देवघर: जिले से लगभग 16 किलोमीटर दूर स्थित पर्यटन स्थलों में से एक त्रिकुट पर्वत में सफाई कार्य कर रहे कर्मचारियों को वेतन नहीं मिल रहा है. पिछले 7 सात महीने से वेतन के लिए अधिकारियों से गुहार लगा रहे हैं. वेतन न मिलने सफाई कर्मचारियों पर आर्थिक संकट गहराता जा रहा है. सफाईकर्मियों का कहना है कि प्रशासन इस मद्दे को लेकर गंभीर नहीं है. दूसरी ओर उपायुक्त ने कहा है कि इसकी विस्तृत जानकारी लेकर जल्द कार्रवाई की जाएगी.
प्राकृतिक छटाओं से घिरा वनस्पतियों के साथ लगे रोपवे से त्रिकुट पर्वत पर्यटकों को अपना ओर आकृष्ट करता है. यहां के बंदरों की अटखेलियां पर्यटकों का काफी लुभाती हैं. यहां बाबा भोले और रावण से जुड़े कई रहस्य अभी भी मौजूद हैं. वहीं, त्रिकुट पर्वत पर अभी कोरोना के चलते पर्यटकों के आने-जाने पर रोक लगा दी गयी है.
बता दें कि जिले में पर्यटन विभाग की ओर से स्थल को साफ-सुथरा बनाए रखने के लिए लगाए गए 10 सफाईकर्मी इस महामारी के बीच भी काम कर रहे हैं और पूरे त्रिकुट पर्वत पर आने-जाने वाले रास्ते सहित सभी जगहों पर दिए गए निर्देशों के अनुसार साफ-सफाई में जुटे रहते है.
लेकिन पिछले सितंबर महीने से अब तक इन सफाईकर्मियों को वेतन भुगतान नहीं किया गया है, जिससे इन सफाईकर्मियों को खाने-पीने की समस्या होने लगी है. साथ ही इस कोरोना महामारी को लेकर इनके परिजनों का भी कामकाज ठप है, जिससे अब इन्हें दोहरी मार झेलनी पड़ रही है. ऐसे में अब ये भुखमरी के कगार पर पहुंच गए हैं. ये सरकार और जिला प्रशासन से अपने वेतन की भुगतान की मांग कर रहे है.
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बहरहाल, पिछले 7 महीने से त्रिकुट पर्वत पर सफाई का कार्य कर रहे कर्मियों को वेतन भुगतान को लेकर देवघर उपायुक्त ने कहा कि इसकी विस्तृत जनकारी लेकर जल्द से जल्द की कार्रवाई जाएगी. इन सफाईकर्मियों के वेतन भुगतान संबंधित मामले की जांच कराकर भुगतान कर दिया जाएगा.