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हादसों का शहर बना चतरा, कोयला वाहनों की वजह से जा चुकी हैं सैंकड़ों जानें!

चतरा में आए दिन सड़क दुर्घटनाएं होती रहती हैं. बाबजूद इसके प्रशासन की ओर से कोई सख्त कदम नहीं उठाया जा रहा है. लोगों का कहना हैं कि टंडवा आम्रपाली कोल परियोजना खुलने के बाद से लगभग सैंकड़ों लोगों की मौत सड़क हादसे की वजह से हो चुकी है.

सड़क दुर्घटना में मौैत
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Published : Oct 6, 2019, 5:34 PM IST

चतरा,सिमरिया: जिले में लगातार हो रही सड़क दुर्घटनाओं से लोगों में डर का माहौल बना हुआ है. लोगों को कहना है कि जब से टंडवा आम्रपाली कोल परियोजना खुला है लगभग 500 से अधिक लोगों की मौत सड़क हादसे की वजह से हो गई है, जबकि इससे ज्यादा लोग घायल हुए हैं.

देखें पूरी खबर

सड़क दुर्घटना की सबसे बड़ी वजह कोयला ढोने वाले ट्रक और हाइवा हैं. बता दें कि सैकड़ों ट्रक और हाइवा टंडवा से कोयला लेकर कई जिलों में जाते हैं और अधिकांश सड़क हादसे इन्हीं भारी वाहनों की वजह से होते हैं. इन वाहनों में जल्द लोडिंग की होड़ रहती है. इस वजह से चालक तेज ड्राइव करते हैं. दूसरी बड़ी वजह ट्रक चालकों का नशे में होना और वाहन चालकों के ट्रैफिक नियमों का पालन नहीं करना है.

ये भी पढ़ें-नक्सलियों और सुरक्षाबलों में मुठभेड़, 8 लैंडमाइंस और कई नक्सली साहित्य बरामद

इस सड़क हादसों की वजह से चतरावासी काफी सहमे हुए हैं. उनका कहना है कि रोजाना इस तरह की दिल दहला देने वाली खबरें आती हैं, जिससे आए दिन किसी न किसी घर के आंगन से रोने की आवाज निकलती है. सड़क हादसों को रोकने के लिए प्रशासन को ऐसे कदम उठाने चाहिए, जिससे इस तरह की हादसों पर अंकुश लगे. ग्रामीणों की मांग है कि सरकार को कोल वाहन के लिए अलग से बाईपास सड़क बनाना चाहिए.

चतरा,सिमरिया: जिले में लगातार हो रही सड़क दुर्घटनाओं से लोगों में डर का माहौल बना हुआ है. लोगों को कहना है कि जब से टंडवा आम्रपाली कोल परियोजना खुला है लगभग 500 से अधिक लोगों की मौत सड़क हादसे की वजह से हो गई है, जबकि इससे ज्यादा लोग घायल हुए हैं.

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सड़क दुर्घटना की सबसे बड़ी वजह कोयला ढोने वाले ट्रक और हाइवा हैं. बता दें कि सैकड़ों ट्रक और हाइवा टंडवा से कोयला लेकर कई जिलों में जाते हैं और अधिकांश सड़क हादसे इन्हीं भारी वाहनों की वजह से होते हैं. इन वाहनों में जल्द लोडिंग की होड़ रहती है. इस वजह से चालक तेज ड्राइव करते हैं. दूसरी बड़ी वजह ट्रक चालकों का नशे में होना और वाहन चालकों के ट्रैफिक नियमों का पालन नहीं करना है.

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इस सड़क हादसों की वजह से चतरावासी काफी सहमे हुए हैं. उनका कहना है कि रोजाना इस तरह की दिल दहला देने वाली खबरें आती हैं, जिससे आए दिन किसी न किसी घर के आंगन से रोने की आवाज निकलती है. सड़क हादसों को रोकने के लिए प्रशासन को ऐसे कदम उठाने चाहिए, जिससे इस तरह की हादसों पर अंकुश लगे. ग्रामीणों की मांग है कि सरकार को कोल वाहन के लिए अलग से बाईपास सड़क बनाना चाहिए.

Intro:हादसों का शहर बना चतरा, कोयला वाहन ने ले ली 600 से अधिक की मौत

चतरा/सिमरिया: चतरा जिले में लगातार हो रही सड़क दुर्घटना से लोग डरे सहमे हुए हैं। जब से टंडवा आम्रपाली कोल परियोजना खुला है तब से लगभग 600 लोगों की जान सड़क हादसे की वजह से गई है। जबकि इससे ज्यादा लोग घायल हुए हैं. सड़क दुर्घटना की सबसे बड़ी वजह कोयला ढोने वाले ट्रक और हाईवा है। बता दें कि सैकड़ों ट्रक और हाईवा टंडवा से कोयला लेकर कई जिलों में जाता है. अधिकांश सड़क हादसे इन्हीं भारी वाहनों की वजह से होती है. दरअसल इन वाहनों में जल्द लोडिंग की होड़ रहती है और इस वजह से ये तेज ड्राइव करते हैं।

1. बाईट--- मनोज कुमार स्थानीय ग्रामीण
2. बाईट--- राहगीर Body:दूसरी बड़ी वजह ट्रक चालकों का नशे में होना। साथ ही सभी तरह के वाहन चालकों द्वारा ट्रैफिक नियमों का पालन नहीं करना। इस सड़क हादसों की वजह से चतरावासी काफी सहमे हुए हैं. उनका कहना है कि हर दिन इस तरह की दिल दहला देने वाली खबरें आती हैं, जिससे आए दिन हर किसी घर के आंगन से चीत्कार और दहाड़ मारकर रोने की आवाज निकलती है। Conclusion:प्रशासन कुछ ऐसे कदम उठाएं जिससे इन हादसों की संख्या पर अंकुश लगे। वहीं स्थानीय ग्रामीणों ने सरकार से कोल वाहन के लिए अलग से सड़क बाईपास बनाने की मांग की है।

मोहम्मद अरबाज ईटीवी भारत सिमरिया
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