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चतराः बारिश में भी पानी के लिए तरस रहे लोग, 9 साल बाद भी शुरू नहीं हुआ जलमीनार - सिमरिया में सालों से पानी के लिए तरस रहे लोग

चतरा के सिमरिया में जलापूर्ति व्यवस्था 9 साल के बाद भी शुरू नहीं हो सका है. चुनाव में भले ही राजनेता वादों की बौछार कर चले जाते हैं, लेकिन जलमीनार से आजतक एक बूंद पानी नहीं टपका.

चतराः बारिश में भी पानी के लिए तरस रहे लोग
People craving for water in Chatra
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Published : Jul 11, 2020, 7:22 PM IST

चतरा: देश को सबसे ज्यादा राजस्व देने वाला चतरा जिले का सिमरिया अनुमंडल क्षेत्र आज भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित है. स्थिति यह है कि यहां के लोगों को न तो पीने का शुद्ध पानी मिल रहा है और न ही इस इलाके में सड़क है. लोग नौ साल से पानी का इंतजार कर रहे हैं.

देखें पूरी खबर

बरसात के मौसम में भी पानी की कमी
चतरा के सिमरिया में जलापूर्ति व्यवस्था 9 साल के बाद भी शुरू नहीं हो सका है. चुनाव में भले ही राजनेता वादों की बौछार कर चले जाते हैं, लेकिन जलमीनार से आजतक एक बूंद पानी नहीं टपका. जिले के हर घरों में लाखों का खर्च कर जल की सुविधा देने के लिए काम चल रहा है, लेकिन लोगों के इस बरसात के मौसम में भी पानी की कमी से हलक सूख रहे हैं.

ये भी पढ़ें-गोड्डा: वज्रपात से एक ही परिवार के 3 लोगों की मौत, दस दिन में 12 लोगों की जा चुकी है जान

9 साल पहले हुआ था जलमीनार का निर्माण

सिस्टम की उदासीनता के कारण चतरा से करीब 30 किमी दूर सिमरिया प्रखंड के बेलगड्ढा गांव में जलापूर्ति योजना के तहत 9 साल पहले ही जलमीनार का निर्माण करवाया गया था. लगभग 19 लाख रुपये की लागत से जलमीनार से कई गांव में पानी की आपूर्ति किया जाना था, जहां हर गली में पानी पहुंचाने के लिए पाइप बिछाई गई और घरों तक नल भी लगाया गया. इससे लोगों में हर्ष भी देखा गया, लेकिन नल से आज तक एक बूंद भी पानी नहीं टपका.

सिमरिया में लोग आज भी बिजली, पानी, सड़क जैसी मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं. जब ईटीवी भारत की टीम ने प्रखंड विकास पदाधिकारी अमित कुमार मिश्रा से इस बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि मामला संज्ञान में आ गया है. जल्द ही बंद पड़े जलमीनार को शुरू किया जाएगा.

चतरा: देश को सबसे ज्यादा राजस्व देने वाला चतरा जिले का सिमरिया अनुमंडल क्षेत्र आज भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित है. स्थिति यह है कि यहां के लोगों को न तो पीने का शुद्ध पानी मिल रहा है और न ही इस इलाके में सड़क है. लोग नौ साल से पानी का इंतजार कर रहे हैं.

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बरसात के मौसम में भी पानी की कमी
चतरा के सिमरिया में जलापूर्ति व्यवस्था 9 साल के बाद भी शुरू नहीं हो सका है. चुनाव में भले ही राजनेता वादों की बौछार कर चले जाते हैं, लेकिन जलमीनार से आजतक एक बूंद पानी नहीं टपका. जिले के हर घरों में लाखों का खर्च कर जल की सुविधा देने के लिए काम चल रहा है, लेकिन लोगों के इस बरसात के मौसम में भी पानी की कमी से हलक सूख रहे हैं.

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9 साल पहले हुआ था जलमीनार का निर्माण

सिस्टम की उदासीनता के कारण चतरा से करीब 30 किमी दूर सिमरिया प्रखंड के बेलगड्ढा गांव में जलापूर्ति योजना के तहत 9 साल पहले ही जलमीनार का निर्माण करवाया गया था. लगभग 19 लाख रुपये की लागत से जलमीनार से कई गांव में पानी की आपूर्ति किया जाना था, जहां हर गली में पानी पहुंचाने के लिए पाइप बिछाई गई और घरों तक नल भी लगाया गया. इससे लोगों में हर्ष भी देखा गया, लेकिन नल से आज तक एक बूंद भी पानी नहीं टपका.

सिमरिया में लोग आज भी बिजली, पानी, सड़क जैसी मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं. जब ईटीवी भारत की टीम ने प्रखंड विकास पदाधिकारी अमित कुमार मिश्रा से इस बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि मामला संज्ञान में आ गया है. जल्द ही बंद पड़े जलमीनार को शुरू किया जाएगा.

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