देवघरः कृषि विधेयक के विरोध में सोमवार से देवघर के व्यापारी काला बिल्ला लगाकर काम कर रहे हैं. कृषि विधेयक के खिलाफ देवघर के व्यापारियों का विरोध अब और तेज हो गयी है. सोमवार से काला बिल्ला लगाकर उन्होंने अपने समग्र आंदोलन की मंशा साफ कर दी है. आगामी दिनों में उनका ये आंदोलन और भी प्रखर होने के आसार हैं.
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झारखंड सरकार द्वारा पारित कृषि उपज एवं पशुधन विपणन एवं संवर्द्धन विधेयक को राज्यपाल से सहमति मिल जाने के बाद सरकार संबंधित नियमावली तैयार करने में लगी है. विधेयक अब यह विधेयक कानून की शक्ल लेगा, सरकार इसे अब धरातल पर उतारने की तैयारी में लगी है. लेकिन सरकार द्वारा पारित किए गए विधेयक का व्यापारी वर्ग विरोध कर रहे हैं. इसके तहत सोमवार से सभी व्यवसायी काला बिल्ला लगाकर अपना विरोध दर्ज कराते हुए व्यापार का काम कर रहे हैं.
क्यों हो रहा है विरोधः झारखंड सरकार द्वारा लाए गए कृषि विधेयक को व्यापारियों ने सिरे से खारिज कर दिया है. व्यापारियों का मानना है कि इस विधेयक के लागू होने से झारखंड के खाद्यान्न व्यवसायियों, राइस एवं फ्लावर मिलरों और सब्जी, फल सहित कृषि उपज व्यापार में 2 प्रतिशत अतिरिक्त बाजार समिति शुल्क फिर से लागू हो जाएगा. इससे व्यापार भ्रष्टाचार की जद में चला जाएगा और उनका व्यवसाय चौपट होने का डर बना रहेगा, इसके अलावा झारखंड से खाद्यान्न व्यवसाय को पलायन करना पड़ता है. जिससे राज्य मे खाद्य वस्तुओं के दाम में वृद्धि हो गई आम किसान सहित छोटे व्यापारी यानी फल सब्जी विक्रेता प्रभावित होंगे.
व्यापारिक संगठनों की संयुक्त बैठकः इससे पहले रविवार को इस विधेयक के खिलाफ व्यापारिक एकता की पृष्ठभूमि तैयार करने के लिए बैठक हुई. जिसमें इस बिल के विरुद्ध व्यापारिक एकता का जोरदार प्रदर्शन, व्यापार बंद करने और उग्र आंदोलन करने पर सहमति बनी. फेडरेशन ऑफ झारखंड चैंबर द्वारा तय रणनीति पर देवघर के सभी व्यवसायी आंदोलन का रुख कर लिया है.
फेडरेशन द्वारा 8 फरवरी को राज्य स्तरीय सम्मेलन में देवघर से 20 से अधिक लोग जाएंगे और वहां कारगर रणनीति तैयार करने में सहभागी बनेंगे. व्यापारियों ने कहा कि किसी भी कीमत पर बाजार समिति शुल्क को लागू नहीं होने देने के लिए कृतसंकल्पित है. व्यापारी भ्रष्टाचार की जड़ में रहे पूरे बाजार समिति को ही भंग किए जाने की पक्षधर है. इस बैठक में व्यापारी वर्ग के आलोक मल्लिक, रवि केशरी, गोपाल कृष्ण शर्मा, रमेश बाजला, राजकिशोर चौधरी, प्रदीप खेतान, श्याम माहेश्वरी, ममता द्वारी, अशोक सरावगी, पवन बणवील, सुरेन्द्र सिंह, गणेश भालोटिया, अग्रवाल, राजेश जैन, प्रमोद छावछारिया, उमेश राजपाल, पीयूष जायसवाल, दीपक सरैंया, संजीव झा, अजय कुमार, अशोक जैन, संजय अग्रवाल, गौतम जालान, संतोष केशरी, राजेश गुप्ता, रविश कुमार, शेखर गुप्ता, सुबोध मिश्रा, पंकज भालोटिया सहित कई व्यवसायी शामिल रहे.