चतरा: गांव की पगडंडियों से निकलकर रुपहले पर्दे पर अपनी पहचान बनाने वाली जिले की बेटी शीतल को जिला प्रशासन ने विधानसभा चुनाव के लिए ब्रांड एंबेसडर नियुक्त किया है. शीतल अब कैमरे पर एक्टिंग के साथ-साथ चुनाव के दौरान मतदाताओं को मतदान के प्रति न सिर्फ जागरूक करेंगी बल्कि उन्हें मतदान से होने वाले फायदों से भी अवगत कराएंगी.
कई कठिन राहों से गुजरी शीतल
फिल्मी गीतों की धुन के साथ थिरकने का शौक शीतल के अंदर जुनून बनकर इस कदर सवार हो गया था कि उसने सिल्वर स्क्रीन पर कदम रखने के बाद ही दम लिया. हालांकि खुद को स्थापित करने के लिए शीतल को फिलहाल कई कठिन राहों से गुजरना है. लेकिन आत्मविश्वास से भरी इस बेटी के परिश्रम को जिला प्रशासन ने सम्मान दिया है. विधानसभा चुनाव के दौरान जिला प्रशासन के चुनावी कार्यक्रम और योजनाओं के प्रचार-प्रसार के लिए निर्वाचन शाखा ने शीतल को ब्रांड एंबेसडर नियुक्त कर बड़ी जिम्मेवारी सौंपी है. शीतल फिलहाल पंजाब में एक पंजाबी फिल्म काली सरहद में सह नायिका की भूमिका अदा कर रही है.
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अभाव के बीच पूरी की पढ़ाई
ऐसे में अब तक रील लाइफ में किरदारों को जीते आई शीतल रियल लाइफ में किरदार निभाने के लिए भी तैयार है. जिला प्रशासन के विश्वास को धरातल पर उतारने के लिए शीतल जल्द ही चतरा आने वाली है. शीतल की लोकप्रियता से प्रभावित होकर जिला प्रशासन ने मतदाता जागरूकता के लिए उसे चतरा जिले का ब्रांड एंबेसडर घोषित किया है. शीतल इटखोरी प्रखंड के पीतीज गांव के एक साधारण व्यवसाई प्रभु दयाल प्रसाद की बेटी है. उनकी मां आशा किरण आंगनबाड़ी केंद्र में आशा दीदी के रूप में कार्यरत हैं. मध्यम वर्गीय परिवार में जन्म लेने वाली शीतल ने कई तरह के अभाव के बीच पढ़ाई पूरी करने के बाद परिवार को आर्थिक सहयोग देने के लिए गुजरात में एक बीमा कंपनी में नौकरी की शुरुआत की थी. लेकिन उसके अंदर का कलाकार बराबर शीतल को सिल्वर स्क्रीन की ओर कदम बढ़ाने के लिए प्रेरित करता रहा.
नहीं लिया किसी तरह का प्रशिक्षण
इसका परिणाम है कि उसे पहला ब्रेक एक म्यूजिक एल्बम में मिला. रांची में शूट किए गए म्यूजिक एल्बम में शीतल के काम को देखकर भोजपुरी फिल्म निर्माताओं ने तीन भोजपुरी फिल्मों में शीतल को सह नायिका का किरदार दिया. जिसकी बदौलत उसने सिल्वर स्क्रीन पर पूरी तरह कदम रखा. मजे की बात तो यह है कि अब सिल्वर स्क्रीन पर अपने हुनर का लोहा मनवा रही शीतल ने फिल्मी दुनिया में जाने से पहले किसी भी तरह का प्रशिक्षण नहीं लिया है. बल्कि बचपन से ही वह अपने अंदर मौजूद कलाकार के बल पर काल्पनिक किरदारों को जीते आई है.