया भारत की ओर देख रही है. हम ना केवल आर्थिक रूप से मजबूत हो रहे हैं, बल्कि हम मेडिकल साइंस में भी तरक्की कर रहे हैं. हमारे देश के प्रधानमंत्री ने कोविड के दौरान जरूरतमंद देश में वैक्सीन भेज कर दरियादिली दिखाई है. वह अपने आप में बड़ी बात है.
एम्स को मिलेगी हर मदद: राज्यपाल ने कहा कि जब तक आप कष्ट नहीं सहोगे, तब तक आप दूसरे के कष्ट को नहीं समझोगे. महामहिम ने एम्स प्रबंधक को इस मौके पर भरोसा दिलाया कि आपको सभी तरह की मदद मिलेगी. चाहे वह जमीन हो या फिर असामाजिक तत्वों से निपटने के लिए पुलिस प्रशासन. उन्होंने अपने संबोधन के अंत में सभी छात्रों के उज्जवल भविष्य की कामना की. गौरतलब हो कि इस मौके पर धनबाद के सांसद पीएन सिंह भी मौजूद थे. मौके पर राज्यपाल को प्रबंधन की ओर से मोमेंटो देकर सम्मानित किया गया. वहीं मोके पर संथाल परगना के आयुक्त, डीआईजी, देवघर डीसी, एसपी समेत तमाम जिला प्रशासन के अधिकारी मौजूद थे.