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देवघर में डिनर विद डीसी कार्यक्रम, सफाईकर्मी और स्वयं सहायता समूह हुए शामिल

देवघर में डिनर विद डीसी कार्यक्रम का आयोजन (Dinner with DC program in Deoghar) किया गया. जिसके तहत डीसी सफाई कर्मी और स्वयं सहायता समूह के लोगों से मिले (Cleaners and self-help groups in Dinner with DC). उन्हें जनकल्याणकारी योजनाओं की जानकारी दी. साथ ही देवघर को नशा मुक्त बनाने की भी बात कही.

Dinner with DC program
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Published : Dec 6, 2022, 12:13 PM IST

देवघर : नगर निगम क्षेत्र के वार्ड 13 के साहेब पोखड़ पार्क में 'डिनर विद डीसी कार्यक्रम' का आयोजन (Dinner with DC program in Deoghar) किया गया. जिसमें नगर निगम के सफाई कर्मचारी और विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ ले रहे लाभुक शामिल (Cleaners and self-help groups in Dinner with DC)हुए. इस दौरान उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री ने सभी से बातचीत करते हुए सरकार द्वारा संचालित विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं की जानकारी दी.

यह भी पढें: देवघर उपायुक्त ने बांटे कंबल, लोगों को ठंड से मिलेगी राहत

जिसमें डीसी प्रधानमंत्री आवास योजना, NULM की स्वयं सहायता समूह की दीदीयों, आयुष्मान कार्ड, प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना, हरा राशन कार्ड, ई श्रम, सार्वजनिक पेंशन योजना, सोना सोबरन धोती साड़ी योजना के लाभुकों से मुखातिब हुए. साथ ही सरकार की विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं के लाभ लेने के तरीकों से उपायुक्त ने सभी को अवगत कराया. आगे कार्यक्रम के दौरान उपायुक्त ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को सभी सफाई कर्मियों को आयुष्मान कार्ड से जोड़ने का निर्देश दिया.

देखें पूरी खबर


'डिनर विद डीसी कार्यक्रम' के दौरान मंजूनाथ भजंत्री ने विभिन्न समस्याओं का समाधान करते हुए नशा मुक्त देवघर बनाने की दिशा में सभी से बातचीत की. इस कार्य में जिला प्रशासन के सहयोग की बात कही. उन्होंने कहा इन दिनों नशा एक आम समस्या है, दुनिया भर में बड़ी संख्या में लोग इस गंभीर समस्या से पीड़ित हैं. नशे की लत एक क्रॉनिक मानसिक बीमारी है. नशे की बीमारी एक बायोलॉजिकल, साइकोलोजिकल एंड सोशल प्रॉब्लम है.

ड्रग एडिक्शन नशे की लत किसी उम्र के लोगों को हो सकती है. ड्रग्स का उपयोग बड़ी संख्या में 10 से 17 वर्ष के आयु वाले लड़के कर रहे हैं. जिनकी उम्र 16 से 35 वर्ष के बीच में है उनको नशे की लत बहुत ही जल्दी और आसानी से लग जाती है. युवा यह सोचकर नशा करना शुरू करते हैं कि यह कोई नई चीज है, या फिर घर परिवार के लोगों को सेवन करते हुए देखा होगा या फिर बुरे दोस्तों की संगति के कारण. यह भी देखा गया है कि व्यक्ति किसी अन्य विशेष परिस्थिति के कारण नशा करना शुरू कर देता है.

जब कोई व्यक्ति लगातार लंबे समय से नशीली दवाओं का सेवन करता हैं तो इन दवाओं में मौजूद रसायन व्यक्ति के दिमाग को प्रभावित करता है. विज्ञान में उस रसायन को डोपामाइन कहा जाता है. शराब और ड्रग्स के सेवन से निकलने वाला डोपामाइन हमारे शरीर और दिमाग पर इतनी तेजी से काम करने लगता है कि व्यक्ति अत्यधिक आनंद की अनुभूति करता है. जीवन की वास्तविकता से कोई मतलब नहीं रह जाता है. नशा करने वाले व्यक्ति को मानसिक और शारीरिक बीमारी का शिकार होना पड़ता है.

नशा का सेवन करने से व्यक्ति को जीवन में अनेक प्रकार की समस्या और कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है. जैसे कि शारीरिक समस्या ब्लड प्रेशर, हृदय रोग, लीवर खराब हो जाना, कैंसर होना इत्यादि. साथ ही मनोवैज्ञानिक समस्याएं डिप्रेशन, भूलने की बीमारी, कोमा, भूख कम लगना, ज्यादा तीव्र से गुस्सा आना, सुसाइड करने की इच्छा उत्पन्न होना, शरीर में कंपन होना यह सारी समस्याओं का सामना करना पड़ता है. ऐसे में आवश्यक है नशा मुक्त देवघर बनाने की दिशा में आप सभी सहयोग करें और इससे जुड़ी जानकारी जिला प्रशासन को दे, ताकि देवघर जिले को ड्रग्स फ्री बनाया जा सके.


इसके अलावा कार्यक्रम के दौरान उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री ने सफाई कर्मियों और उनके परिजनों, जिन्होंने विभिन्न योजना के लाभुकों के साथ संगोष्ठी करते हुए उनके साथ सांकेतिक रूप से (मोटा अनाज, मक्के की खिचड़ी, रागी) रात्रि भोजन किया. आगे उपायुक्त ने प्रधानमंत्री आवास योजना, NULM की स्वयं सहायता समूह की दीदीयों, आयुष्मान कार्ड, प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना, हरा राशन कार्ड, ई श्रम, सार्वजनिक पेंशन योजना के अलावा सोना-सोबरन धोती साड़ी योजना का लाभ ले रहे लाभुकों से बातचीत कर दूसरों को भी योजना का लाभ लेने हेतु जागरूक करने की बात कही.

देवघर : नगर निगम क्षेत्र के वार्ड 13 के साहेब पोखड़ पार्क में 'डिनर विद डीसी कार्यक्रम' का आयोजन (Dinner with DC program in Deoghar) किया गया. जिसमें नगर निगम के सफाई कर्मचारी और विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ ले रहे लाभुक शामिल (Cleaners and self-help groups in Dinner with DC)हुए. इस दौरान उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री ने सभी से बातचीत करते हुए सरकार द्वारा संचालित विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं की जानकारी दी.

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जिसमें डीसी प्रधानमंत्री आवास योजना, NULM की स्वयं सहायता समूह की दीदीयों, आयुष्मान कार्ड, प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना, हरा राशन कार्ड, ई श्रम, सार्वजनिक पेंशन योजना, सोना सोबरन धोती साड़ी योजना के लाभुकों से मुखातिब हुए. साथ ही सरकार की विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं के लाभ लेने के तरीकों से उपायुक्त ने सभी को अवगत कराया. आगे कार्यक्रम के दौरान उपायुक्त ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को सभी सफाई कर्मियों को आयुष्मान कार्ड से जोड़ने का निर्देश दिया.

देखें पूरी खबर


'डिनर विद डीसी कार्यक्रम' के दौरान मंजूनाथ भजंत्री ने विभिन्न समस्याओं का समाधान करते हुए नशा मुक्त देवघर बनाने की दिशा में सभी से बातचीत की. इस कार्य में जिला प्रशासन के सहयोग की बात कही. उन्होंने कहा इन दिनों नशा एक आम समस्या है, दुनिया भर में बड़ी संख्या में लोग इस गंभीर समस्या से पीड़ित हैं. नशे की लत एक क्रॉनिक मानसिक बीमारी है. नशे की बीमारी एक बायोलॉजिकल, साइकोलोजिकल एंड सोशल प्रॉब्लम है.

ड्रग एडिक्शन नशे की लत किसी उम्र के लोगों को हो सकती है. ड्रग्स का उपयोग बड़ी संख्या में 10 से 17 वर्ष के आयु वाले लड़के कर रहे हैं. जिनकी उम्र 16 से 35 वर्ष के बीच में है उनको नशे की लत बहुत ही जल्दी और आसानी से लग जाती है. युवा यह सोचकर नशा करना शुरू करते हैं कि यह कोई नई चीज है, या फिर घर परिवार के लोगों को सेवन करते हुए देखा होगा या फिर बुरे दोस्तों की संगति के कारण. यह भी देखा गया है कि व्यक्ति किसी अन्य विशेष परिस्थिति के कारण नशा करना शुरू कर देता है.

जब कोई व्यक्ति लगातार लंबे समय से नशीली दवाओं का सेवन करता हैं तो इन दवाओं में मौजूद रसायन व्यक्ति के दिमाग को प्रभावित करता है. विज्ञान में उस रसायन को डोपामाइन कहा जाता है. शराब और ड्रग्स के सेवन से निकलने वाला डोपामाइन हमारे शरीर और दिमाग पर इतनी तेजी से काम करने लगता है कि व्यक्ति अत्यधिक आनंद की अनुभूति करता है. जीवन की वास्तविकता से कोई मतलब नहीं रह जाता है. नशा करने वाले व्यक्ति को मानसिक और शारीरिक बीमारी का शिकार होना पड़ता है.

नशा का सेवन करने से व्यक्ति को जीवन में अनेक प्रकार की समस्या और कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है. जैसे कि शारीरिक समस्या ब्लड प्रेशर, हृदय रोग, लीवर खराब हो जाना, कैंसर होना इत्यादि. साथ ही मनोवैज्ञानिक समस्याएं डिप्रेशन, भूलने की बीमारी, कोमा, भूख कम लगना, ज्यादा तीव्र से गुस्सा आना, सुसाइड करने की इच्छा उत्पन्न होना, शरीर में कंपन होना यह सारी समस्याओं का सामना करना पड़ता है. ऐसे में आवश्यक है नशा मुक्त देवघर बनाने की दिशा में आप सभी सहयोग करें और इससे जुड़ी जानकारी जिला प्रशासन को दे, ताकि देवघर जिले को ड्रग्स फ्री बनाया जा सके.


इसके अलावा कार्यक्रम के दौरान उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री ने सफाई कर्मियों और उनके परिजनों, जिन्होंने विभिन्न योजना के लाभुकों के साथ संगोष्ठी करते हुए उनके साथ सांकेतिक रूप से (मोटा अनाज, मक्के की खिचड़ी, रागी) रात्रि भोजन किया. आगे उपायुक्त ने प्रधानमंत्री आवास योजना, NULM की स्वयं सहायता समूह की दीदीयों, आयुष्मान कार्ड, प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना, हरा राशन कार्ड, ई श्रम, सार्वजनिक पेंशन योजना के अलावा सोना-सोबरन धोती साड़ी योजना का लाभ ले रहे लाभुकों से बातचीत कर दूसरों को भी योजना का लाभ लेने हेतु जागरूक करने की बात कही.

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