ETV Bharat / state

बूंद-बूंद पानी को तरस रहा आदिवासी परिवार, सरकारी योजनाएं नहीं हो रही मयस्सर

author img

By

Published : Oct 28, 2019, 4:09 PM IST

चतरा में करीब 30 साल से आदिवासी परिवार कुंए के पानी पीने को मजबूर हैं. इस इलाके में पानी, बिजली और सड़क की समस्या है. मामले में मुखिया ने सफाई देते हुए कहा कि ऐसी उन्हें कोई जानकारी नहीं थी.

बूंद-बूंद पानी को तरस रहा गांव

सिमरिया,चतरा: सरकार पहाड़िया समुदाय के लोगों के विकास के लिए कई योजनाएं चला रही है. लेकिन सरकारी दावों की जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही. यहां के लोगों की सुबह पानी की किल्लत के साथ शुरू होती है. ऐसे में गांव की महिलाएं सरकार से नाखुश है और उन्हें सरकार से कई शिकायतें हैं.

देखें पूरी खबर

चतरा मुख्यालय से लगभग 50 किलोमीटर दूर सिमरिया प्रखंड के सीधापतरा गांव के पहाड़िया इलाके में निवास करने वाले आदिवासी समाज के लोग पानी, बिजली और सड़क जैसी मूलभूत सुविधाओं से अब तक वंचित हैं. गांव के लोग दो बूंद पानी के लिए दर-दर भटकने को विवश हैं.

बताया गया कि सालों पहले गांव में एक चापाकल की बोरिंग हुई थी. जिसे देखकर ग्रामीण काफी खुश थे, लेकिन कुछ ही महीनों बाद चापाकल खराब हो गया. जिसके बाद आसपास के रहने वाले आदिवासी परिवारों के सामने पानी का संकट खड़ा हो गया. चापाकल खराब हुए लगभग 4 वर्ष बीत चुके हैं, लेकिन समस्या जस की तस पड़ी है. ग्रामीणों को पीने के पानी के लिए एक किलोमीटर से अधिक की दूरी तय करनी पड़ती है. लोगों का कहना है कि आज तक इस गांव में सड़क बनी ही नहीं हैं.

कुंए का पानी पीने को मजबूर
ग्रामीणों का कहना है कि चापाकल दुरुस्त कराने के लिए मुखिया के घर से दफ्तर तक सूचना दी गई, बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई. इस गांव में 35 घरों के आदिवासी परिवार पीढ़ी-दर-पीढ़ी निवास करते आ रहे हैं. दुर्भाग्यजनक बात है कि इनके लिए शासन स्तर पर पीने के पानी की आज तक व्यवस्था नहीं हो पाई है. 30 वर्षों से ये कुआं का पानी पीकर जीवन गुजार रहे हैं. गांव में प्राकृतिक जलस्रोत की काफी कमी है. इन्ही जलस्रोत से बूंद-बूंद पानी की कमी को पूरा कर रहे हैं. इन्हीं जलस्रोत से मवेशियों, जंगली जानवर और गांव के लोग अपनी दिनचर्या चला रहे हैं.

ये भी पढ़ें- CM रघुवर दास ने की मां लक्ष्मी की पूजा, परिवार संग मनाई दिवाली

मुखिया ने दी सफाई
पंचायत के मुखिया और जनप्रतिनिधि इस समस्या से निजात दिलाने के लिए कोई पहल नहीं कर रहे हैं. मामले में मुखिया ने कहा कि जानकारी नहीं होने के कारण अबतक कोई कार्रवाई नहीं हो सकी. गांव में पेयजल की व्यवस्था जल्द करायी जाएगी.

सिमरिया,चतरा: सरकार पहाड़िया समुदाय के लोगों के विकास के लिए कई योजनाएं चला रही है. लेकिन सरकारी दावों की जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही. यहां के लोगों की सुबह पानी की किल्लत के साथ शुरू होती है. ऐसे में गांव की महिलाएं सरकार से नाखुश है और उन्हें सरकार से कई शिकायतें हैं.

देखें पूरी खबर

चतरा मुख्यालय से लगभग 50 किलोमीटर दूर सिमरिया प्रखंड के सीधापतरा गांव के पहाड़िया इलाके में निवास करने वाले आदिवासी समाज के लोग पानी, बिजली और सड़क जैसी मूलभूत सुविधाओं से अब तक वंचित हैं. गांव के लोग दो बूंद पानी के लिए दर-दर भटकने को विवश हैं.

बताया गया कि सालों पहले गांव में एक चापाकल की बोरिंग हुई थी. जिसे देखकर ग्रामीण काफी खुश थे, लेकिन कुछ ही महीनों बाद चापाकल खराब हो गया. जिसके बाद आसपास के रहने वाले आदिवासी परिवारों के सामने पानी का संकट खड़ा हो गया. चापाकल खराब हुए लगभग 4 वर्ष बीत चुके हैं, लेकिन समस्या जस की तस पड़ी है. ग्रामीणों को पीने के पानी के लिए एक किलोमीटर से अधिक की दूरी तय करनी पड़ती है. लोगों का कहना है कि आज तक इस गांव में सड़क बनी ही नहीं हैं.

कुंए का पानी पीने को मजबूर
ग्रामीणों का कहना है कि चापाकल दुरुस्त कराने के लिए मुखिया के घर से दफ्तर तक सूचना दी गई, बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई. इस गांव में 35 घरों के आदिवासी परिवार पीढ़ी-दर-पीढ़ी निवास करते आ रहे हैं. दुर्भाग्यजनक बात है कि इनके लिए शासन स्तर पर पीने के पानी की आज तक व्यवस्था नहीं हो पाई है. 30 वर्षों से ये कुआं का पानी पीकर जीवन गुजार रहे हैं. गांव में प्राकृतिक जलस्रोत की काफी कमी है. इन्ही जलस्रोत से बूंद-बूंद पानी की कमी को पूरा कर रहे हैं. इन्हीं जलस्रोत से मवेशियों, जंगली जानवर और गांव के लोग अपनी दिनचर्या चला रहे हैं.

ये भी पढ़ें- CM रघुवर दास ने की मां लक्ष्मी की पूजा, परिवार संग मनाई दिवाली

मुखिया ने दी सफाई
पंचायत के मुखिया और जनप्रतिनिधि इस समस्या से निजात दिलाने के लिए कोई पहल नहीं कर रहे हैं. मामले में मुखिया ने कहा कि जानकारी नहीं होने के कारण अबतक कोई कार्रवाई नहीं हो सकी. गांव में पेयजल की व्यवस्था जल्द करायी जाएगी.

Intro:चतरा: बूंद-बूंद पानी को तरस रहे आदिवासी परिवार, सरकारी योजनाएं नहीं आ रही काम

चतरा/सिमरिया: सरकार पहाड़िया समुदाय के लोगों के विकास के लिए कई योजनाएं चला रही है। लेकिन सरकारी दावों की जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां करती है। ऐसे में हम आपको एक ऐसे गांव लेकर जा रहे हैं, जहां लोगों की सुबह पानी की किल्लत के साथ शुरू होती है। चतरा मुख्यालय से लगभग 50 किलोमीटर दूर सिमरिया प्रखंड के सीधापतरा गांव के पहाड़िया इलाके में निवास करने वाले आदिवासी परिवार के समाज पानी बिजली और सड़क जैसी मूलभूत सुविधाओं से अबतक वंचित है। गांव के लोग दो बूंद पानी के लिए दर-दर भटकने को विवश है। गांव में एक चापाकल की बोरिंग किया गया था, जिसे देख आसपास रहने वाले ग्रामवासियों के चेहरे पर खुशी तो आई थी, लेकिन कुछ ही महीनों बाद चापाकल खराब होकर जर्जर स्थिति में पड़ी हुई है। इसके बाद आसपास रहने वाले आदिवासी परिवारों के सामने एक बार फिर से पानी का संकट खड़ा हो गया। चापाकल खराब हुए लगभग 4 वर्ष बीत चुके हैं, लेकिन समस्या जस की तस पड़ी है। ग्रामीणों का पीने के पानी के लिए एक किलोमीटर से अधिक पैदल चलकर कुवें का पानी लाने को मजबूर है। इसमें समस्या यह है कि सड़क की स्थिति अत्यंत बदहाल है। आजतक इस गांव में सड़क बना ही नहीं हैं।

1.बाईट--- आदिवासी महिला, मंजू देवी
2. बाईट--- आदिवासी महिला, सुनीता देवी,
3. बाईट--- मुखिया, बालकिशन तुरीBody:आदिवासी परिवार चापाकल दुरुस्त कराने के लिए मुखिया के घर से दफ्तर तक सूचना देते देते थक हार कर बैठ गए लेकिन किसी ने मदद नहीं की। इस गांव में 35 घरों के आदिवासी परिवार पीढ़ी-दर-पीढ़ी निवास करते आ रहे हैं। दुर्भाग्यजनक बात ये है कि इनके लिए शासन स्तर पर पीने के पानी की आजतक व्यवस्था नहीं हो पाई है। 30 वर्षों से ये कुआं का पानी पीकर जीवन गुजार रहे हैं। गांव में प्राकृतिक जलस्रोत की बहुत कमी है। किन्तु इन्ही जलस्रोत से बूंद-बूंद पानी की कमी को पूरा कर रहे हैं। बीते तीन दशक से आदिवासयिों की प्यास बुझा रहे इस जलस्रोत को सहेज कर रखा है। इन्ही जलस्रोत से मवेशियों, जंगली जानवर व आदिवासी गाँव वाले अपना निस्तार करते हैं। Conclusion:पंचायत की मुखिया और जनप्रतिनिधि भी इस समस्या से निजात दिलाने के लिए कोई पहल नहीं कर रहे हैं। इस गांव की हालत देखने के बाद जब ईटीवी भारत की टीम ने पंचायत की मुखिया बालकिशन तुरी से कारण पूछा तो उन्होंने पहले तो जानकारी नहीं होने की बात कही। इसके बाद गांव में पेयजल की व्यवस्था जल्द समाधान का भरोसा दिया है।

मोहम्मद अरबाज ईटीवी भारत सिमरिया चतरा
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.