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सावन की चौथी सोमवारी पर शुक्ल सप्तमी का संयोग, भक्तों के लिए है विशेष फलदायी - चौथी सोमवारी पूजा

आज सावन की चौथी सोमवारी के साथ-साथ शुक्ल सप्तमी भी है. जो भक्तों के लिए विशेष फलदायी है. आज के दिन देवघर बाबा मंदिर में लाखों की संख्या में भक्तों की भीड़ उमड़ती थी. लेकिन कोरोना के कारण सन्नाटा पसरा हुआ है और सीमित पुरोहित ही बाबा भोले का पूजा अर्चना कर रहे हैं.

fourth monday of sawan is special for devotees in deoghar
चौथी सोमवारी
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Published : Jul 27, 2020, 8:50 AM IST

देवघर: आज सावन की चौथी सोमवारी है. सावन में सोमवार का विशेष महत्व होता है. शिव के शीर्ष पर चंद्रमा विराजमान है और जटा से गंगा निकलती है. ऐसे में जो मस्तक पर विराजमान हो वो खास होता है. सोम 'चंद्रमा' को कहते हैं. ऐसे में सोमवारी विशेष होती है.

देखी पूरी खबर

आज सावन की चौथी सोमवारी है और आज के दिन बाबा मंदिर में लाखों की संख्या में जनसैलाब उमड़ती थी लेकिन कोरोना के कारण मेला नहीं लगाया गया है और सीमित पुरोहित ही बाबा भोले की पूजा अर्चना कर रहे हैं. वहीं, श्रद्धालुओ के दर्शन के लिए ऑनलाइन दर्शन की व्यवस्था की गई है.

लोककथाओं के अनुसार सावन महीने में ही समुद्र मंथन हुआ था और प्रत्येक सोमवारी को विशेष रत्नों की प्राप्ति हुई थी. आज के दिन पारिजात वृक्ष की उत्पत्ति हुई थी, जो पृथ्वी पर नहीं है. इसलिए आज के दिन बाबा भोले की जल और बेलपत्र से पूजा अर्चना करने पर मनवांछित फल की प्राप्ति होती है.

ये भी देखें- खेलगांव आइसोलेशन वार्ड का सीएम हेमंत सोरेन ने किया निरीक्षण, कहा- सरकार पर विश्वास रखें

बहरहाल, सावन की आज चौथी सोमवारी है जो खास संयोग भी लेकर आई है. आज शुक्ल सप्तमी भी है और सोमवारी भी जो भक्तों के लिए काफी कल्याणकारी है. आज बाबा भोले की पूजा-अर्चना करने से धन, वैभव, आरोग्यता से लोग परिपूर्ण होते हैं.

देवघर: आज सावन की चौथी सोमवारी है. सावन में सोमवार का विशेष महत्व होता है. शिव के शीर्ष पर चंद्रमा विराजमान है और जटा से गंगा निकलती है. ऐसे में जो मस्तक पर विराजमान हो वो खास होता है. सोम 'चंद्रमा' को कहते हैं. ऐसे में सोमवारी विशेष होती है.

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आज सावन की चौथी सोमवारी है और आज के दिन बाबा मंदिर में लाखों की संख्या में जनसैलाब उमड़ती थी लेकिन कोरोना के कारण मेला नहीं लगाया गया है और सीमित पुरोहित ही बाबा भोले की पूजा अर्चना कर रहे हैं. वहीं, श्रद्धालुओ के दर्शन के लिए ऑनलाइन दर्शन की व्यवस्था की गई है.

लोककथाओं के अनुसार सावन महीने में ही समुद्र मंथन हुआ था और प्रत्येक सोमवारी को विशेष रत्नों की प्राप्ति हुई थी. आज के दिन पारिजात वृक्ष की उत्पत्ति हुई थी, जो पृथ्वी पर नहीं है. इसलिए आज के दिन बाबा भोले की जल और बेलपत्र से पूजा अर्चना करने पर मनवांछित फल की प्राप्ति होती है.

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बहरहाल, सावन की आज चौथी सोमवारी है जो खास संयोग भी लेकर आई है. आज शुक्ल सप्तमी भी है और सोमवारी भी जो भक्तों के लिए काफी कल्याणकारी है. आज बाबा भोले की पूजा-अर्चना करने से धन, वैभव, आरोग्यता से लोग परिपूर्ण होते हैं.

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