देवघरः आधुनिकता के दौर में खेती-किसानी में भी अब तकनीक का सहारा लिया जा रहा है. साथ ही कई ऐसे आविष्कार भी हुए हैं जिससे खेती करना और भी आसान हो रहा है. कुछ ऐसा ही नैनो खाद. बंद बोरे में मिलने वाला खाद अब आने वाले दिनों में यूरिया दाना के रुप में ना मिलकर बोतल में तरल रुप में किसानों के लिए उपलब्ध होगा. देवघर के जसीडीह में देश का पहला नैनो यूरिया प्लांट का निर्माण शुरु होने जा रहा है. 4 फरवरी को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह इसका शिलान्यास करेंगे.
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जसीडीह के बाबूडीह मौजा कोकरी बांक पंचायत की 28 एकड़ जमीन पर लगभग 500 करोड़ की लागत से ये प्लांट बनेगा. इस प्लांट में हर रोज 1.5 लाख बोतल नैनो यूरिया के उत्पादन की क्षमता होगी. एक अनुमान के मुताबिक आने वाले दो साल में इस प्लांट का निर्माण पूरा हो जाएगा. ईटीवी भारत के साथ बातचीत करते हुए इफको के एरिया फील्ड मैनेजर देवकुमार ने बताया कि 45 किलोग्राम वाली यूरिया के बोरे की क्षमता महज आधा लीटर नैनो यूरिया पूरा कर सकती है. जहां 45 किलो बोरा की सरकारी कीमत 266 रुपये होती है, वहीं आधा लीटर की बोतल महज 225 रुपये में उपलब्ध होगी.
देवकुमार की मानें तो इस प्लांट से नैनो के बाद दूसरे खाद का भी स्वरुप बदलेगा. फिलहाल ये प्लांट पूरी तरह इफको दारा संचालित होगा. आने वाले समय में नैनो यूरिया का उत्पादन निजी कंपनियों को भी दिया जाएगा. उनकी मानें तो देश में किए गए प्रयोग से यह साफ हो गया है कि नैनो यूरिया से जहां मिट्टी की उर्वर क्षमता संरक्षित होता है वहीं उपज भी लगभग 10 प्रतिशत बढ़ सकता है. देवकुमार ने बताया है कि फिलहाल यह आधा लीटर में ही उपलब्ध होगा.
व्यवसायी अरुण गुलगुटिया की मानें तो इस प्लांट के बनने से प्रत्यक्ष और परोक्ष रुप से हजारों लोगों को रोजगार का अवसर मिलेगा. उनकी मानें तो प्रति बोतल 1 रुपया बाबा मंदिर को समर्पित होगा. यानी एक दिन में अगर 1.5 लाख बोतल का निर्माण हुआ तो 1.5 लाख रुपये बाबा मंदिर के लिये उपयोग में इस्तेमाल होगा, इसके लिये एक ट्रस्ट बनाया जा रहा है. वहीं संताल परगना चैंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष आलोक मल्लिक ने कहा कि इस प्लांट से संताल परगना क्षेत्र मे औधोगिकरण को बल मिलेगा और अन्य निवेशक में यहा आकर्षित होंगे.
इफको नैनो यूरिया लिक्विड को सामान्य यूरिया के इस्तेमाल में 50 फीसदी तक कमी लाने के लिए बनाया गया है. इसकी एक बोतल में 40,000 पीपीएम नाइट्रोजन होता है, जो सामान्य यूरिया के एक बोरा के बराबर नाइट्रोजन पोषक तत्व उपलब्ध कराता है. नैनो यूरिया का उत्पादन 2024 से शुरू होगा. इसके बाद जल्द से जल्द इसे बाजार में उतारा जाएगा. इफको ने किसानों के लिए नैनो यूरिया की एक बोतल की कीमत 240 रुपये तय की है, जो यूरिया की एक बोरी से 10 फीसदी सस्ती पड़ेगी.