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चतरा के महेंद्र को धोनी से मिली प्रेरणा तो बन गए आत्मनिर्भर, अब दूसरों को दे रहे रोजगार

चतरा के गिद्धौर के रहने वाले महेंद्र आत्मनिर्भरता की कहानी गढ़ रहे हैं. वे युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत बन गए हैं. कड़कनाथ मुर्गा और पशुपालन को रोजगार का आधार बनाया है. उनके पास एक बकरा 90 किलो से अधिक वजन का है. जो लोगों के आकर्षण का केंद्र है

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Published : Apr 11, 2021, 12:51 PM IST

Updated : Apr 11, 2021, 6:28 PM IST

चतरा: जिले के गिद्धौर जैसे पिछड़े जगह में रहकर महेंद्र दांगी आत्मनिर्भर बन गए हैं. महेंद्र कड़कनाथ मुर्गा और पशुपालन कर आर्थिक तंगी का रोना रोने वालों के लिए प्रेरणास्रोत हैं. फिलहाल वह 200 कड़कनाथ मुर्गा का पालन कर रहे हैं. मुर्गा और पशुपालन में उनकी खूब रुचि है. मुर्गा, बकरी और गोपालन के जरिए महेंद्र 7 युवकों को रोजगार भी मुहैया करा रहे हैं. कड़कनाथ मुर्गा की बिक्री 700 रुपये प्रति किलो है. महेंद्र को यह प्रेरणा पूर्व भारतीय क्रिकेटर कप्तान महेंद्र सिंह धोनी से मिली है.

देखें स्पेशल रिपोर्ट

ये भी पढ़ें- खूनी बना चतरा का यह पेड़, सड़क हादसे में जा रही लोगों की जान

महेंद्र सिंह धोनी से मिली है प्रेरणा

महेंद्र कहते हैं कि भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने कड़कनाथ मुर्गा का पालन कर युवाओं को आत्मनिर्भरता की नई राह दिखाई है. उन्होंने बताया कि शुरुआती दौर में रामगढ़ से चूजा लाकर पालना शुरू किया. आज उनके फर्म में 200 कड़कनाथ मुर्गा और मुर्गी हैं. कड़कनाथ मुर्गी का अंडा भी महंगा है. 30 से 40 रुपये प्रति पीस अंडा बिक रहा है. एक अंडा 50 रुपये तक बिकता है.


कड़कनाथ मुर्गा बना चर्चा का विषय
कड़कनाथ मुर्गा का मांस भी काले रंग का ही होता है. वो अपने गहरे काले रंग और बड़े आकार के लिए प्रसिद्ध है. कड़कनाथ मुर्गा का स्वाद अब गिद्धौर के लोग भी चख रहे हैं. इस ब्लैक चिकेन की फार्मिंग प्रखंड के किसान महेंद्र ने पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू की थी. ये मुर्गे यहां पर चर्चा का विषय बने हुए हैं. इसे देखने के लिए लोग पहुंचते हैं. महेंद्र के बकरी फार्म में 90 किलोग्राम का बकरा आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. महेंद्र के इस पहल की प्रखंड के लोग सराहना कर रहे हैं. कड़कनाथ मुर्गा का मांस भी काले रंग का ही होता है.

कड़कनाथ मुर्गे की खासियत

  • कड़कनाथ मुर्गा के एक किलो मांस में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा करीब 144 एमजी होती है. जबकि सामान्य मुर्गे में 244 एमजी होती है.
  • इसके मांस में 27 फीसद तक प्रोटीन पाया जाता है. जबकि सामान्य में 16 फीसद प्रोटीन होता है.
  • कड़कनाथ मुर्गा इम्युनिटी बढ़ाने के साथ ही वसा, प्रोटीन से भरपूर, हृदय, सांस, एनिमिया रोग में लाभकारी है.
  • इस प्रजाति की एक मादा हर साल औसतन 120 अंडे देती है.

हृदय रोगियों के लिए लाभकारी है कड़कनाथ

  • हृदय रोगियों के लिए कड़कनाथ मुर्गे का मांस फायदेमंद है.
  • कड़कनाथ मुर्गे का मांस प्रोटीन से भरपूर होता है.
  • अन्य मुर्गों के मुकाबले इसमें भारी मात्रा में प्रोटीन पाई जाती है.
  • मुर्गी में अमीनो एसिड भी भरपूर मात्रा में पाया जाता है.
  • कड़कनाथ मुर्गे के मांस में बेहद कम कोलेस्ट्रॉल होता है, जो हृदय रोगियों के लिए काफी फायदेमंद होता है.

चतरा: जिले के गिद्धौर जैसे पिछड़े जगह में रहकर महेंद्र दांगी आत्मनिर्भर बन गए हैं. महेंद्र कड़कनाथ मुर्गा और पशुपालन कर आर्थिक तंगी का रोना रोने वालों के लिए प्रेरणास्रोत हैं. फिलहाल वह 200 कड़कनाथ मुर्गा का पालन कर रहे हैं. मुर्गा और पशुपालन में उनकी खूब रुचि है. मुर्गा, बकरी और गोपालन के जरिए महेंद्र 7 युवकों को रोजगार भी मुहैया करा रहे हैं. कड़कनाथ मुर्गा की बिक्री 700 रुपये प्रति किलो है. महेंद्र को यह प्रेरणा पूर्व भारतीय क्रिकेटर कप्तान महेंद्र सिंह धोनी से मिली है.

देखें स्पेशल रिपोर्ट

ये भी पढ़ें- खूनी बना चतरा का यह पेड़, सड़क हादसे में जा रही लोगों की जान

महेंद्र सिंह धोनी से मिली है प्रेरणा

महेंद्र कहते हैं कि भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने कड़कनाथ मुर्गा का पालन कर युवाओं को आत्मनिर्भरता की नई राह दिखाई है. उन्होंने बताया कि शुरुआती दौर में रामगढ़ से चूजा लाकर पालना शुरू किया. आज उनके फर्म में 200 कड़कनाथ मुर्गा और मुर्गी हैं. कड़कनाथ मुर्गी का अंडा भी महंगा है. 30 से 40 रुपये प्रति पीस अंडा बिक रहा है. एक अंडा 50 रुपये तक बिकता है.


कड़कनाथ मुर्गा बना चर्चा का विषय
कड़कनाथ मुर्गा का मांस भी काले रंग का ही होता है. वो अपने गहरे काले रंग और बड़े आकार के लिए प्रसिद्ध है. कड़कनाथ मुर्गा का स्वाद अब गिद्धौर के लोग भी चख रहे हैं. इस ब्लैक चिकेन की फार्मिंग प्रखंड के किसान महेंद्र ने पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू की थी. ये मुर्गे यहां पर चर्चा का विषय बने हुए हैं. इसे देखने के लिए लोग पहुंचते हैं. महेंद्र के बकरी फार्म में 90 किलोग्राम का बकरा आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. महेंद्र के इस पहल की प्रखंड के लोग सराहना कर रहे हैं. कड़कनाथ मुर्गा का मांस भी काले रंग का ही होता है.

कड़कनाथ मुर्गे की खासियत

  • कड़कनाथ मुर्गा के एक किलो मांस में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा करीब 144 एमजी होती है. जबकि सामान्य मुर्गे में 244 एमजी होती है.
  • इसके मांस में 27 फीसद तक प्रोटीन पाया जाता है. जबकि सामान्य में 16 फीसद प्रोटीन होता है.
  • कड़कनाथ मुर्गा इम्युनिटी बढ़ाने के साथ ही वसा, प्रोटीन से भरपूर, हृदय, सांस, एनिमिया रोग में लाभकारी है.
  • इस प्रजाति की एक मादा हर साल औसतन 120 अंडे देती है.

हृदय रोगियों के लिए लाभकारी है कड़कनाथ

  • हृदय रोगियों के लिए कड़कनाथ मुर्गे का मांस फायदेमंद है.
  • कड़कनाथ मुर्गे का मांस प्रोटीन से भरपूर होता है.
  • अन्य मुर्गों के मुकाबले इसमें भारी मात्रा में प्रोटीन पाई जाती है.
  • मुर्गी में अमीनो एसिड भी भरपूर मात्रा में पाया जाता है.
  • कड़कनाथ मुर्गे के मांस में बेहद कम कोलेस्ट्रॉल होता है, जो हृदय रोगियों के लिए काफी फायदेमंद होता है.
Last Updated : Apr 11, 2021, 6:28 PM IST
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