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देवघर में यातायात पुलिस का 'ब्रेक फेल', वाहन हुए अनियंत्रित

देवघर में सड़कों पर वाहनों की गति सीमा निर्धारित कर दी गई है पर यातायात पुलिस के पास स्टाफ और अन्य जरूरी संसाधनों की कमी के कारण नियम का पालन नहीं कराया जा पा रहा है. नतीजतन सड़कों पर गति सीमा संबंधित संकेतक लगे हैं लेकिन लोग उन्हीें के सामने से वाहन तेज गति से दौड़ाते हुए जाते हैं.

accident happening in deoghar
देवघर में यातायात पुलिस
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Published : Feb 16, 2021, 9:27 PM IST

Updated : Feb 17, 2021, 3:09 PM IST

देवघरः जिले की यातायात व्यवस्था सुविधाओं की कमी के कारण चरमराती जा रही है. हाल यह है तेज गति से शहर की सड़कों पर दौड़ रहे वाहनों से आए दिन हादसे हो रहे हैं पर इस पर लगाम नहीं लग पा रही है. दो साल पहले शहर के विभिन्न इलाकों के लिए अलग-अलग गति सीमा निर्धारित की गई है पर यातायात पुलिस के पास न तो पर्याप्त स्टाफ है जिससे की वह जांच अभियान चला सके और न तो इंटरसेप्टर व्हीकल, स्पीड गन, कैमरा जैसे बुनियादी उपकरण. इससे हादसों में कमी लाना मुश्किल हो रहा है. हालांकि परिवहन विभाग और यातायात पुलिस का कहना है कि हम यातायात नियमों का पालन कराने का प्रयास कर रहे हैं.

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बाबा धाम देवघर में हर साल लाखों पर्यटक पहुंचते हैं. लेकिन यातायात व्यवस्था ठीक नहीं है. परिवहन विभाग ने इस पर नियंत्रण के लिए 2018 में गति अलग-अलग जगहों पर गति सीमा तो निर्धारित कर दी पर शहर में इसकी मॉनिटरिंग नहीं हो पा रही है. जगह-जगह गति सीमा के बोर्ड लगे हैं पर उनकी अनदेखी कर चालक तेज गति से वाहन दौड़ाते हैं. कई बार इसके कारण हादसे भी होते रहते हैं. स्थानीय समाजसेवी हीरा पंडित ने पुलिस से मांग की है कि पुलिस तेज गति से वाहन चलाने वाले लोगों पर कार्रवाई करे. पंडित का कहना है कि कभी कभार जांच अभियान चलता भी है तो मामूली फाइन काटकर आरोपियों को छोड़ दिया जाता है. इससे लोग लापरवाही करते हैं और दूसरों की जान भी जोखिम में डालते हैं.

संसाधनों के लिए भेजा प्रस्ताव

वहीं डीसीपी हेडक्वार्टर मंगल सिंह जामुदा ने कहा कि यातायात विभाग में करीब 20 की संख्या में ही पुलिसकर्मी है, जबकि 50 से 60 की संख्या में पुलिसकर्मियों की जरूरत है. वहीं गति सीमा पर लगाम लगाने के लिए बॉडी वार्म कैमरा, इंटरसेप्टर व्हीकल,स्पीड गन,कैमरा जैसे संसाधनों की कमी की जरूरत है. इनकी कमी से गति सीमा का पालन कराने में दिक्कत आ रही है. उन्होंने बताया कि फिलहाल हेडक्वार्टर को प्रपोजल भेजा गया है. जल्द ही संसाधन मिल जाएंगे, इसके बाद गति सीमा से लेकर अन्य ट्रैफिक व्यवस्था में सुधार किया जाएगा.

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स्पीड ब्रेकर बनवाए, गति सीमा के बोर्ड लगवाए

इधर देवघर परिवहन विभाग के पदाधिकारी फिल्बीयूश बारला का कहना है कि साल 2018 में गति सीमा को लेकर नेशनल हाईवे से लेकर शहरी इलाकों तक में गति सीमा के मानक तय किए गए थे. इसके अलावा पथ निर्माण विभाग की ओर से जगह-जगह स्पीड ब्रेकर बनवाए. इसके अलावा सड़कों के किनारे गति सीमा को लेकर बोर्ड लगाया गया है. उन्होंने बताया कि शहरी इलाकों में लाइट मोटर व्हीकल में 40 किमी प्रति घंटा का गति सीमा तय की गई है तो व्यावसायिक वाहनों के लिए शहरी इलाकों में 40 किमी घंटे गति सीमा निर्धारित है तो मोटरसाइकिल का 35 किमी तो अति व्यस्ततम इलाकों में 20 किमी प्रति घंटा गति सीमा तय की गई है. इसी प्रकार सभी वाहनों का गति सीमा तय की गई है. समय-समय पर जांच भी की जाती है और जो भी नियमों का उल्लंघन करते हैं उनपर कार्रवाई भी की जाती है.

देवघरः जिले की यातायात व्यवस्था सुविधाओं की कमी के कारण चरमराती जा रही है. हाल यह है तेज गति से शहर की सड़कों पर दौड़ रहे वाहनों से आए दिन हादसे हो रहे हैं पर इस पर लगाम नहीं लग पा रही है. दो साल पहले शहर के विभिन्न इलाकों के लिए अलग-अलग गति सीमा निर्धारित की गई है पर यातायात पुलिस के पास न तो पर्याप्त स्टाफ है जिससे की वह जांच अभियान चला सके और न तो इंटरसेप्टर व्हीकल, स्पीड गन, कैमरा जैसे बुनियादी उपकरण. इससे हादसों में कमी लाना मुश्किल हो रहा है. हालांकि परिवहन विभाग और यातायात पुलिस का कहना है कि हम यातायात नियमों का पालन कराने का प्रयास कर रहे हैं.

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संसाधनों के लिए भेजा प्रस्ताव

वहीं डीसीपी हेडक्वार्टर मंगल सिंह जामुदा ने कहा कि यातायात विभाग में करीब 20 की संख्या में ही पुलिसकर्मी है, जबकि 50 से 60 की संख्या में पुलिसकर्मियों की जरूरत है. वहीं गति सीमा पर लगाम लगाने के लिए बॉडी वार्म कैमरा, इंटरसेप्टर व्हीकल,स्पीड गन,कैमरा जैसे संसाधनों की कमी की जरूरत है. इनकी कमी से गति सीमा का पालन कराने में दिक्कत आ रही है. उन्होंने बताया कि फिलहाल हेडक्वार्टर को प्रपोजल भेजा गया है. जल्द ही संसाधन मिल जाएंगे, इसके बाद गति सीमा से लेकर अन्य ट्रैफिक व्यवस्था में सुधार किया जाएगा.

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स्पीड ब्रेकर बनवाए, गति सीमा के बोर्ड लगवाए

इधर देवघर परिवहन विभाग के पदाधिकारी फिल्बीयूश बारला का कहना है कि साल 2018 में गति सीमा को लेकर नेशनल हाईवे से लेकर शहरी इलाकों तक में गति सीमा के मानक तय किए गए थे. इसके अलावा पथ निर्माण विभाग की ओर से जगह-जगह स्पीड ब्रेकर बनवाए. इसके अलावा सड़कों के किनारे गति सीमा को लेकर बोर्ड लगाया गया है. उन्होंने बताया कि शहरी इलाकों में लाइट मोटर व्हीकल में 40 किमी प्रति घंटा का गति सीमा तय की गई है तो व्यावसायिक वाहनों के लिए शहरी इलाकों में 40 किमी घंटे गति सीमा निर्धारित है तो मोटरसाइकिल का 35 किमी तो अति व्यस्ततम इलाकों में 20 किमी प्रति घंटा गति सीमा तय की गई है. इसी प्रकार सभी वाहनों का गति सीमा तय की गई है. समय-समय पर जांच भी की जाती है और जो भी नियमों का उल्लंघन करते हैं उनपर कार्रवाई भी की जाती है.

Last Updated : Feb 17, 2021, 3:09 PM IST
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