चतरा: चतरा के टंडवा एनटीपीसी परियोजना परिसर के मुख्य गेट के सामने तीन सूत्री मांग को लेकर आंदोलन पर बैठे भू-रैयतों और सुरक्षा बलों के बीच सोमवार को अचानक झड़प हो गई. इससे माहौल तनावपूर्ण हो गया. हालात यहां तक बिगड़े कि पुलिस और ग्रामीणों में पथराव हो गया. भीड़ को काबू करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस भी छोड़े. इस झड़प में आधा दर्जन ग्रामीण भी घायल हुए हैं. बाद में प्रशासन ने आंदोलनकारियों के धरनास्थल को जेसीबी की मदद से ध्वस्त कर दिया.
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तीन सूत्री मांगों को लेकर विगत 23 फरवरी से विस्थापित विकास संघर्ष समिति के बैनर तले धरना पर बैठे भू-रैयतों ने परियोजना में अनिश्चितकालीन बंदी करा रखी थी. इस स्थिति की गंभीरता को देखते हुए अनुमंडल अधिकारी सिमरिया ने शांति व्यवस्था बनाए रखने को लेकर पूरे क्षेत्र में धारा 144 लगा दी थी. इसी बीच पहुंची फोर्स से आंदोलनकारी महिलाओं की बकझक हो गई. इस पर पुलिस ने कुछ लोगों को हिरासत में लिया तो भू-रैयत आक्रोशित हो उठे और पथराव करने लगे.
स्थिति ऐसी हो गई की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए सुरक्षा बलों ने हल्का बल प्रयोग करते हुए आंसू गैस के गोले भी छोड़े. इस क्रम में आधा दर्जन अनशनकारियों को चोट लगी, जिनका इलाज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में कराया जा रहा है. वहीं आंदोलनकारियों को धरनास्थल से भगाने को लेकर पुलिस ने टेंट को जेसीबी से उखाड़ दिया.
कंपनी में तोड़फोड़, आगजनीः दूसरी ओर आक्रोशित आंदोलनकारियों ने सिंप्लेक्स कंपनी में आगजनी करते हुए तोड़फोड़ की और एक हाइवा सहित 50 से अधिक वाहनों में आग लगा दी. खबर लिखे जाने तक क्षेत्र में तनाव का माहौल कायम था. हालात पर काबू पाने के लिए पूरे क्षेत्र में पुलिस बल की तैनाती कर दी गई है. वहीं रांची-टंडवा मुख्य पथ पर आवागमन भी बाधित हो गया.