चतरा: एक ओर जहां आज पूरा देश वैश्विक महामारी कोरोना के संक्रमण से जूझ रहा है. कोरोना वॉरियर्स अपनी जान जोखिम में डालकर लोगों की सुरक्षा में जुटे हैं, ताकि न सिर्फ देश को कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाया जा सके बल्कि लोग भी सुरक्षित रहे, लेकिन चंद बड़बोले जनप्रतिनिधि न सिर्फ इनके साथ दुर्व्यवहार करने पर तुले हैं बल्कि नियम का अनुपालन करने की नसीहत देने पर औकात बताने तक की धमकी दे रहे हैं.
ऐसी ही एक घटना चतरा-हजारीबाग सीमा पर स्थित अस्थाई परसौनी चेक पोस्ट पर हुई. यहां बरही विधायक उमाशंकर अकेला की गाड़ी रोकने पर दंडाधिकारी के रूप में तैनात कनीय अभियंता कौशल किशोर की विधायक ने जमकर फजीहत की. दंडाधिकारी का गुनाह बस इतना था कि उन्होंने लॉकडाउन के नियमों के तहत चतरा-हजारीबाग सीमा पर आवागमन करने वाले अन्य वाहनों की तरह ही विधायक की गाड़ी को भी रोक दिया था, फिर क्या था विधायक ने आपा खो दिया. विधायक ने मौके पर ही न सिर्फ दंडाधिकारी को सुरक्षा बलों की मौजूदगी में खरी खोटी सुना दी बल्कि उन्हें यहां तक कह दिया कि औकात में रहो क्या हो जेई न.
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मामला बढ़ता देख मौके पर तैनात अन्य जवानों ने किसी तरह मामले को शांत कराया और समझा-बुझाकर विधायक को मौके से रवाना किया. इस मामले में भुक्तभोगी दंडाधिकारी ने जिले के वरीय अधिकारियों से घटना की शिकायत करते हुए कार्रवाई की मांग की है. इधर, विधायक ने कहा है कि वे खाद्यान्न वितरण में हो रही गड़बड़ी की सूचना पर गरीब और जरूरतमंद परिवारों के बीच खाद्यान्न वितरण कराने अपने विधानसभा क्षेत्र के एक गांव में जा रहे थे. इसी दौरान दंडाधिकारी ने जानबूझकर उनकी गाड़ी को रोका. विधायक ने ड्यूटी के दौरान दंडाधिकारी पर मास्क नहीं लगाने का भी आरोप लगाया है.