चतरा: प्रतापपुर थाना क्षेत्र के तुंबिया के जंगल में महुआ के फूल और तेंदुपत्ता के सीजन को देखते हुए इन दिनों जंगल क्षेत्र में रहने वाले ग्रामीण जंगलों को आग के हवाले कर रहे हैं. इस पर वन विभाग मौन है. उनकी बनाई गई वन प्रबंधन समिति सिर्फ कागजों में ही जंगल की सुरक्षा के ढोल पीटती नजर आ रही है.
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पूरा मामला
गर्मी की शुरुआत होने पर महुआ के वृक्षों से इसके फल गिरने शुरू हो जाते हैं. उसे उठाने के लिए ग्रामीण इन पेड़ों के नीचे आग लगाकर उस जंगल को साफ करते हैं. ग्रामीणों के महुआ फूल उठाने के लिए लगाई गई आग धीरे-धीरे पूरे जंगल को अपने चपेट में ले लेती है. इन दिनों यहां के जंगल में महुआ का फूल गिरने से ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले लोग पेड़ के नीचे आग लगाकर इन फूलों का संग्रहण कर रहे हैं.
हर साल जंगलों में लगाई जाती है आग
यहां के जंगलों में प्रतिवर्ष ग्रामीण क्षेत्र के लोग आग लगाकर महुआ फूल और तेंदुपत्ता का संग्रहण करते हैं, लेकिन इसके बावजूद भी वन विभाग के नुमाइंदों की ओर से वनों में लगाई जाने वाली इस आग की रोकथाम के लिए कोई उचित उपाय नहीं किया जा रहा है.
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एक ओर जहां ग्रामीणों के जरिए लगाई जा रही आग से जंगलों के छोटे पौधों के साथ बड़े वृक्षों की भी लगातार हानि हो रही है. वहीं, पशु पक्षी भी इसकी चपेट में आ रहे हैं.