चतराः जिले के टंडवा में सीसीएल(CCL) की आम्रपाली कोल परियोजना(Amrapali Coal Project)में लोकल सेल से कोयला ढुलाई सोमवार से ठप है. सीसीएल(CCL) प्रबंधन और आम्रपाली कोल परियोजना से कोयला की ढुलाई में लगे विभिन्न ट्रांसपोर्टर के विरुद्ध ट्रक हाइवा ओनर एसोसिएशन ने हड़ताल शुरू कर दिया है. वही विस्थापित-प्रभावित ट्रक हाइवा मालिकों ने विभिन्न ट्रांसपोर्ट कंपनियों से बकाया भाड़ा, पिछले 2018 से 20% अधिक भाड़ा निर्धारित करने सहित अन्य मांगों को लेकर विस्थापितों ने चक्का जाम कर दिया. हालांकि ट्रक हाइवा मालिकों की सीसीएल प्रबंधन और लिफ्टों के बीच रविवार की बातचीत हुई, जो असफल रही.
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सभी वाहन मालिकों ने निर्णय लिया है अपना-अपना वाहन अपने घरों में खड़ा रखेंगे. उनका कहना है कि डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी हुई है, जिससे वाहन मालिकों का कमर टूट गई है. जबकि अम्रपाली कोल परियोजना में भाड़ा दिन प्रतिदिन कम होता जा रहा है. यही वजह है कि वाहन मालिक आंदोलन को बाध्य हैं. जब तक विस्थापित और प्रभावितों की मांग पूरी ना हो तब तक हड़ताल जारी रहेगा. वहीं सिमरिया विधायक किशुन कुमार दास(MLA Kishun Kumar Das) ने इस आंदोलन के माध्यम से राज्य सरकार और सीसीएल(CCL) मैनेजमेंट को लेकर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए उनको जमीन के बदले नौकरी और मुआवजा जल्द देने की बात कही. उन्होंने मीडिया के माध्यम से सीसीएल को आश्वस्त करना चाहा कि अब इस आंदोलन को रुकने नहीं दिया जाएगा. जब तक उनकी मांग पूरी नहीं होगी.
वहीं किशुन दास(MLA Kishun Kumar Das) ने राज्य सरकार और सीसीएल को चेतावनी भी दी कि 2 सूत्री मांगों पर वार्ता कर अविलंब समस्या का समाधान करें नहीं तो यह आंदोलन दिल्ली तक भी जा सकता है. उन्होंने यह भी कहा है किसी सीसीएल प्रबंधन के द्वारा ग्रामीण जनता का लगातार शोषण किया जा रहा है. अगर सीसीएल की तरफ से सकारात्मक पहल नहीं की जाती है तो सीसीएल की खनन प्रक्रिया को भी बाधित किया जाएगा.
विस्थापित नेता आशुतोष मिश्रा ने 20% भाड़ा वृद्धि की भी मांग की है और इन्होंने बताया कि कॉल ट्रांसपोर्टरों के द्वारा अम्रपाली से कोयला उठाकर 17 से 18 करोड़ रुपये हड़प लिये गये हैं. कोयला उठाकर जिन ट्रांसपोर्टर द्वारा हड़पा गया, उन ट्रांसपोर्टर के नाम इस प्रकार हैं हिंडालको, अर्थ एलीमेंट, डेटन माइनिंग, पर्णाॅ नमन, तुली माइनिंग, निलेश ज्ञांसेन इत्यादि. ट्रांसपोर्टरों के द्वारा लगभग 17 से 18 करोड़ों रुपया बकाया भाड़ा रखा है.