ETV Bharat / state

यहां कागजों पर सिमटा है 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' का नारा, 500 छात्राओं पर केवल 2 शिक्षक

चतरा के सिमरिया प्रखंड के परियोजना बालिका उच्च विद्यालय में लगभग 500 छात्राएं बालिका उच्च विद्यालय में पठन-पाठन करती हैं. उन्हें पढ़ाने के लिए सिर्फ 2 शिक्षक ही स्कूल में हैं, जो हिंदी और गणित पढ़ाते हैं.

School, स्कूल
डिजाइन इमेज
author img

By

Published : Jan 8, 2020, 8:25 PM IST

चतरा: शिक्षा ही समाज के विकास का पहला साधन है. सरकार भी शिक्षा के विकास को लेकर बड़े-बड़े दावे करते नहीं थकती है. लेकिन आज भी कई ऐसे स्कूल हैं, जहां शिक्षा व्यवस्था पूरी तरह चरमराई हुई है. केंद्र और राज्य सरकार भले ही बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का नारा लगा रही हो, लेकिन चतरा जिले के सिमरिया प्रखंड के लिए ये बातें सिर्फ कागजी नारों तक सीमित नजर आ रही है.

देखें स्पेशल स्टोरी

यहां पढ़ती हैं 500 छात्राएं
सिमरिया प्रखंड के एकमात्र परियोजना बालिका उच्च विद्यालय बानासाड़ी में पढ़ने वाली छात्राओं को शिक्षा का अधिकार नहीं मिल रहा है. यहां की लगभग 500 छात्राएं बालिका उच्च विद्यालय में पठन-पाठन करती हैं. उन्हें पढ़ाने के लिए सिर्फ 2 शिक्षक ही स्कूल में हैं, जो हिंदी और गणित पढ़ाते हैं. जबकि यहां 8 शिक्षकों की कमी है. टीचर की कमी के कारण स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों को विज्ञान, अंग्रेजी जैसे कई महत्वपूर्ण विषयों की शिक्षा नहीं मिल पा रही है.

निजी कोचिंग का लेना पड़ रहा सहारा
वहीं, शिक्षकों की कमी के कारण प्रखंड के सिमरिया इलाके के साथ-साथ आसपास के क्षेत्रों से आने वाली छात्राओं को मजबूरन निजी कोचिंग संस्थानों का सहारा लेना पड़ता है. इस बारे में स्कूल के प्रिंसिपल का कहना है कि शिक्षकों की कमी के कारण पढ़ाई के साथ-साथ विद्यालय की अन्य विधि व्यवस्था भी चौपट हो रही है.

ये भी पढ़ें- झारखंड विधानसभा में मनोनीत एंग्लो इंडियन का प्रतिनिधित्व चाहती है राज्य सरकार, प्रस्ताव पास

शिक्षकों की कमी को दूर करने का मिला आश्वासन
इस मामले को लेकर जब ईटीवी भारत की टीम ने शिक्षा विभाग के पदाधिकारी पप्पू कुमार से कारण पूछा तो उन्होंने कहा कि मामला संज्ञान में आ गया है. अब जल्द ही प्रतिनियोजन कर विद्यालय में शिक्षकों की कमी को दूर किया जाएगा.

चतरा: शिक्षा ही समाज के विकास का पहला साधन है. सरकार भी शिक्षा के विकास को लेकर बड़े-बड़े दावे करते नहीं थकती है. लेकिन आज भी कई ऐसे स्कूल हैं, जहां शिक्षा व्यवस्था पूरी तरह चरमराई हुई है. केंद्र और राज्य सरकार भले ही बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का नारा लगा रही हो, लेकिन चतरा जिले के सिमरिया प्रखंड के लिए ये बातें सिर्फ कागजी नारों तक सीमित नजर आ रही है.

देखें स्पेशल स्टोरी

यहां पढ़ती हैं 500 छात्राएं
सिमरिया प्रखंड के एकमात्र परियोजना बालिका उच्च विद्यालय बानासाड़ी में पढ़ने वाली छात्राओं को शिक्षा का अधिकार नहीं मिल रहा है. यहां की लगभग 500 छात्राएं बालिका उच्च विद्यालय में पठन-पाठन करती हैं. उन्हें पढ़ाने के लिए सिर्फ 2 शिक्षक ही स्कूल में हैं, जो हिंदी और गणित पढ़ाते हैं. जबकि यहां 8 शिक्षकों की कमी है. टीचर की कमी के कारण स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों को विज्ञान, अंग्रेजी जैसे कई महत्वपूर्ण विषयों की शिक्षा नहीं मिल पा रही है.

निजी कोचिंग का लेना पड़ रहा सहारा
वहीं, शिक्षकों की कमी के कारण प्रखंड के सिमरिया इलाके के साथ-साथ आसपास के क्षेत्रों से आने वाली छात्राओं को मजबूरन निजी कोचिंग संस्थानों का सहारा लेना पड़ता है. इस बारे में स्कूल के प्रिंसिपल का कहना है कि शिक्षकों की कमी के कारण पढ़ाई के साथ-साथ विद्यालय की अन्य विधि व्यवस्था भी चौपट हो रही है.

ये भी पढ़ें- झारखंड विधानसभा में मनोनीत एंग्लो इंडियन का प्रतिनिधित्व चाहती है राज्य सरकार, प्रस्ताव पास

शिक्षकों की कमी को दूर करने का मिला आश्वासन
इस मामले को लेकर जब ईटीवी भारत की टीम ने शिक्षा विभाग के पदाधिकारी पप्पू कुमार से कारण पूछा तो उन्होंने कहा कि मामला संज्ञान में आ गया है. अब जल्द ही प्रतिनियोजन कर विद्यालय में शिक्षकों की कमी को दूर किया जाएगा.

Intro:चतरा: कैसे पढ़ेंगी बेटियां? इस स्कूल में 2 शिक्षक के भरोसे 500 छात्राएं

चतरा: कहां जाता है शिक्षा ही समाज के विकास का पहला साधन है। सरकार भी शिक्षा के विकास को लेकर बड़े-बड़े दावे करते नहीं थकती हैं, लेकिन आज भी कई ऐसे स्कूल है जहां शिक्षा व्यवस्था पूरी तरह चरमराई हुई है। केंद्र और राज्य सरकार भले ही बेटी बचाव बेटी पढ़ाओ का नारा लगा रही हो। लेकिन चतरा जिले के सिमरिया प्रखंड के लिए ये बाते सिर्फ कागजी नारों तक सीमित नजर आ रही है, क्योंकि प्रखंड के एकमात्र परियोजना बालिका उच्च विद्यालय बानासाड़ी में पढ़ने वाली छात्राओं की शिक्षा का अधिकार नहीं मिल रहा है।

1.बाईट: विद्यालय की छात्रा, नंदनी कुमारी
2. बाईट: विद्यालय की छात्रा, मनीषा कुमारी
3. बाईट: विद्यालय के प्रिंसिपल, सुरेंद्र कुमार
4. बाईट: शिक्षा विभाग पदाधिकारी बीपीओ, पप्पू कुमारBody:सिमरिया की लगभग 500 छात्राएं बालिका उच्च विद्यालय में उन्हें अपना पठन-पाठन करती हैं। उन्हें पढ़ाने के लिए 2 शिक्षक ही स्कूल में हैं जो हिंदी और गणित पढ़ाता है, जबकि यहां 8 शिक्षकों का कमी है। टीचर की कमी के कारण स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों को विज्ञान,अंग्रेजी जैसे कई महत्वपूर्ण विषयों की शिक्षा नहीं मिल पा रही है। वहीं, शिक्षकों की कमी के कारण प्रखंड के सिमरिया इलाकों के साथ-साथ आसपास के क्षेत्रों से आने वाली छात्राओं को मजबूरन निजी कोचिंग संस्थानों का सहारा लेना पड़ता है। स्कूल के प्रिंसिपल का कहना है कि शिक्षकों की कमी के कारण पढ़ाई के साथ-साथ विद्यालय की अन्य विधि व्यवस्था चौपट हो रही है। प्रिंसिपल का कहना है कि उन्होंने कई बार विभाग को पत्र लिखा लेकिन नतीजा सिफर रहा।Conclusion:जब मामले में ईटीवी भारत की टीम ने शिक्षा विभाग के पदाधिकारी बीपीओ पप्पू कुमार से कारण पूछा तो उन्होंने कहा कि मामला संज्ञान में आ गया है। अब जल्द ही प्रतिनियोजन कर विद्यालय में शिक्षकों की कमी को दूर किया जाएगा। अब सवाल यह है कि सरकार सिर्फ कागजों में बेटी पढ़ाओ का नारा देने में लगी हुई है जबकि धरातल पर आलम कुछ और ही है।

मोहम्मद अरबाज ईटीवी भारत चतरा
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.