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वारंटी चतरा डीएसपी केदार राम का प्रमोशन! महकमे ने दिया जांच का आश्वासन, नए एसपी को मामले का पता नहीं - चतरा एसपी

मारपीट के मामले में आरोपी चतरा मुख्यालय के डीएसपी केदार राम 3 साल कोर्ट में पेश नहीं हुए. कोर्ट ने उन्हें फरार मानते हुए स्थायी वारंट जारी किया है. मामला लंबित होने के बावजूद उनका प्रमोशन हो गया. इसको लेकर पुलिस महकमे में हड़कंप है.

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Published : Aug 17, 2021, 5:54 PM IST

चतरा: मारपीट के मामले में आरोपी चतरा मुख्यालय के डीएसपी केदार राम 3 साल से कोर्ट में पेशी के लिए नहीं जा रहे हैं. उन्हें फरार अभियुक्त मानते हुए एसीजेएम न्यायालय चतरा ने डीएसपी के विरूद्ध स्थायी वारंट जारी किया है. यह मामला 2006 का है, जब केदार राम सदर थाना चतरा में इंस्पेक्टर थे. इसी बीच उनका प्रमोशन हुआ, इसको लेकर पुलिस महकमे ने जांच का आश्वासन दिया है.

इसे भी पढ़ें- प्रमोशन के बाद पुलिसकर्मियों की ट्रेनिंग में होगी कटौती, सरकार को भेजा गया प्रस्ताव

क्या है पूरा मामला

चतरा में सदर थाना क्षेत्र के लश्करी निवासी महावीर गंझू ने इंस्पेक्टर केदार राम और एएसआई के विरुद्ध एसीजेएम कोर्ट में मारपीट करने और जेब से 500 रुपए निकाल लेने का केस दायर किया था. मामले की सुनवाई के दौरान गवाहों के बयान और वकील की दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने केदार राम समेत दोनों अभियुक्तों को 13 अगस्त 2007 को हाजिर होने के लिए वारंट जारी किया.

केदार राम ने एक सितंबर 2015 को कोर्ट में सरेंडर करने और जमानत का आवेदन दिया. लेकिन जमानत मिलने के बाद केदार राम कोर्ट में हाजिर नहीं हुए. 29 नवंबर 2016 को उनकी जमानत रद्द कर दी गई. एक दिसंबर 2016 को कोर्ट ने उनके खिलाफ गैर जमानतीय वारंट और दो मई 2017 को इश्तेहार जारी किया.

इस मामले में चतरा एसपी राकेश रंजन ने बताया कि उन्हें मामले की जानकारी नहीं है, वो तीन-चार दिन पहले ही यहां आए हैं. इंस्पेक्टर पर केस लंबित था तो उनका प्रमोशन कैसे हो गया, यह जांच का विषय है. उन्होंने आश्वासन दिया है कि वो इस मामले की जांच करेंगे और डीएसपी केदार राम दोषी पाए गए तो विभागीय कार्रवाई की अनुशंसा भी करेंगे.

नियुक्ति प्रक्रिया को लेकर क्या है अभ्यर्थियों का आरोप

कुछ महीने पहले होमगार्ड नियुक्ति प्रक्रिया में शामिल हुए अभ्यर्थियों ने डीएसपी मुख्यालय सह होमगार्ड के कमांडेंट केदार राम पर बहाली में खुलेआम धांधली का गंभीर आरोप लगाया. अभ्यर्थियों ने जवाहर नेहरू स्टेडियम में आयोजित बहाली प्रक्रिया में कई आवेदकों से मैदान में प्वाइंट बढ़ाने के नाम पर डीएसपी मुख्यालय पर अवैध वसूली का गंभीर आरोप लगाया.

इसे भी पढ़ें- अपराध पर नकेल कसने की कवायद तेज, वारंटियों की गिरफ्तारी के लिए बनाई गई विशेष टीम

अभ्यर्थियों का आरोप है कि नियुक्ति प्रक्रिया के दौरान मैदान में दौड़ प्रक्रिया संपन्न होने के बाद डीएसपी मुख्यालय और मौके पर मौजूद उनके अन्य अधिकारियों और कर्मियों की ओर से अक्षम अभ्यर्थियों से मोटी रकम वसूल कर लॉन्ग जंप और हाई जंप जैसी प्रक्रियाओं में नंबर बढ़ाने का काम किया गया है.

जिन अभ्यर्थियों ने उनकी डिमांड पूरी नहीं की, उन्हें सफल होने के बावजूद कम नंबर दिए जाने का आरोप डीएसपी मुख्यालय और उनकी टीम पर लगाया है. डीएसपी मुख्यालय की मनमानी की शिकायत और नियुक्ति में गड़बड़ी को लेकर अभ्यर्थी हाई कोर्ट पहुंच गए हैं.

चतरा: मारपीट के मामले में आरोपी चतरा मुख्यालय के डीएसपी केदार राम 3 साल से कोर्ट में पेशी के लिए नहीं जा रहे हैं. उन्हें फरार अभियुक्त मानते हुए एसीजेएम न्यायालय चतरा ने डीएसपी के विरूद्ध स्थायी वारंट जारी किया है. यह मामला 2006 का है, जब केदार राम सदर थाना चतरा में इंस्पेक्टर थे. इसी बीच उनका प्रमोशन हुआ, इसको लेकर पुलिस महकमे ने जांच का आश्वासन दिया है.

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क्या है पूरा मामला

चतरा में सदर थाना क्षेत्र के लश्करी निवासी महावीर गंझू ने इंस्पेक्टर केदार राम और एएसआई के विरुद्ध एसीजेएम कोर्ट में मारपीट करने और जेब से 500 रुपए निकाल लेने का केस दायर किया था. मामले की सुनवाई के दौरान गवाहों के बयान और वकील की दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने केदार राम समेत दोनों अभियुक्तों को 13 अगस्त 2007 को हाजिर होने के लिए वारंट जारी किया.

केदार राम ने एक सितंबर 2015 को कोर्ट में सरेंडर करने और जमानत का आवेदन दिया. लेकिन जमानत मिलने के बाद केदार राम कोर्ट में हाजिर नहीं हुए. 29 नवंबर 2016 को उनकी जमानत रद्द कर दी गई. एक दिसंबर 2016 को कोर्ट ने उनके खिलाफ गैर जमानतीय वारंट और दो मई 2017 को इश्तेहार जारी किया.

इस मामले में चतरा एसपी राकेश रंजन ने बताया कि उन्हें मामले की जानकारी नहीं है, वो तीन-चार दिन पहले ही यहां आए हैं. इंस्पेक्टर पर केस लंबित था तो उनका प्रमोशन कैसे हो गया, यह जांच का विषय है. उन्होंने आश्वासन दिया है कि वो इस मामले की जांच करेंगे और डीएसपी केदार राम दोषी पाए गए तो विभागीय कार्रवाई की अनुशंसा भी करेंगे.

नियुक्ति प्रक्रिया को लेकर क्या है अभ्यर्थियों का आरोप

कुछ महीने पहले होमगार्ड नियुक्ति प्रक्रिया में शामिल हुए अभ्यर्थियों ने डीएसपी मुख्यालय सह होमगार्ड के कमांडेंट केदार राम पर बहाली में खुलेआम धांधली का गंभीर आरोप लगाया. अभ्यर्थियों ने जवाहर नेहरू स्टेडियम में आयोजित बहाली प्रक्रिया में कई आवेदकों से मैदान में प्वाइंट बढ़ाने के नाम पर डीएसपी मुख्यालय पर अवैध वसूली का गंभीर आरोप लगाया.

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अभ्यर्थियों का आरोप है कि नियुक्ति प्रक्रिया के दौरान मैदान में दौड़ प्रक्रिया संपन्न होने के बाद डीएसपी मुख्यालय और मौके पर मौजूद उनके अन्य अधिकारियों और कर्मियों की ओर से अक्षम अभ्यर्थियों से मोटी रकम वसूल कर लॉन्ग जंप और हाई जंप जैसी प्रक्रियाओं में नंबर बढ़ाने का काम किया गया है.

जिन अभ्यर्थियों ने उनकी डिमांड पूरी नहीं की, उन्हें सफल होने के बावजूद कम नंबर दिए जाने का आरोप डीएसपी मुख्यालय और उनकी टीम पर लगाया है. डीएसपी मुख्यालय की मनमानी की शिकायत और नियुक्ति में गड़बड़ी को लेकर अभ्यर्थी हाई कोर्ट पहुंच गए हैं.

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